छात्रों को प्रयोगशाला से क्या लाभ है ?
उत्तर – आधुनिक विज्ञान तथा तकनीकी के युग में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में व्यावहारिक पक्षों पर अधिकाधिक बल दिया जा रहा है। परम्परागत शिक्षा पद्धति में इस पक्ष की अपेक्षाकृत अवहेलना की जाती रही है । अतः अब विद्यालयों में प्रयोगशालाओं का महत्व बढ़ता जा रहा है । ‘करके सीखने’ की व्यावहारिक तथा जीवनोपयोगी माना जाता है । संसार के महान शिक्षाविदों ने उस शिक्षा पद्धति की कठोर आलोचना की है जो छात्र को व्यावहारिकता की शिक्षा प्रदान नहीं करती है तथा कोरी सैद्धान्तिक है ।
प्रगतिशील विद्यालयों में विभिन्न विषयों में प्रयोगशालाओं की व्यवस्था की जा रही है । केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) ने मिडिल स्तर पर गणित सम्बन्धी प्रयोगशाला को अनिवार्य कर दिया है ।
संक्षेप में प्रयोगशाला से छात्रों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं ।
- व्यावहारिक शिक्षा की प्राप्ति होती है ।
- वास्तविक शिक्षा प्रदान की जा सकती है ।
- रोचकता बढ़ाई जा सकती है ।
- ज्ञान अधिक स्थायी तथा जीवनोपयोगी बनाया जा सकता है ।
- छात्रों में प्रेरणा तथा रुचि का विकास होता है ।
- छात्रों में योजनाबद्ध कार्य करने के गुण का विकास होता है ।
- छात्रों की निरीक्षण शक्ति तथा चिन्तन शक्ति बढ़ती है ।
- छात्रों की स्वतंत्र रूप से कार्य करने की क्षमता का सहज ही विकास होता है ।
- प्रयोगशाला में कार्य करने में छात्रों की सभी ज्ञानेन्द्रियों का उपयुक्त प्रयोग किया जा सकता है ।
- अनेक प्रकार की प्रगतिशील शिक्षण विधियों जैसे डाल्टन योजना, प्रोजेक्ट प्रणाली, ह्यूरिस्टिक पद्धति आदि का प्रयोग किया जा सकता है ।
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