निम्नलिखित गद्यांशों का अनुवाद हिन्दी में करें –
प्रश्न – निम्नलिखित गद्यांशों का अनुवाद हिन्दी में करें –
(क) प्रागेव यौवनदशायामहमतिदुर्वृत्तः आसम्। अनेक गोमानुषाणां वधान्मे पुत्रा मृता दाराश्च ।
(ख) मध्यकाले पाटलिपुत्रं वर्षसहस्रपरिमितं जीर्णतामन्वभूत् । तस्य संकेतः अनेकेषु साहित्यग्रन्थेषु लभ्यते ।
(ग) विरजानन्दस्य उपदेशात् वैदिकधर्मस्य प्रचारे सत्यस्य प्रचारे च स्वजीवनमसावर्पितवान्।
उत्तर –
(क) पहले ही जवानी अवस्था में मैं अति दुराचारी था। अनेक गायों और मनुष्यों के वध करने के कारण मेरे पुत्र और पत्नियाँ मर गईं।
(ख) मध्यकाल में पाटलिपुत्र (पटना) हजारों वर्ष तक जीर्ण-शीर्ण (भग्नावस्था) रूप में रहा। उसका संकेत (मुद्राराक्षस आदि) अनेक साहित्यिक ग्रंथों में मिलता है।
(ग) विरजानन्द के उपदेश से वैदिक धर्म के प्रचार और सत्य के प्रसार में उन्होंने (स्वामी दयानन्द) अपने जीवन को समर्पित कर दिए।
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