गद्यांश पर आधारित प्रश्न – 15 | JNV Class 6th Hindi solutions

गद्यांश पर आधारित प्रश्न – 15 | JNV Class 6th Hindi solutions

अनुच्छेद – 15

यह घटना सुभाषचन्द्र बोस के बचपन की है।
“सुभाष, सुभाष, क्या कर रहा है, बेटे ?” -यह पुकारती हुई सुभाषचन्द्र बोस की माँ प्रभावती उनके कमरे में गईं। कमरा खाली था। अचानक उनकी दृष्टि आलमारी की ओर गई। उन्होंने देखा कि चींटियों की पंक्तियाँ वहाँ पर लगी हुई हैं। उन्होंने आलमारी खोली तो उनके आश्चर्य का ठिकाना न रहा। पुस्तकों के पीछे दो सूखी रोटियाँ पड़ी थीं, जिनमें चींटियाँ लगी हुई थीं। माँ को बेटे के इस विचित्र काम पर आश्चर्य हो रहा था। तभी बालक सुभाष कमरे में आए । उनका चेहरा उतरा हुआ था ।
माँ ने पूछा कि तुमने आलमारी में रोटियाँ क्यों रखीं ? इस पर बालक सुभाषचन्द्र बोस ने कहा – “माँ ! मैं प्रतिदिन अपने खाने में से दो रोटियाँ बचाकर एक बूढ़ी भिखारिन को दिया करता था । वह मेरे विद्यालय के रास्ते में खड़ी रहती थी। आज मैं रोटियाँ देने गया तो वह अपनी जगह पर नहीं थी । इसीलिए उसके हिस्से की रोटियाँ मैंने यहाँ रख दी थी । मैं अभी वहाँ गया तो पता चला कि उस बेचारी का निधन हो गया ।”
बेटे की इस सहृदयता तथा उदारता पर माँ प्रभावती का रोम-रोम गद्गद् हो गया। बालक सुभाषचन्द्र बोस के माथे को चूमती हुई वे बोलीं–‘‘बेटे ! तू मनुष्य नहीं, अवतारी है। मेरी कोख धन्य हो गई।”
1. सुभाषचन्द्र बोस की माँ को किस बात पर आश्चर्य हुआ ?
(1) आलमारी पर चींटियों की पंक्तियाँ चल रही थीं
(2) आलमारी में दो सूखी रोटियाँ रखी हुई थीं
(3) आलमारी में पुस्तकों के पीछे दो सूखी रोटियाँ पड़ी थीं 
(4) सुभाषचन्द्र बोस ने रोटियाँ चुराई
2. सुभाषचन्द्र बोस का चेहरा उतरा हुआ था, क्योंकि—
(1) माँ ने रोटियाँ फेंक दीं
(2) भिखारिन को रोटियाँ नहीं मिलीं
(3) आज भिखारिन नहीं आई थी
(4) आज भिखारिन का निधन हो गया
3. बालक सुभाषचन्द्र बोस की सहृदयता, दयालुता और उदारता का पता कैसे चलता है ?
(1) बालक सुभाषचन्द्र
(2) बालक सुभाष प्रतिदिन अपने खाने में से दो रोटियाँ भिखारिन को देते थे
(3) बालक सुभाष माँ से रोटियाँ माँग कर भिखारिन को रोज देते थे
(4) बालक सुभाष अपना भोजन भिखारियों में बाँटा करते थे
4. माँ प्रभावती का रोम-रोम गद्गद् हो गया, क्योंकि उनका पुत्र—
(1) महान पुत्र था
(2) मनुष्य नहीं अवतारी था
(3) दानी था
(4) दयालु था
5. माँ प्रभावती ने बालक सुभाष के माथे को चूमा, क्योंकि—
(1) पुत्र में देवता के गुण थे
(2) पुत्र में मनुष्य के गुण थे
(3) पुत्र में नेता के गुण थे
(4) पुत्र में भिखारिन के प्रति प्रेम था 
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