‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी में बहू ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया ?
प्रश्न – ‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी में बहू ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया ?
उत्तर – बहू को जब पता चला कि रंगप्पा उसकी सास मंगम्मा के पीछे पड़ गया है तो उसके कान खड़े हो गए। कहीं सास के रुपये-पैसे रंगप्पा न ले ले, इस आशंका से वह बेचैन हो गई। तब उसने योजना बनाई और अपने बेटे से कहा कि जा दादी के पास, तुझे मिठाई देती है न? अगर मेरे पास आया तो पीटूंगी। बस, बच्चा मंगम्मा के पास आकर रहने लगा। मंगम्मा भी उसे चाहती ही थी। एक दिन पोता जिद कर बैठा कि मैं भी बेंगलूर चलूँगा। मंगम्मा क्या करे? माथे पर टोकरा, बगल में बच्चा! मुसीबत हो गई। तब बेटे और बहू ने आकर कहा कि उस दिन गलती हो गई। यूँ कैसे चलेगा? मंगम्मा अब.. खुशी-खुशी बेटे-बहू के साथ रहने लगी। धीरे-धीरे बहू ने शहर में दही बेचने का धंधा भी अपने हाथ में ले लिया। उसकी मंशा पूरी हो गई ।
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