निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न दो अंकों का होगा।
प्रश्न – निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न दो अंकों का होगा।
(क) सोना की आज अचानक स्मृति हो आने का कारण है। मेरे परिचित स्वर्गीय डॉ० धीरेन्द्रनाथ वसु की पौत्री सुस्मिता ने लिखा है, “गत वर्ष अपने पड़ोसी से मुझे एक हिरण मिला था। बीते कुछ महीनों में हम उससे बहुत स्नेह करने लगे हैं, परन्तु अब मैं अनुभव करती हूँ कि सघन जंगल से संबद्ध रहने के कारण तथा अब बड़े हो जाने के कारण उसे घूमने के लिए अधिक विस्तृत स्थान चाहिए। कृपा करके आप उसे स्वीकार करेंगी? सचमुच मैं आपकी बहुत आभारी रहूँगी, क्योंकि आप जानती हैं, मैं उसे ऐसे व्यक्ति को नहीं देना चाहती जो उससे बुरा व्यवहार करे, मेरा विश्वास है, आपके यहाँ उसकी भली भाँति देखभाल हो सकेगी।”
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर दें –
(i) सुस्मिता किनकी पौत्री थी ?
(ii) सुस्मिता को किससे हिरण मिला ?
(iii) बीते कुछ महानों में सुस्मिता क्या करते लगी थी ?
(iv) विस्तृत स्थान किसके लिए चाहिए था?
(v) “कृपा करके आप स्वीकार करेंगी? “किसने किससे कहा ?
अथवा,
(ख) पूस की अँधेरी रात। आकाश में तारे भी ठिठुरते हुए मालूम होते थे। हल्कू अपने खेत के किनारे ईख के पत्तों की एक छतरी के नीचे बाँस के खटोले पर अपनी पुरानी चादर ओढ़े ठंढ से काँप रहा था। नीचे उसका पालतू जबरा नामक कुत्ता पेट में मुँह डाले सरदी से कूँ-कूँ कर रहा था। दोनों में से किसी को भी नींद नहीं आ रही थी। हल्कू ने घुटनों को गर्दन से चिपटाते हुए कहा, ‘क्यों जबरा’ जाड़ा लगता है? कहता तो था घर में पुआल पर लेटा रह, पर तू यहाँ दौड़ा-दौड़ा चला आया। अब खाओ ठंड, मैं क्या करूँ? जबरे ने पड़े-पड़े दुम हिलाई और वह अपनी कूँ-कूँ को दीर्घ बनाता हुआ एक बार जम्हाई लेकर चुप हो गया। उसकी श्वानबुद्धि ने शायद ताड़ लिया कि स्वामी को मेरी कूँ-कूँ से नींद नहीं आ रही है। हल्कू ने हाथ निकालकर जबरा की ठंडी पीठ सहलाते हुए • कहा, कल से मत आना मेरे साथ, नहीं तो ठंडे हो जाओगे। यह सर्द पछुआ न जाने कहाँ से बर्फ लिए आ रही है। उठू, फिर एक चिलम भरूँ।
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर दें –
(i) इस गद्यांश का एक उचित शीर्षक दें।
(ii) पूस की रात में हल्कू कहाँ सोया था ?
(iii) हल्कू के साथ दूसरा संगी कौन था?
(iv) ठंड कम करने के लिए हल्कू क्या किया करता था ?
(v) हल्कू ने हाथ निकालकर जबरा की पीठ सहलाते हुए क्या कहा ?
उत्तर –
(क) (i) सुस्मिता डॉ० धीरेन्द्रनाथ वसु की पौत्री थी ।
(ii) सुस्मिता को अपने पड़ोसी से हिरण मिला ।
(iii) बीते कुछ महीनों में सुस्मिता स्नेह करने लगी थी।
(iv) अब बड़े हो जाने के कारण उसे घूमने के लिए अधिक विस्तृत स्थान चाहिए।
(v) “कृपा करके आप स्वीकार करेंगी” ये सुस्मिता ने सोना से कहा ।
अथवा,
(ख) (i) शीर्षक – पूस की रात
(ii) हल्कू पूस की रात में अपने खेत के किनारे ईख के पत्तों की एक छतरी के नीचे बॉस के खटोले पर सोया था।
(iii) हल्कू के साथ दूसरा संगी उसका पालतू कुत्ता जबरा था ।
(iv) ठंड कम करने के लिए हल्कू चिलम (तंबाकू) पीता था।
(v) हल्कू ने हाथ निकालकर जबरा की ठंडी पीठ सहलाते हुए कहा, कल से मत आना मेरे साथ, नहीं तो ठंडे हो जाओगे।
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