वंशानुक्रम से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – पीटरसन (1948) के अनुसार, “व्यक्ति को उसके माता-पिता के द्वारा उसके पूर्वजों से जो प्रभाव (stock) प्राप्त होता है, वहीं उसका वंशानुक्रम है (Heredity may be defined as what one gets from his ancestral stock through his parents.)” वंशानुक्रम में बच्चे के शारीरिक एवं मानसिक दोनों लक्षण आते हैं जिसे वह अपने माता-पिता से प्राप्त करता है। इन लक्षणों के वाहक होते हैं जीन (gene) । यह वंशानुक्रम ही है जो चमड़े के रंग, बालों के रंग, संरचना, लंबाई, ऊँचाई, चेहरे की बनावट को प्रभावित करता है।
वुडवर्थ एवं मारिक्स (1956) के अनुसार, ” वंशानुक्रम में वे सभी कारक आ जाते हैं जो व्यक्ति में जीवन आरंभ के सयम उपस्थित होते हैं, जन्म के समय नहीं वरन् गर्भाधान के समय अर्थात् जन्म से लगभग नौ माह पूर्व उपस्थित होते हैं।” (Heredity covers all the factors that were present in the individual when he began life, not at birth, but at the time of conception, about nine months before birth.)
डिंकमेयर (Don C. Dinkmayer, 1965) के अनुसार, “वंशानुगत कारक वे जन्मजात विशेषताएँ हैं जो बालक में जन्म के समय पाई जाती है। प्राणी के विकास में वंशानुगत शक्तियाँ प्रधान तत्त्व होने के कारण प्राणी के मौलिक स्वभाव और उसके जीवन चक्र की गति को नियंत्रित करती है। इन वंशानुगत तत्त्वों को प्राणी की संरचना और क्रियात्मकता से सम्बन्धित सम्पत्ति और ऋण समझना चाहिए क्योंकि इन्हीं तत्त्वों की सहायता से प्राणी अपने विकास के लिए जन्मजात तथा अर्जित क्षमताओं का उपयोग कर पाता है। ”
वंशानुक्रम का प्रभाव जीवन के प्रारंभ के समय ही नहीं बल्कि जीवन-पर्यन्त रहता है। माता के अंडाणु एवं पिता के शुक्राणुओं पर बालक की वंशानुगत विशेषताएँ निर्भर होती है। गर्भाधान के समय जीन्स (genes) भिन्न-भिन्न प्रकार से संयुक्त होते हैं अतः एक ही माता-पिता की संतानों में भिन्नता देखी जाती है। यह भिन्नता का नियम (Law of Variation) है। प्रत्यागमन के नियम (Law of Regression) के अनुसार प्रतिभाशाली माता-पिता की संतानें दुर्बल भी हो सकती है।
वैज्ञानिक अनुसंधानों के पूर्व यह माना जाता था कि वंशानुक्रम के प्रभाव माता-पिता खून के मिलने से परिलक्षित होते हैं। किंतु करीब सौ साल पूर्व मेण्डल ने इस दावे एवं धारणा को गलत साबित कर दिया। मेण्डल तथा अन्य वैज्ञानिकों के खोज ने यह सिद्ध कर दिया कि वंशानुक्रम जीन के द्वारा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित होता है। अब यह जानना जरूरी है कि जीन गर्भधान के समय बालक को कहाँ और किस प्रकार प्राप्त होते हैं। स्त्री और पुरुष के सहवास से स्त्री का अंडाणु ( Owen) तथा पुरुष के शुक्राणु (spermatozoa) मिलते हैं। इन दोनों कोशिकाओं को उत्पादित कण (germ cell) कहते हैं। इन दोनों के मिलने से एक नए कोश का निर्माण होता है। जिसे जाइगोट (zygote or fertilized egg) कहते हैं। इस जाइगोट में nuclus, cytoplasm एवं Chromosomes तीनों पाए जाते है। Chromosoms nuclus के अंदर रहते हैं। और पूरा Nucleus, Cytoplasm से भरा होता है। न्युक्लियस में स्थित chromosoms में ही वंशानुक्रम के वाहक genes पाए जाते हैं। वैसे तो chromosomes पतला सूत या रेश के समान होते हैं। रंग, रूप, लम्बाई, मोटाई, तथा अन्य शारीरिक व मानसिक गुणों का निर्धारण इन्हीं जीन्स के द्वारा होता है जो Chromosomes पर विभिन्न तरीकों से सजे रहते हैं। जाइगोट (zygote or fertilized egg) में 46 chromosomes पाए जाते हैं जिसमें 23 माता से एवं 23 पिता द्वारा पाए जाते हैं। Chromosomes दो प्रकार के को होते हैं—’X’ Chromosome तथा ‘Y’ Chromosomes पुरुषों में दोनों प्रकार के क्रोमोस्मोस पाए जाते हैं किन्तु स्त्री में सिर्फ X क्रोमोजाम्स ही पाए जाते हैं और ये हमेशा जोड़े में ही पाए जाते हैं।
स्त्रियों के एक अंडाणु के Nucleus में 23 जोड़े chromosomes 5 जो एक समान होते है, पाए जाते है। किंतु पुरुषों के एक germ cell के nucleus में 22 जोड़े एक समान क्रोमोजोम्स होते हैं। एवं 23 वाँ जोड़ा बेमेल होता है। इस 23 वें जोड़े में एक X Chromosome होता है एवं दूसरा Y इन सेक्स क्रोमोजोम्स (Sex chromosomes) कहलाता है। पुरुष में X chromosomes आकार में बड़े एवं y chromosomes का आकार छोटा होता है। स्त्रियों में पाए जाने वाले 23 जोड़े chromosomes समान आकार के होते हैं किंतु आकार में एक जोड़ा बड़ा होता है जो उनका sex chromosome कहलाता है। गर्भाधान के समय स्त्री के ovum से 23 जोड़े एवं पुरुष के शुक्राणु से 23 जोड़ें मिलकर 23 नये जोड

chromosomes का निर्माण करते हैं। अतः बालक गर्भाधान के समय कुछ गुण पिता से एवं कुछ गुण माता से ग्रहण करता है। बालक को यौन-निर्धारण ( sex determination) भी इसी समय हो जाता है। जब स्त्री-पुरुष के XY chromosomes मिलते हैं तो लड़का और जब XX chromosomes मिलते हैं, तो लड़की पैदा होती है। माता-पिता से प्राप्त जीन्स में जिसके जीन्स अधिक प्रभावशाली होते हैं, उसी से सम्बन्धित गुण बच्चे में आते हैं।
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