निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए
प्रश्न – निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए
‘परंपरा का मूल्यांकन’ निबंध का समापन करते हुए लेखक कैसा स्वप्न देखता है? उसे साकार करने में परंपरा की क्या भूमिका हो सकती है विचार करें ।
अथवा,
‘एक वृक्ष की हत्या’ कविता की प्रासंगिकता पर विचार करते हुए एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर –
निबंध का समापन करते हुए लेखक यह स्वप्न देखता है कि समाजवादी व्यवस्था कायम होने के फलस्वरूप भारत एक समृद्ध एवं शक्तिशाली देश होगा। यहाँ के लोग साक्षर होकर सभी भाषाओं में रचित साहित्य का ज्ञान प्राप्त करेंगे और तब अंग्रेजी प्रभुत्व की नहीं वरन् ज्ञानार्जन की भाषा होगी। यहाँ के लोग एशिया और यूरोप के भाषा एवं साहित्य से परिचित हो ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में नवीन योगदान देने में समर्थ होंगे। लेखक के इस स्वप्न को साकार करने में परंपरा की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि भारतीय पंरपरा के अनेक जीवंत तत्त्व आज भी विद्यमान हैं और वे सबके लिए उपयोगी एवं कल्याणकारी हैं।
अथवा,
‘के’ कवि कहता है कि घर जो संस्कृति का प्रतीक है उसको बाहरी बुराइयों से बचाना होगा, शहर जो हमारी सभ्यता का प्रतीक है उसे मिटने से बचाना होगा। देश के अस्तित्व के लिए जितना खतरा बाहरी दुश्मनों से नहीं है, उससे ज्यादा खतरा अपने दुश्मनों से है। देश के अस्तित्व की सुरक्षा के लिए देश के भीतर के दुश्मनों पर कड़ी निगाह रखनी होगी, क्योंकि घर का भेदी ही घर को बरबाद करता है।
नदियाँ जो जल रूपी जीवन का प्रतीक हैं उसके अस्तित्व के साथ अपने जीवन की रक्षा करनी होगी। । वायु प्रदूषण से तरह-तरह की बीमारियाँ पैदा हो रही हैं। वायु प्रदूषण प्राणिजगत के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा है। अतः, कवि के अनुसार, हवा को धुआँ से बचाने के लिए सर्वोत्तम उपाय है वृक्षारोपण। पृथ्वी के अस्तित्व की रक्षा के लिए जंगलों की कटाई पर प्रतिबंध लगना चाहिए । मनुष्य संवेदनशील होते जा रहे हैं, अतः मनुष्य को जंगली होने से कवि बचाना चाहता है।
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