गद्यांश पर आधारित प्रश्न – 6 | JNV Class 6th Hindi solutions

गद्यांश पर आधारित प्रश्न – 6 | JNV Class 6th Hindi solutions

अनुच्छेद – 6

फादर कामिल बुल्के ईसाई पादरी थे। 1909 ई० के 1 सितम्बर को बेल्जियम में उनका जन्म हुआ। 1930 ई० में उन्होंने बेल्जियम के लुबेन विश्वविद्यालय से बी० एससी० ( इंजीनियरिंग) की परीक्षा पास की। इसमें वे ऊँचे अंक से उत्तीर्ण हुए। संन्यास- ग्रहण के बाद वे रोम के ग्रिगोरियन विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में सर्वोच्च अंक के साथ एम० ए० कर चुके थे ।
फादर कामिल बुल्के बेल्जियम से संन्यासी के रूप में 1935 ई० में भारत आये और यहीं बस गये । 1950 ई० में उन्होंने भारत की नागरिकता स्वीकार कर ली। उन्हें भारत में अपार आत्मीयता मिली। इससे उन्हें प्रसन्नता हुई और वे भारत को अपना ही देश मानने लगे थे। उन्हें हिन्दी से बहुत प्रेम हो गया और 1936 ई० में उन्होंने हिन्दी सीखना आरम्भ किया। वे गुमला के सन्त इग्नाशियस उच्च विद्यालय में गणित पढ़ाते थे । उसी विद्यालय की कक्षाओं में सबसे पिछली पंक्ति में बैठकर हिन्दी शिक्षक बी० बाड़ा से हिन्दी पढ़ते थे । उनका विश्वास था कि छात्र बनकर ही पढ़ाई की जा सकती है । अतः उन्होंने हिन्दी और संस्कृत का अभ्यास किया । 1994 ई० में उन्होंने हिन्दी छात्र के रूप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एम० एम० में नामांकन कराया । उन्होंने इसी विश्वविद्यालय से ‘रामकथा’ पर शोध-प्रबन्ध प्रस्तुत किया। उन्होंने ‘अंग्रेजी – हिन्दी कोष’ भी बनाया, जो बहुत प्रामाणिक है ।
फादर कामिल बुल्के हिन्दी के महान विद्वान् तथा अनन्य सेवक थे ।
1. फादर कामिल बुल्के कहाँ के रहनेवाले थे ?
(1) इंग्लैण्ड के
(2) फ्रांस के
(3) पुर्तगाल के
(4) बेल्जियम के 
2. फादर कामिल बुल्के ने कब भारत की नागरिकता ग्रहण की ?
(1) 1935 ई०
(2) 1950 ई० 
(3) 1940 ई०
(4) 1955 ई०
3. फादर बुल्के हिन्दी के—
(1) शिक्षक थे 
(2) विद्वान् थे
(3) छात्र थे
(4) जानकार थे
4. फादर बुल्के शिक्षक थे और अपने ही विद्यालय में पिछली पंक्तियों में बैठकर हिन्दी पढ़ते थे, क्योंकि —
(1) उनका विश्वास था कि छात्र बनकर ही पढ़ाई की जा सकती है 
(2) पढ़ने के लिए एकाग्र मन चाहिए
(3) छात्रों के साथ ही बैठकर पढ़ाई की जा सकती है
(4) पढ़ने के लिए किसी प्रकार का घमण्ड नहीं होना चाहिए
5. हिन्दी में फादर कामिल बुल्के की खोज क्या है ?
(1) हिन्दी भाषा
(2) रामकथा
(3) एम० एम० (हिन्दी) में उपाधि
(4) अंग्रेजी – हिन्दी कोष
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