अल्पकालीन स्मृति के विस्मरण से सम्बद्ध मॉडल या तंत्रवाद की विवेचना करें ।
प्रश्न – अल्पकालीन स्मृति के विस्मरण से सम्बद्ध मॉडल या तंत्रवाद की विवेचना करें ।
(Discuss the models or mechanisms related to forgetting of STM.)
उत्तर – अल्पकालीन स्मृति में विस्मरण किस रूप में घटित होता है, इसकी व्याख्या मनोवैज्ञानिकों ने निम्नलिखित तीन मॉडल, तंत्रवाद या सिद्धान्त के आलोक में की है—
- क्षय मॉडल या तंत्रवाद (Decay Model or Mechanism) — अल्पकालीन स्मृति में घटित होने वाले विस्मरण की व्याख्या क्षय तंत्र के आधार पर की गई है । इस स्मृति में अभ्यास या रिहर्सल के अभाव में समय बीतने के साथ-साथ अर्जित सूचनाओं के स्मृति चिह्न अपने-आप कमजोर होने लगते हैं और अन्त में समाप्त हो जाते हैं । इस बात की पुष्टि ब्राउन के प्रयोग से होती है । उन्होंने अपने प्रयोग में कुछ व्यंजन अक्षरों को थोड़े समय के लिए कुछ प्रयोज्यों को दिखलाया । फिर 470 मिलीसेकंड के बाद उन अक्षरों का प्रत्यावाह्न लिया गया । इस अंतराल में रिहर्सल को रोकने के लिए प्रयोज्यों को उन अंकों का नाम बतलाने के लिए कहा गया जो 470 मिलीसेकंड के दौरान उनके सामने उपस्थित किए गए थे देखा गया कि प्रयोज्यों के व्यंजन अक्षरों के प्रत्यवाह्न में काफी ह्रास हुआ । दूसरी ओर कुछ समान प्रयोज्यों को उन व्यंजन अक्षरों को उतने ही समय तक दिखलाया गया और 470 सेकंड बाद उनका प्रत्यवाह्न लिया गया । यहाँ रिहर्सल रोकने का प्रयास नहीं किया गया । देखा गया कि प्रयोज्यों के प्रत्यावाह्न में कम ह्रास हुआ। स्पष्ट है कि STM में विस्मरण का मुख्य आधार समय का बीतना है ।
- हस्तक्षेप मॉडल या तंत्रवाद (Interference Model or Mechanism )— हस्तक्षेप मॉडल, तंत्रवाद या सिद्धान्त के अनुसार LTM की तरह STM में विस्मरण के होने का एक आधार सीखे गए विषय की धारणा में होनेवाला हस्तक्षेप या बाधा है । यह हस्तक्षेप दो तरह का होता है, जिन्हें पृष्ठोन्मुख अवरोध तथा अग्रमुखी अवरोध कहते हैं। मौलिक विषय को सीखने के बाद जब हम कोई दूसरा विषय सीखते हैं तो इस दूसरे विषय के सीखने का व्यापक प्रभाव मौलिक विषय की धारणा पर पड़ता है, जिससे उस विषय का आंशिक या पूर्ण विस्मरण हो जाता है । इसे RI कहते हैं। दूसरी ओर मौलिक विषय को सीखने के पहले सीखे गए विषय का बाधक प्रभाव भी मौलिक विषय की धारणा पर पड़ता है, जिससे मौलिक विषय का पूर्ण या आंशिक विस्मरण हो जाता है । इसे PI कहते हैं । इस बात की • पुष्टि कई प्रयोगों से होती है ।
- विस्थापन मॉडल या तंत्रवाद (Displacement Model or Mechanism) – इस मॉडल, तंत्रवाद या सिद्धान्त के अनुसार STM में सूचना का विस्मरण होने के लिए यह आवश्यक है कि उस सूचना से संबद्ध एकांश का विस्थापन किसी नए एकांश के द्वारा हो जाए। जैसे— STM में संचित एकांश ‘क’ का विस्मरण तभी होगा जब एकांश ‘ख’ STM. में प्रवेश करेगा जिसके परिणामस्वरूप एकांश ‘क’ एकांश ‘ख’ द्वारा विस्थापित हो जाएगा अर्थात उसका विस्मरण हो जाएगा। बौघ एवं नॉरमैन ने अपने प्रयोग के आधार पर विस्थापन सिद्धान्त का समर्थन किया। उनके अनुसार विस्थापन की प्रक्रिया यादृच्छिक होती है।
लेकिन वाइकेलग्रेन न विस्थापन संबंधी बौघ एवं नॉरमैन के विचार का विरोध किया और कहा कि विस्थापन का आधार यादृच्छिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि समानता प्रभाव है । यदि STM में पहले प्रवेश पाने वाले एकांश तथा बाद में प्रवेश पाने वाले एकांश समान हों तो पहले एकांश का विस्थापन अधिक होगा।
इस प्रकार स्पष्ट हुआ कि STM में विस्मरण की व्याख्या क्षय-सिद्धान्त, हस्तक्षेप सिद्धान्त तथा विस्थापन सिद्धान्त के आधार पर की गई है ।
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