अल्पकालीन स्मरण तथा दीर्घकालीन स्मरण में क्या अंतर है ?

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प्रश्न – अल्पकालीन स्मरण तथा दीर्घकालीन स्मरण में क्या अंतर है ?
(What is the difference between STM and LTM.)
उत्तर – दोनों प्रकार के स्मरण की व्याख्या अलग-अलग तथा इन दोनों के बीच अन्तरों को बतला देना भी आवश्यक है –
  1. सत्ताकल (Duration) – अल्पकालीन स्मरण की अपेक्षा दीर्घकालीन स्मरण का सत्ताकाल अधिक लम्बा होता है । अल्पकालीन स्मृति अधिक-से-अधिक चालीस मिनट तक ठहर पाती है। मुर्डोक के अध्ययन में देखा गया कि 18 सेकण्ड में ही 80% विस्मरण हो गया। इसके विपरीत दीर्घकालीन स्मरण या स्मृति जीवन-काल तक ठहर सकती है । दीर्घकालीन स्मरण की कुछ सूचनाएँ वर्षों तक ठहरती हैं और कुछ जीवन के अंतिम क्षण तक ।
  2. कूटवद्ध (Coding) – अल्पकालीन स्मरण की सूचनाएँ कूटवद्ध नहीं होती है । वे असंगठित एवं अव्यवस्थित होती हैं। इसी कारण वे शीघ्र ही समाप्त हो जाती हैं। दूसरी ओर दीर्घकालीन स्मरण की सूचनाएँ कूटवद्ध एवं व्यवस्थित होती हैं । जिस प्रकार एक किरानी अपनी आलमारी में आवश्यक कागजात को सजा-सजा कर रखता है, उसी तरह दीर्घकालीन स्मरण की सामग्री सुसज्जित एवं व्यवस्थित रहती है ।
  3. रिहर्सल (Rehearsal) — अल्पकालीन स्मरण में रिहर्सल का अवसर नहीं मिलता है । इसी कारण सूचनाएँ कूटवद्ध नहीं हो पाती हैं और अल्पकालीन स्मरण से निकल जाती है । यदि किसी प्रयोज्य को मेमोरी ड्रम द्वारा दो-दो सेकण्ड तक दस निरर्थक पदों को एक-एक कर दिखलाया जाए तो प्रथम बार उसे किसी भी पद के रिहर्सल का अवसर नहीं मिलेगा । दूसरी ओर दीर्घकालीन स्मरण रिहर्सल का पूरा अवसर मिलता है । इसलिए, सूचनाएँ कूटवद्ध होकर अपेक्षाकृत स्थाई बन जाती है।
  4. चंचलता (Fluctuation) — अल्पकालीन स्मरण में चंचलता पाई जाती है । एक सूचना अल्पकालीन स्मरण में आती है तो दूसरी सूचना निकल जाती है। ऊपर वाले उदारहण पर ध्यान दें । जब प्रयोज्य सूची के पहले निरर्थक पद को देखता है तो वह पद उसके अल्पकालीन स्मरण में होता है। फिर, जब वह दूसरे या तीसरे पद को देखने लगता है तो पहला भुला जाता है यानी अल्पकालीन स्मरण से निकल जाता है। इसी तरह एक ओर से निरर्थक पद एक-एक करके अल्पकालीन स्मरण में आते-जाते हैं और दूसरी से निकलते जाते हैं। परन्तु, दीर्घकालीन स्मरण में यह चंचलता नहीं पाई जाती है ।
  5. विघटन (Disruption)—अल्पकालीन स्मरण में विघटन की सम्भावना जितनी ही अधिक है, दीर्घकालीन स्मरण में उतनी ही कम । अल्पकालीन स्मरण की सामग्री अव्यवस्थित तथा असंगठित होती है। इसलिए, इस पर वाधा का प्रभाव बहुत जल्दी पड़ता . है । ब्राउन के अनुसार सामग्री की मात्रा अधिक होने पर हल्की बाधा भी विघटन उत्पन्न कर सकती है । लेकिन, दीर्घकालीन स्मरण में विघटन का खतरा कम होता हैं । कारण, यहाँ सामग्री कूटवद्ध, संगठित एवं व्यवस्थित होती है ।
  6. प्राथमिक एवं अनुषंगी स्मरण (Primary memory and secondary memory)—अल्पकालीन स्मरण वास्तव में प्राथमिक स्मरण है जबकि दीर्घकालीन स्मरण स्मरण अनुषंगी स्मरण है। अल्पकालीन स्मरण को अल्पकालीन भंडार तथा दीर्घकालीन स्मरण को दीर्घकालीन भंडार भी कहते हैं । संवेदी सूचनाएँ पहले अल्पकालीन स्मरण या भंडार में जाती हैं और उनमें से कुछ सूचनाएँ निकल जाती हैं और कुछ कूटबद्ध होकर दीर्घकालीन स्मरण या भंडार के घटक बन जाती हैं। सूचनों के कुटबन्धन का आधार रिहर्सल-प्रक्रिया है ।

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