जनांकिकीय लाभ क्या है? आर्थिक संवृद्धि पर इसके प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।
- वहाँ की ज्यादातर जनसंख्या कार्यशील हो ।
- आश्रितता की दर कम हो, अर्थात् बहुत कम लोग यानी 15 वर्ष से कम या 64 वर्ष से ज्यादा आयु के लोग दूसरे पर निर्भर हैं।
- जनसंख्या का पिरामिड बीच में फैला हो । यह तभी संभव है जब सरकारें शिक्षा, बेरोजगारी, और अच्छा शासन देनी वाली संस्थाओं पर खर्च करें।
आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यह किसी देश के सामने 15 और 64 वर्षों के बीच की आबादी की उच्च हिस्सेदारी के अवसर को संदर्भित करता है। ऐसी स्थिति तक आती है जब 15 वर्ष की आयु के नीचे की आश्रित आबादी का कम होती है, दूसरी तरफ 15-64 वर्ष के बीच आबादी उच्च होती है। ऐसा पिछली पीढ़ी में उच्च जन्म दरों की वहज से होता है। यह निर्भरता अनुपात को कम कर देता है और इसलिए आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
जनांकिकीय लाभांश एवं आर्थिक विकास
किसी भी देश में कार्यशील आबादी (15-64 वर्ष) की संख्या बढ़ने से उस देश का आर्थिक विकास होता है। कार्यशील जनसंख्या काफी उपयोगी होती है। यह बहुत सारे घरेलू संसाधनों का बचत भी करती है। जनांकिकीय लाभ किसी देश की अर्थव्यवस्था के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
♦ जनांकिकीय लाभांश छः तरीके से आर्थिक विकास में मदद करता है –
- कार्यशील जनसंख्या अधिक होने से कार्य करने वाले श्रमिक आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
- दूसरा लाभ यह है कि यह मानवीय और भौतिक संसाधनों को पूरा करता है। बच्चों की देखभाल एवं उनके उचित विकास के लिए यह लाभकारी है।
- तीसरा लाभ यह है कि कार्यशील महिलाओं की उपलब्धता होती है। वर्तमान में कई ऐसे कार्य क्षेत्र हैं जहां महिलाएं अपना पूर्ण योगदान पुरूषों के बराबर देती हैं।
- बचत की भावना बढ़ती है। एक से ज्यादा लोगों के कार्य करने से ज्यादा आमदनी होती है। जिससे समानता तो आती ही है, साथ ही बचत भी होती है, जो कार्यशील आयुवर्ग के भविष्य के दृष्टिकोण से काफी उपयोगी है।
- युवा वर्ग में धन के बचत की आदत आरंभ से ही हो जाती है। यद्यपि इसका लाभ उन्हें आगे आने वाले समय में मिलता है।
- अंत में सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि मध्यम वर्गीय समाज का विकास होता है। उनमें विकास, शिक्षा, अपना घर, आर्थिक सुरक्षा की भावना जागृत होती है। इस कारण युवा वर्ग के लोग इसे प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक कार्य करते हैं जिससे उनकी स्थिति में बदलाव होता है।
कार्यशील जनसंख्या की उपलब्धता किसी भी देय में विज्ञान एवं नवीन तकनीकों के विकास का मार्ग प्रयास करती है। साथ ही यह नवीन वैज्ञानिक आविष्कारों एवं तकनीकों को अपनाने में सक्षम है फलतः यह आर्थिक संवृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। जनांकिकी लाभ की स्थिति के सर्वोत्तम प्रयोग हेतु अशिक्षित एंव अप्रशिक्षित जनसंख्या को शिक्षित एंव प्रशिक्षित जनसंख्या में बदलना अत्यंत आवश्यक है। सरकार को इस संदर्भ में क्रियान्वित कौशल विकास मिशन एवं गुणवतापूर्ण शिक्षा के प्रभावी संचालन पर बल देना होगा। विशेषकर असंगठित क्षेत्र में कार्यशील 30% श्रमिकों के लिए व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास का प्रबंधन करना अनवार्य है। ताकि उत्पादकता में और वृद्धि हो सके।
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जारी किए गए मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार भारत में मानव विकास अभी भी मध्यम ही है, जबकि चीन, श्रीलंका, थाइलैंड, फिलीपींस, मिस्र, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और यहाँ तक वियतनाम की स्थिति भी भारत की तुलना में बेहतर है। भारत को शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में और विकास करने की आवश्यकता है ताकि यह कार्यशील जनसंख्या के लिए उपयोगी हो। रोजगार के सर्वोत्तम अवसरों को उपलब्ध कराना सरकार का कार्य है। सरकार ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की स्थापना को, ताकि वर्ष 2022 तक 50 लाख लोगों को कार्य के क्षेत्र में दक्ष बनाया जा सके। विशेषकर निजी क्षेत्र में कार्यशील लोगों को ध्यान में रखकर इसे आरंभ किया गया है।
निष्कर्ष – जनांकिकीय लाभ आर्थिक संवृद्धि में सकारात्मक प्रभाव डालने में सक्षम है। 21वीं में भारत के लिए यह एक चुनौती है कि अपने 15 से 6. 64 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों की कार्यक्षमता का किस प्रकार से ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाए। साथ ही उन्हें कार्यकुशल बनाकर उन्हें दक्ष बनाया जाए ताकि उनका देश के विकास में योगदान हो ।
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