निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न दो अंकों का होगा।

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प्रश्न – निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न दो अंकों का होगा। 
(क) महात्मा गाँधी ने आज से 30-35 वर्ष पूर्व बुनियादी शिक्षा का आंदोलन शुरू किया था। उसमें उन्होंने राष्ट्र के लिए कई प्रकार की प्रारंभिक शिक्षा का प्रस्ताव रखा था, जिसका केन्द्र शारीरिक श्रम और उत्पादन कार्य था और जिसका सामुदायिक जीवन से घनिष्ठ सम्बन्ध था। भारतीय शिक्षा के इतिहास में उसका महत्त्वपूर्ण स्थान था । वह एक शिक्षा के प्रति क्रांति थी जो भारत में कई सालों के अंग्रेजी शासन में परम्परागत प्रणाली पर बनी थी, जो अनुत्पादक और पुस्तकीय थी और जिसमें परीक्षाओं का महत्वपूर्ण स्थान था। बुनियादी शिक्षा से राष्ट्रीय चेतना जागृत हुईं। हो सकता है कि उससे प्राथमिक अवस्था में शिक्षा के रूप में कोई आमूल परिवर्तन न आया हो, किन्तु इतना अवश्य है कि एक अधिक बड़े क्षेत्र में शिक्षा संबंधी विचार और व्यवहार पर गहरी छाप पड़ी । हमारा यह विश्वास है कि इस प्रणाली की मूल बातें तत्त्वत: ठीक हैं और थोड़े संशोधन से उन्हें हमारी शिक्षा प्रणाली की न केवल प्राथमिक अवस्था पर अपितु सारी ही अवस्थाओं पर शिक्षा का अंग बनाया जा सकता है। ये तीन बातें इस प्रकार हैं— (क) शिक्षा में उत्पादक कार्यकलाप, अर्थात् कोई ऐसा विषय सिखाया जाय, जिससे छात्र कुछ कमाई भी करने योग्य हो सकें। (ख) पाठ्यचर्या का उत्पादक कार्यकलापों और भौतिक तथा सामाजिक पर्यावरण से सह-संबंध और (ग) स्कूल तथा स्थानीय जनसमुदाय से घनिष्ठ संबंध।
 निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर दें – 
(i) गाँधी जी ने किस शिक्षा का आन्दोलन शुरू किया था ?
 (ii) सामाजिक जीवन से उसका कैसा संबंध था?
 (iii) अंग्रेजों द्वारा चलाई गई शिक्षा पद्धति कैसी थी?
 (iv) बुनियादी शिक्षा के क्या लाभ हैं?
 (v) बुनियादी शिखा पद्धति में मुख्य तीन बातें कौन-कौन हैं?
अथवा,
(ख) अंग्रेजी सेनाध्यक्षों में क्लाइव का बहुत ऊँचा स्थान था। उसमें अदम्य उत्साह और वीरता के गुण थे। यह दयालु, गंभीर, दूरदर्शी तथा कुशल राजनीतिज्ञ था। वह कभी कठिनाइयों से नहीं घबराता था और जी तोड़ परिश्रम करता था। इंग्लैण्ड में उसके शत्रुओं ने उसके विरुद्ध एक लड़ाई छेड़ी, जिसमें उस पर बेईमानी करने का आरोप लगाया गया। यद्यपि वहाँ की संसद ने उसे इस आरोप से मुक्त कर निर्दोष घोषित कर दिया, तथापि वह सर्वथा निर्दोष हो ऐसा नहीं माना जा सकता। जहाँ तक इंग्लैण्ड के प्रति की गई उसकी महान सेवाओं का प्रश्न है, वहाँ तक तो सब ठीक है, परन्तु ‘उसने भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना की इस हेतु मात्र से ही उसे दोषहीन बताया जाए, सर्वथा अनुचित है। कारण यह है कि उसमें नैतिक कमजोरियाँ बहुत ही अधिक थीं। अपने देश के लिए अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए नीच से नीच कार्य करने से भी नहीं चुकता था। अमीचंद के साथ की गई धोखेबाजी और मीर जाफर के साथ किया गया उसका बेईमानी से भरा व्यवहार अक्षम्य है। उसके दुर्गुण का अनुकरणं उसके कर्मचारियों ने भी किया, परिणामस्वरूप ब्रिटिश इण्डिया कम्पनी में भ्रष्टाचार का बोल-बाला बढ़ गया।
 निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर दें – 
(i) क्लाईव कौन था, उसमें कौन-कौन गुण थे ?
 (ii) उसे बेईमान कौन सिद्ध करना चाहता था ?
(iii) इंग्लैण्ड की संसद ने उसे निर्दोष क्यों घोषित किया ?
(iv) उसके तीन नैतिक कमजोरियों का संकेत दीजिए।
(v) उसकी इन कमजोरियों का क्या परिणाम निकला ?
उत्तर –
(क) (i) गाँधीजी ने बुनियादी शिक्षा का आंदोलन शुरू किया था। (ii) सामाजिक जीवन से उसका घनिष्ठ सम्बन्ध था। (iii) अंग्रेजों द्वारा चलाई गई शिक्षा ऐसी थी जो अनुत्पादक और पुस्तकीय थी और जिसमें परीक्षाओं का महत्त्वपूर्ण स्थान था । (iv) बुनियादी शिक्षा से राष्ट्रीय चेतना जागृत हुई । (v) बुनियादी शिक्षा पद्धति में मुख्य तीन बातें हैं— (क) शिक्षा में उत्पादक कार्यकलाप (ख) पाठ्यचर्चा का उत्पादक कार्यकलापों और भौतिक तथा सामाजिक पर्यावरण से सह-संबंध और (ग) स्कूल तथा स्थानीय जनसमुदाय से घनिष्ठ संबंध।
अथवा,
(ख) (i) क्लाईव अंग्रेजी सेनाध्यक्ष था उसमें अदम्य उत्साह और वीरता के गुण थे। (ii) इंग्लैण्ड के कुछ शत्रुओं उसे बेईमान सिद्ध करना चाहता था । (iii) इंग्लैण्ड की संसद ने उसे निर्दोष घोषित किया क्योंकि इंग्लैण्ड के प्रति की गई उसकी महान सेवाओं के कारण। (iv) उसके तीन नैतिक कमजोरियाँ — अपने देश के लिए अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए नीच से नीच कार्य करने से भी नहीं चूकता था। अमीचंद के साथ की गई धोखेबाजी और मीर जाफर के साथ किया गया। (v) उसकी इन कमजोरियों का परिणाम यह निकला कि ब्रिटिश इण्डिया कम्पनी में भ्रष्टाचार का बोलबाला बढ़ गया।

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