चुनौतीपूर्ण लिंग की समानता की शिक्षा तथा जनसंचार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें ।

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प्रश्न – चुनौतीपूर्ण लिंग की समानता की शिक्षा तथा जनसंचार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें । 
उत्तर– वर्त्तमान युग जन – संचार के साधनों का युग है । इन साधनों ने देश की हजारों किलोमीटर की दूरी को कम कर दिया है। जनसंचार के साधनों के द्वारा कम समय में सूचनाओं का आदान-प्रदान विशाल जनसमूह तक किया जाता है। जनसंचार के साधनों का प्रयोग जिन-जिन क्षेत्रों में किया जा रहा है, वे निम्न प्रकार हैं-
1. विचारों के आदान-प्रदान हेतु ।
2. जागरूकता लाने हेतु ।
3. महत्त्वपूर्ण विषयों तथा खबरों से अवगत कराने हेतु ।
4. संवेदनाएँ व्यक्त करने हेतु ।
5. आपस में ज्ञान-विज्ञान और तकनीकी आदान-प्रदान हेतु ।
6. शोषण तथा अन्याय के खिलाफ लड़ने में
7. सांस्कृतिक संरक्षण एवं हस्तान्तरण में ।
8. एक राय बनाने हेतु ।
9. कम समय में तथा कम व्यय में अधिकतम लोगों तक पहुँचाने हेतु ।
10. दूरियों तथा भेद-भावों को मिटाने हेतु ।
11. आधुनिकीकरण हेतु ।
12. लोककल्याण हेतु ।
13. शिक्षा के प्रसार हेतु ।
14. चुनौतीपूर्ण लिंग की शिक्षा की समानता हेतु ।
15. स्त्रियों की दशा में उन्नयन हेतु ।
16. राजनैतिक क्षेत्र में ।
17. आर्थिक गतिविधियों तथा क्रिया-कलापों के ज्ञान हेतु ।
18. राष्ट्रीय एकता और अखण्डता हेतु ।
19. मानवता तथा प्रेम का सन्देश देने हेतु ।
20. अन्तर्राष्ट्रीय की भावना के विकास हेतु ।
इस प्रकार जनसंचार के साधनों की पहुँच अत्यधिक व्यापक है और उनके द्वारा उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं जिनसे इसकी उपयोगिता और भी बढ़ गयी है । पारिवारिक. शोषण, अभद्र व्यवहार, चिकित्सा, देशी उपचार, मनोरंजन, देश-विदेश की खबरें, भविष्यवाणी,.. अर्थ जगत, राजनीति, सांस्कृतिक जगत्, खेल-कूद एवं स्वास्थ्य आदि की खबरें घर बैठे व्यक्ति देखता है । ज्ञान प्राप्त करता है और जागरूक होता है तो यह सब जनसंचार के साधनों के ही देन है । जनसंचार के साधनों के व्यापक प्रचार-प्रसार कार्यक्रमों द्वारा चुनौतीपूर्ण लिंग की शिक्षा की गति में तीव्रता आयी है ।

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