भारतीय प्रेस की विशेषताओं को लिखें।
प्रश्न – भारतीय प्रेस की विशेषताओं को लिखें।
उत्तर – 19वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक कुलीन, सामंत और सामान्य जनता की समाचारपत्रों में रुचि नहीं थी। अतः, प्रेस चलाना घाटे का सौदा माना जाता था। साथ ही, सरकार का कोपभाजन बनने का भी खतरा था। इसलिए, समाचारपत्रों का प्रकाशन सीमित स्तर पर होता था, तथापि समाचारपत्रों ने सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलनों को बढ़ावा देकर तथा प्रजातीय विभेद की नीति की आलोचना कर राष्ट्रीय चेतना जगाई। 1857 के विद्रोह के बाद भारतीय समाचारपत्रों के प्रकाशन में तेजी आई। भारतीय प्रेस स्पष्टतः ऐंग्लोइंडियन और भारतीय में विभक्त हो गया। ऐंग्लोइंडियन प्रेस सरकारी नीतियों का समर्थक, ‘प्रजातीय विभेद को बढ़ावा देनेवाला एवं संरक्षण प्राप्त था, जैसे – इंगलिशमैन । इसके विपरीत, भारतीय समाचारपत्र (देशी और अँगरेजी भाषा में) सरकारी नीतियों का आलोचक था। इसने राजनीतिक-सामाजिक मुद्दों पर भारतीय दृष्टिकोण को रखा। 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध तथा 20वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध से समाचारपत्रों की संख्या में वृद्धि हुई तथा इसने राष्ट्रीय आंदोलन को गति दी। इसे सरकार का कोपभाजन भी बनना पड़ा।
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