चुनौतीपूर्ण लिंग की समानता की शिक्षा में जनसंचार की भूमिका पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें ।
प्रश्न – चुनौतीपूर्ण लिंग की समानता की शिक्षा में जनसंचार की भूमिका पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें ।
उत्तर — जैसा कि ज्ञात है कि जनसंचार के साधन वर्त्तमान में अत्यधिक प्रभावी हैं और कोई भी क्षेत्र इनसे अछूता नहीं रह गया है। ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र यहाँ तक कि दुर्गम स्थलों पर भी जनसंचार के साधनों की पहुँच हो गयी है । चुनौतीपूर्ण लिंग की समानता हेतु शिक्षा में जनसंचार के साधनों की भूमिका का निरूपण निम्नवत् है :
- जनसंचार के साधनों द्वारा चुनौतीपूर्ण लिंग की समस्याओं से समाज को अवगत कराकर सहयोगात्मक वातावरण का सृजन किया जाता है ।
- जनसंचार के साधनों के द्वारा चुनौतीपूर्ण लिंग की समानता हेतु शिक्षा के विषय में जागरूकता उत्पन्न की जाती है ।
- जनसंचार के साधनों द्वारा विभिन्न प्रकार के शैक्षिक कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है जिससे प्रौढ़ तथा स्त्री शिक्षा के प्रति जागरूकता में वृद्धि हो रही है ।
- जनसंचार के साधन किताबों, कविताओं तथा लेखों के द्वारा चुनौतीपूर्ण लिंग के महत्त्व तथा शिक्षा और समानता का प्रसार कर रहे हैं ।
- जनसंचार के साधनों के द्वारा चुनौतीपूर्ण लिंग के साथ हो रहे दुर्व्यवहार, शोषण तथा अपराध एवं अशिक्षा सम्बन्धी समाचार लोगों तक पहुँचाये जाते हैं जिसके कारण इनकी समानता और शिक्षा के प्रति जागरूकता में वृद्धि हो रही है ।
- जनसंचार के साधन के द्वारा चुनौतीपूर्ण लिंग की समानता हेतु शिक्षा के लिए कानून और प्रशासन पर दबाव बनाया जाता है जिसके परिणामस्वरूप इनकी शैक्षिक उन्नति के कार्य को गति प्रदान करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं ।
- जनसंचार के साधनों द्वारा महिलाओं की सशक्त छवि प्रस्तुत की जाती है ।
- जनसंचार के साधनों के द्वारा शिक्षित महिलाओं के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान से परिचय कराया जाता है जिसके कारण लोगों में चुनौतीपूर्ण लिंग की शिक्षा के प्रति आकर्षण में वृद्धि हो रही है ।
- जनसंचार के साधन आँकड़े तथा डॉक्यूमेण्टरी इत्यादि का प्रस्तुतीकरण करते हैं जिसमें यह दिखाया जाता है कि अशिक्षित स्त्रियों से भरे समाज की आगे और कैसी दयनीय स्थिति होगी तो देखने वालों पर इसका जो प्रभाव पड़ता है वह चुनौतीपूर्ण लिंग की समानत के शिक्षा की दिशा में आगे जाता है ।
- जनसंचार के साधनों के द्वारा खुली बहस का आयोजन किया जाता है जिससे चुनौतीपूर्ण लिंग की शिक्षा में वृद्धि होती है ।
- जनसंचार के साधनों के द्वारा खुली बहस का आयोजन किया जाता है जिससे चुनौतीपूर्ण लिंग की शिक्षा में वृद्धि होती है ।
- कुछ जनसंचार के साधन ही ऐसे हैं जिनकी स्थापना चुनौतीपूर्ण लिंग की शिक्षा, सुरक्षा तथा समानता के लिए ही की गयी अतः ये इस क्षेत्र में प्रभावी भूमिका निभाते हैं ।
- जनसंचार के साधनों द्वारा जन सामान्य को उनकी दयनीय स्थिति से उबरने के लिए बिना किसी भेद-भाव के स्त्री शिक्षा को अपनाने हेतु प्रेरणा प्रदान की जाती है ।
- जनसंचार के साधनों द्वारा लिंगीय समानता की दिशा में किये गये संवैधानिक प्रावधानों से लोगों को अवगत कराया जाता है जिससे चुनौतीपूर्ण लिंग की समानता हेतु शिक्षा के कार्य में तेजी आ रही है ।
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