असहयोग आन्दोलन के कारणों एवं परिणामों की व्याख्या करें।
प्रश्न – असहयोग आन्दोलन के कारणों एवं परिणामों की व्याख्या करें।
उत्तर – असहयोग आंदोलन (1920-22) गाँधीजी के द्वारा छेड़ा गया, प्रथम जनआंदोलन था। इस आंदोलन के कारण निम्न हैं –
(i) भारतीय क्रांतिकारियों की बढ़ती गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए मार्च 1919 में रॉलेट एक्ट बनाया गया। इसके अनुसार मात्र संदेह के आधार पर किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर विशेष अदालत में मुकदमा चलाकर उसे दंडित किया जा सकता था। भारतीयों ने इस ‘काला कानून’ का विरोध किया।
(ii) 13 अप्रैल, 1919 को वैशाखी मेले के अवसर पर अमृतसर के जालियाँवाला बाग में एक सभा का आयोजन किया गया। सभा के दौरान जनरल डायर ने बाग का प्रवेशद्वार बंद करवाकर उसने निहत्थे भीड़ पर अंधाधुंध गोलियाँ चलवा दी। इसमें सैंकड़ो लोग मारे गए, और भारतीय जनता आक्रोश हो गए।
(iii) तुर्की के खलीफा की प्रतिष्ठा को नष्ट कर दी गई। उसकी शक्ति को पुनर्स्थापना के लिए अली बंधओं ने खिलाफत आंदोलन चलाया। गाँधीजी उस आंदोलन को सत्य और न्याय पर आधृत मानते थे। रॉलेट एक्ट तथा जालियाँवाला बाग हत्याकांड के विरोध और खिलाफत आंदोलन के समर्थन में। अगस्त, 1920 को असहयोग आंदोलन आरंभ कर दिए।
परिणाम : विदेशी वस्त्रों और सरकारी शिक्षण संस्थाओं का बहिष्कार प्रभावशाली रहा । स्वदेशी की भावना बलवती हुई। खादी और चरखा का व्यवहार बढ़ गया। राष्ट्रीय शिक्षा के प्रसार के लिए काशी बिहार विद्यापीठ जैसी संस्थाएँ स्थापित की गई। नशाखोरी और छुआछूत को मिटाने का प्रयास हुआ। आंदोलन में पहली बार विभिन्न वर्गों के लोगों ने भाग लिया। इससे काँग्रेस का जनाधार विस्तृत हुआ और राष्ट्रवाद की भावना उत्तेजित हुई।
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