असहयोग आन्दोलन के कारण एवं परिणाम बताइए |
प्रश्न – असहयोग आन्दोलन के कारण एवं परिणाम बताइए |
उत्तर – 1920 ई० में गाँधीजी के द्वारा छेड़ा गया प्रथम जन आंदोलन असहयोग आंदोलन था। इस आंदोलन का प्रमुख कारणों में रॉलेट एक्ट का पारित होना, जालियाँवाला बाग हत्याकांड तथा खिलाफत आंदोलन था।
कारण –
(i) भारतीय क्रांतिकारियों पर अंकुश लगाने के लिए मार्च 1919 में रॉलेट एक्ट बनाया गया। इसके अनुसार मात्र संदेह के आधार पर किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर, मुकदमा चलाकर जेल भेजा जा सकता है। भारतीयों ने इसे काला कानून बताते हुए इसका विरोध किया।
(ii) 13 अप्रैल, 1919 को वैशाखी मेले के अवसर पर अमृतसर के जालियांवाला बाग में एक सभा का आयोजन किया गया। सभा के दौरान ही जनरल डायर ने निहत्थे भीड़ पर गोली चलाने का आदेश दिया। इसमें सैकड़ों व्यक्ति मारे गए और अनेकों जख्मी हुए। इससे पूरा देश आक्रोशित और हतप्रभ हो गया।
(iii) प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात तुर्की के सुलतान जो इसलामी जगत का खलीफा था, को शक्तिहीन बनाकर उसकी प्रतिष्ठा नष्ट कर दी गई। उसकी शक्ति को पुनः स्थापित करने के लिए अली बंधुओं ने खिलाफत आंदोलन चलाया। गाँधीजी इस आंदोलन को सत्य और न्याय पर आधृत मानते थे।
इन सभी कारणों के कारण ही गाँधीजी ने 1 अगस्त, 1920 को असहयोग आंदोलन चलाया।
परिणाम : विदेशी वस्त्रों और सरकारी शिक्षण संस्थाओं का बहिष्कार प्रभावशाली रहा। स्वदेशी की भावना बलवती हुई। खादी और चरखा का व्यवहार बढ़ गया। राष्ट्रीय शिक्षा के लिए काशी, बिहार विद्यापीठ, जैसे प्रमुख संस्थाओं का निर्माण किया गया। आंदोलन में पहली बार विभिन्न वर्गों के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इससे कांग्रेस का जनाधार बढ़ गया। राष्ट्रवाद की भावना उत्तेजित हो गई।
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