कविता में रुचि उत्पन्न करने के साधनों का विस्तारपूर्वक उल्लेख कीजिए।
प्रश्न – कविता में रुचि उत्पन्न करने के साधनों का विस्तारपूर्वक उल्लेख कीजिए।
उत्तर – शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण करना है। चरित्र निर्माण के लिए रुचि का स्वस्थ होना आवश्यक है। काव्य-अध्ययन द्वारा रुचियों का परिष्कार किया जा सकता है। अतः यदि हमें विद्यार्थियों के चरित्र का निर्माण करना है तो कविता के प्रति रुचि उत्पन्न कराना भी आवश्यक है। कविता में रुचि उत्पन्न करने के निम्नलिखित साधन हैं—
1. वाचन प्रतियोगिता,2. कविता – पाठ,3. अन्त्याक्षरी,4. कवि सम्मेलन,5. कवि- दरबार,6. कवि गोष्ठी, –7. काव्य संग्रह – पुस्तिका,8. समस्या – पूर्ति ।
- वाचन प्रतियोगिता – स्कूलों में वाचन प्रतियोगिताएँ समय-समय पर करानी चाहिए। शिक्षक को चाहिए कि वह छात्रों के समक्ष आदर्श वाचन प्रस्तुत करे और उसी प्रकार का अभ्यास छात्रों से भी कराये। इसके पश्चात् उन्हें कविताएँ कण्ठस्थ करने को कहे। जब बालकों को कविताएँ याद हो जाएँ तो वाचन प्रतियोगिताएँ कराये। इन प्रतियोगिताओं में कविता का सर्वेत्तम वाचन करने वाले छात्रों को पुरस्कार दिया जाना चाहिए।
- कविता-पाठ – शिक्षालयों में अनेक उत्सव होते रहते हैं, उदाहरणार्थ- गांधी जयन्ती। ऐसे उत्सवों पर कविता पाठ कराना चाहिए। छात्रों को कविता-पाठ के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
- अन्त्याक्षरी- अन्त्याक्षरी द्वारा कविता के प्रति रुचि उत्पन्न की जाती है। आजकल शिक्षालयों में अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता का अत्यधिक प्रचलन है। अन्त्याक्षरी द्वारा बालकों का मनोरंजन भी होता है। वे खेल में असंख्य कविताएँ कण्ठस्थ कर लेते हैं। वे कवियों से परिचित भी होते जाते हैं। काव्य के प्रति उनकी रुचि हो जाती है।
- कवि सम्मेलन – कवि सम्मेलन का आयोजन कर काव्य के प्रति रुचि उत्पन्न की जा सकती है। विद्यालयों में कवि-सम्मेलन आयोजित करने चाहिए। इनमें कवि आमन्त्रित किये जाते हैं। इस प्रकार छात्रों का साक्षात् रूप में कविताएँ सुनने का अवसर प्राप्त होता है। छात्र भी वैसा ही अनुकरण करने की चेष्टा करते हैं। छात्रों को भी इस बात का प्रोत्साहन देना चाहिए कि वे कवि-सम्मेलन में भाग लें।
- कवि दरबार – कवि- दरबारों से विद्यार्थियों को अत्यधिक लाभ होता है | कवि- दरबार में कवि नहीं आते हैं, अपितु कवियों का नाट्य-विधि से सम्मेलन किया जाता है । यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए अत्यन्त मनोरंजक होता है।
- कवि गोष्ठी – शिक्षालयों में कवि- गोष्ठियों का आयोजन अत्यन्त सरलता से किया जा सकता है। नगर के प्रमुख कवियों को आमन्त्रित किया जा सकता है। ऐसे अवसर पर विद्यार्थियों को भी कविताएँ सुनाने का अवसर प्रदान करना चाहिए ।
- काव्य संग्रह पुस्तिका – विद्यार्थियों द्वारा एक ऐसी पुस्तिका बनवानी चाहिए, जिसमें वे अनेक कविताओं का संग्रह करें। इसमें आधुनिक पत्र-पत्रिकाओं से प्रकाशित होने वाली कविताओं का संग्रह किया जा सकता है। कविता के साथ-साथ उससे सम्बन्धित चित्र भी चिपकवाये जा सकते हैं। इस प्रकार जब वे संग्रह करेंगे तो उनकी कविता के प्रति स्वतः रुचि उत्पन्न हो जायेगी।
- समस्या पूर्ति – समस्या – पूर्ति भी काव्य-रचना – शिक्षण का एक साधन है। छात्रों को एक पंक्ति समस्या के रूप में दे दी जाती है। छात्र समस्या – पूर्ति कर कविता बनाते हैं ।
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