निम्नलिखित गद्यांशों का अनुवाद हिन्दी में करें

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
प्रश्न – निम्नलिखित गद्यांशों का अनुवाद हिन्दी में करें
(क) गङ्गायास्तीरे बुद्धकाले पाटलिग्रामः स्थितः आसीत् । यत्र च भगवान् बुद्धः बहुकृत्वः समागतः।
(ख) पश्चादलसानां सुखं दृष्ट्वा धूर्ता अपि कृत्रिममालस्यं दर्शयित्वा भोज्यं गृह्णन्त।
(ग) लौकिक संस्कृतसाहित्ये प्रायेण चत्वारिशत्कवयित्रीणां सार्धशतं पद्यानि ग इतस्ततो लभ्यन्ते ।
उत्तर –
(क) गङ्गा के तट पर बुद्ध के समय पाटलिग्राम स्थित था। और जहाँ भगवान बुद्ध अनेक बार आये थे।
(ख) उसके बाद आलसियों को सुखी देखकर धूर्त्त लोग भी बनावटी आलस्यपन दिखलाकर भोजन प्राप्त करते थे।
(ग) लौकिक संस्कृत साहित्य में प्रायः चालीस कवयित्रियों के एक सौ पचास पद्य स्फुट रूप में जहाँ-तहाँ प्राप्त होते हैं ।

हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..

  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *