झारखण्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं खेल

झारखण्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं खेल

‘झारखण्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं खेल’ अध्याय में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं खेल के संख्यात्मक, विवरणात्मक एवं गुणात्मक पहलुओं की चर्चा की गई है. झारखण्ड में शिक्षा की वस्तुस्थिति से पाठकों को अवगत कराने हेतु 2011 की जनगणना के अनुसार स्त्री-पुरुष साक्षरता दर, जिलेवार साक्षरता दर, झारखण्ड में शिक्षा की स्थिति, अनुसूचित जनजातियों में साक्षरता प्रतिशत, ग्रामीण एवं शहरी आबादी के मध्य | साक्षरता दर, जनजातियों के मध्य महिलाओं में साक्षरता दर आदि की संख्यात्मक सूचना दी गई है.
झारखण्ड में शिक्षण संस्थानों सम्बन्धी सूचना भी दी गई है.
शिक्षा की बुरी स्थिति झारखण्ड में खराब स्वास्थ्य दशा का एक कारण है.
खेलकूद के सम्बन्ध में झारखण्ड के पूर्व एवं वर्तमान के राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों का विवरण दिया गया है तथा यहाँ के मुख्य स्टेडियम एवं मैदानों की सूची है.
> झारखण्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं खेल 
शिक्षा मानव-जीवन, समाज एवं विश्व के प्रति एक नया आयाम प्रदान करता है. झारखण्ड में शिक्षा की स्थिति बेहतर नहीं है. यहाँ साक्षरता एवं शिक्षा का स्तर निम्न है. जनजातियों के बीच यह और भी कम है. उनके मध्य शिक्षा प्रचार-प्रसार को लेकर सरकारी एवं गैर-सरकारी स्तर पर किये जा रहे प्रयासों में घोर कमी दिखती है. इसी का परिणाम है कि आज भी अधिकांश आदिवासियों तक शिक्षा की सुविधाएँ नहीं पहुँच सकी हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ कुल साक्षरता दर 66.4 प्रतिशत थी, जबकि इसी अवधि में पुरुष साक्षरता दर 76-8 प्रतिशत एवं महिला साक्षरता दर 55.4 प्रतिशत थी. जहाँ तक झारखण्ड के विभिन्न जिलों में शिक्षा स्तर का प्रश्न है साक्षरता दर के दृष्टिकोण से राँची का स्थान प्रथम है. 2011 में यहाँ साक्षरता दर (7 वर्ष और उसके ऊपर) 76.6 प्रतिशत है, जबकि पुरुषों में साक्षरता दर 84-26 प्रतिशत तथा महिलाओं में 67-44 प्रतिशत है. साक्षरता दर के आधार पर पाकुड़ जिला में शिक्षा का स्तर काफी निम्न था. यहाँ की कुल साक्षरता दर 48.82 प्रतिशत (2011) जबकि पुरुषों की साक्षरता दर 57.06 प्रतिशत एवं महिलाओं की साक्षरता दर 40.52 प्रतिशत थी.
झारखण्ड में शिक्षा स्तर में कमी है. इसके कुछ मुख्य कारणों में, शिक्षकों की कमी, शिक्षकों की स्कूल से अनुपस्थिति, स्कूल सुदूर गाँव में स्थित, गरीबी एवं अभिभावकों की अशिक्षा आदि मुख्य हैं. सम्पूर्ण झारखण्ड में कुल प्राथमिक स्कूलों की संख्या 46,773 (2014-15 में), सेकण्डरी स्तर के विद्यालय 4,563, हायर सेकण्डरी स्तर के विद्यालय 186 एवं 13 विश्वविद्यालय हैं.
(a) अन्य शिक्षण संस्थान
1. जेवियर लेवर रिसर्च इन्स्टीट्यूट – जमशेदपुर
2. जेवियर इन्स्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज – राँची
3. रीजनल इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी – जमशेदपुर
4. छोटा नागपुर लॉ कॉलेज – राँची
5. पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल – धनबाद
6. एम. जी. एम. कॉलेज एवं हॉस्पीटल –जमशेदपुर
7. राजेन्द्र मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल –राँची
8. इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ कोल मैनेजमेन्ट – राँची
9. कांके मेन्टल अस्पताल – राँची
10. लॉ कॉलेज (मान्यता समाप्)– हजारीबाग
(b) अनुसंधान एवं परामर्श केन्द्र
1. डी. जी. एम. एस. – धनबाद
2. सी. एम. पी. डी. आई. एन. – राँची
3. बिहार जनजातीय कल्याण शोध संस्थान – राँची
4. सेण्ट्रल फ्यूल रिसर्च इन्स्टीट्यूट – जादूगोड़ा
5. सेन्ट्रल माइनिंग रिसर्च इन्स्टीट्यूट – धनबाद
6. मेटालाजिकल एवं इन्जीनियरिंग कंसल्टेट्स (मेकॉन) – राँची
7. प्लानिंग एण्ड डिजाइनिंग इन्स्टीट्यूट लिमिटेड (एफ.सी.आई.) – सिन्दरी
> स्वास्थ्य
झारखण्ड की जनजातियों में स्वास्थ्य की स्थिति काफी खराब है. बिरहोर जैसी जनजातियाँ तो बुरे स्वास्थ्य के कारण समाप्ति के कगार पर हैं. झारखण्डवासियों के बुरे स्वास्थ्य का कारण अस्पताल, डिस्पेंसरी, ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों एवं नर्सों की अनुपलब्धता पेयजल की उत्तम व्यवस्था का अभाव आदि बुरे स्वास्थ्य के कारण जन्मदर एवं मृत्युदर राष्ट्रीय औसत से कम हैं.
स्वास्थ्य सम्बन्धी आँकड़ा (मार्च 2016) :
1. जिला अस्पताल
2. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र
3. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
4. उप स्वास्थ्य केन्द्र
5. सचल चिकित्सा इकाई
6. उपमण्डलीय चिकित्सालय (Sub Divisional Hospitals)
> खेलकूद
जनजातियों का जीवन गीत-संगीत एवं खेल में ही व्यतीत होता है. हॉकी यहाँ की जनजातियों का अतिप्रिय खेल है. भारत को सन् 1928 के एमस्टरडम ओलम्पिक में प्रथम बार हॉकी का विश्व विजेता झारखण्ड से अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हुए, जिनमें, जयपालसिंह, बुधवा उरांव, सराज लकड़ा, पुष्पा एक्का, राँची विजय नीलमनी खलको, केश्वर साहू, महावीर राम लोहरा, कामेश्वर रविदास, दशरथ तिम्बा, ठाकुर जसवन्त सिंह, अनिल कुमार जैसे एथलीटों ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को गौरवान्वित किया है. अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर झारखण्ड के अनेक हॉकी खिलाड़ियों ने भारत का नाम गौरवान्वित किया इनमें जसपाल सिंह, माईकल किन्डो, मनोहर टोप्पो, गोपाल गैंगरा, जैम्स केरकेटटा, लाल चन्द्र भैंगरा, अनमोल आईद आदि पुरुष हॉकी खिलाड़ियों तथा सावित्री पूर्ति, दयामनीसोय, विश्वासी पूर्ति, अलमा गुड़िया, सलामी पूर्ती, सलामी भैंगरा, हन्ना नाग, जसमनी सांगा, पुष्पा टोप्पो, ज्योति टोप्पो कुजुर, गोरेति तिर्की, उसैल टोप्पो, राजकुमारी बानरा, एस. सी. केरकेट्टा, सुमराय टेटे, मसीरा सुरीन, एडलिन केरकेट्टा, हेलेन सौय, आघिता लकड़ा, एल. के. मिंज, मारिस्टेला गुडिया, मारिस्टेला तिर्की, बिमला कुजूर, फरदीना, ज्योति कुजूर सीनियर, सिल्वानिया टोप्पो, ज्योति छोछराय, षाइना सिपौटटा, पूनम सुरीन, पुष्पा प्रधान, अमृतामिंज, सारिता तिर्की, सुशीला लकड़ा, अंजुला टोप्पो, अनिता एक्का, असुनता लकड़ा, कांतिका, सुकरो सांगा, जैसी महिला हॉकी खिलाड़ियों के नाम प्रमुख है. अन्य खेलों में अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी. थे – शेखर बोस, अचल तिर्की, जयदीप सरकार एवं राजेश कुमार (फुटबाल) वॉलीबाल एवं अशोक सेनापति, सुनील सुरीन, नितिन प्रधान आदि.
> झारखण्ड के मुख्य स्टेडियम एवं मैदान :
मैदान – स्थान
मेरून स्टेडियम – राँची
बिरसा स्टेडियम – राँची
जयपाल सिंह स्टेडियम – राँची
बी. एम. पी. – 1 स्टेडियम – राँची
रामटहल चौधरी वॉलीबाल स्टेडियम – राँची
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम
(एस्टो टर्फ स्टेडियम)
कीनन स्टेडियम  – जमशेदपुर
जे आर डी स्टेडियम – जमशेदपुर
टेल्को स्टेडियम – जमशेदपुर
रेलवे स्टेडियम (धनबाद) – धनबाद
मोहन आहूजा इनडोर स्टेडियम – जमशेदपुर
जहाँ तक झारखण्ड में खेलकूद के विकास का सम्बन्ध है, स्थिति बेहतर नहीं है. इस पूरे प्रदेश में खेल के ढाँचागत सुविधाओं का अभाव है. जमशेदपुर के विभिन्न स्टेडियम को छोड़ दिया जाए, तो अन्य स्टेडियम की हालत दयनीय है. सरकार को खिलाड़ियों के प्रोत्साहन हेतु सार्थक प्रयास करना होगा, क्योंकि झारखण्ड की टीम जूनियर स्तर पर राष्ट्रीय खेलकूदों में बेहतर प्रदर्शन करती है, किन्तु सीनियर स्तर पर हम कहीं नहीं टिक पाते हैं, इसका मूल कारण हमारा यहाँ उच्च शिक्षा के दौरान खेल के लिए कई ढाँचागत सुविधाओं की कमी है.
> मुख्य बातें
> झारखण्ड की जनजातीय आबादी में शिक्षा एवं स्वास्थ्य की स्थिति और भी खराब है.
> झारखण्ड में महिलाओं की साक्षरता दर 55-4 प्रतिशत है. ( 2011 की जनगणना के अनुसार)
> पुरुष साक्षरता दर 76-8 प्रतिशत एवं कुल साक्षरता दर 66-4 प्रतिशत है.
> 2011 की जनगणना के अनुसार साक्षरता की दृष्टि से राँची का स्थान झारखण्ड में प्रथम आता है.
> 2011 तक राँची में साक्षरता दर 76-06 प्रतिशत है.
> राँची जिले में इस अवधि में पुरुष एवं महिला साक्षरता दर क्रमशः 84-26 प्रतिशत एवं 67-44 प्रतिशत थी.
> झारखण्ड के पाकुड़ जिला में शिक्षा स्तर सबसे कम है. यहाँ की कुल साक्षरता दर 48-82 प्रतिशत (2011 की जनगणना के अनुसार ) जबकि पुरुषों की साक्षरता दर 57.06 प्रतिशत एवं महिलाओं की साक्षरता दरे 40-52 प्रतिशत थी.
> झारखण्ड में कुल 13 विश्वविद्यालय एवं 294 डिग्री कॉलेज हैं.
> झारखण्ड का प्रथम विश्वविद्यालय राँची विश्वविद्यालय है.
> झारखण्ड में जनसामान्य की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या है, क्योंकि यहाँ अवसंरचनात्मक सुविधाओं का अभाव है.
> झारखण्ड का जनजातीय बहुल इलाका खेलकूद के प्रति समर्पित क्षेत्र है.
> झारखण्ड ने अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी दिए हैं.
> झारखण्ड के तीन मुख्य शहर राँची, जमशेदपुर एवं धनबाद में अनेक स्टेडियम हैं.

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