भारत में बहुभाषिक परिदृश्य से आप क्या समझते हैं ?
प्रश्न – भारत में बहुभाषिक परिदृश्य से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – भारत क्षेत्रफल की दृष्टि से एक विशाल देश है। जहाँ जलवायु, भूगोल, संस्कृति, वनस्पत्ति, जल संबंधी अनेक विविधताएँ हैं। इसी प्रकार यहाँ भाषाई विविधता भी पायी जाती है। विश्व में बोली जाने वाली लगभग 5000 भाषाओं में से करीब 1600 से अधिक भाषाएँ भारत में बोली जाती है। इनमें से कुछ ही भाषाएँ ऐसी हैं जिन्हें भाषा कहा जा सकता है। अधिकांश भाषाएँ तो बोली मात्र हैं जिनका क्षेत्र बहुत सीमित है। कुछ बोलियाँ तो ऐसी हैं जिसके बोलने वालों की संख्या कुछ हजार मात्र है।
भारत में भाषाई विविधता इतनी प्रभावशाली है कि राज्यों का गठन भी भाषाई आधार पर ही किया गया है। इन राज्यों के अपने क्षेत्र में प्रचलित भाष को राजभाषा का दर्जा देख रहा है। भारतीय संविधान द्वारा भी 22 भाषाओं को मान्यता दी गई है ।
निष्कर्षतः हम कह सकते हैं कि भारत का पूरा परिदृश्य बहुभाषिक है और बहुभाषिकता हमारी सबसे बड़ी विशेषता है।
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