विकास से क्या तात्पर्य है ?
प्रश्न – विकास से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर – विकास से तात्पर्य केवल बढ़ना ही नहीं है। हरलॉक ने विकास को परिभाषित करते हुए कहा है कि, “विकास का अर्थ गुणात्मक परिवर्तनों से है। विकास की परिभाषा क्रमिक सम्बद्धतापूर्ण परिवर्तनों की प्रगतिपूर्ण श्रृंखला के रूप में दी जा सकती है।” अर्थात् वे व्यवस्थित तथा समुनगत परिवर्तन जो परिपक्वता प्राप्ति में सहायक हों विकास हैं। व्यवस्थित शब्द का अर्थ है कि इन परिवर्तनों में कोई न कोई क्रम अवश्य होगा और प्रत्येक परिवर्तन अपने पूर्व के परिवर्तन पर निर्भर रहेगा। समनुगत शब्द का आशय है कि सभी परिवर्तन में सामंजस्य बना रहेगा।
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