निम्नलिखित में किन्हीं आठ प्रश्नों के उत्तर दें –

प्रश्न- निम्नलिखित में किन्हीं आठ प्रश्नों के उत्तर दें – 
(क) आत्मा का स्वरूप कैसा है, वह कहाँ रहती है?
 (ख) पटना के प्रमुख दर्शनीय स्थलों का उल्लेख करें।
 (ग) पाटलिग्राम के सम्बन्ध में भगवान बुद्ध ने क्या कहा था?
(घ) अलसशाला के कर्मियों ने आलसियों की परीक्षा क्यों ली ?
(ङ) अलसशाला के कर्मियों ने आलसियों को आग से कैसे और क्यों निकाला ?
(च) आधुनिक काल की किन्हीं तीन संस्कृत लेकिखकाओं के नाम लिखें।
(छ) सात्विक दान क्या है?
 (ज) ‘भारतमहिमा’ पाठ में किन-किन पुराणों से पद्य संकलित हैं ?
(झ) संस्कार का मूल अर्थ क्या है?
 (ञ) केशांत संस्कार का गोदान संस्कार भी कहा जाता है, क्यों?
 (ट) ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ के आधार पर मूर्ख कौन है ?
 (ठ) राम प्रवेश राम का घर कहाँ था और कैसा था ?
 (ड) स्वामी दयानन्द ने अपने सिद्धांतों के संकलन के लिए क्या किया?
(ढ) सोने के कंगण को देखकर पथिक ने क्या सोचा?
 (ण) षट् वेदाङ्गों के नाम लिखें।
 (त) चन्द्रगुप्त मौर्य के समय में पाटलिपुत्र की रक्षा व्यवस्था कैसी थी?
उत्तर –
(क) कठोपनिषद् में आत्मा के स्वरूप का बड़ी अपूर्व विश्लेषण किया गया है। आत्मा मनुष्य की हृदय रूप गुफा में अवस्थित है। यह अणु से भी सूक्ष्म है। यह महान् से भी महान् है।
 (ख) संग्रहालय, उच्च न्यायालय सचिवालय गोलघर तारामण्डल अवशेष, महावीर मंदिर, गुरुद्वारा आदि पटना के प्रमुख दर्शनीय स्थल है।
(ग) पाटलिग्राम के सम्बन्ध में भगवान बुद्ध ने कहा था- -यह गाँव महानगर होगा। किन्तु आपसी झगड़ा। आगलगी और बाढ़ के भय से सदैव पीड़ित होता रहेगा। कालान्तर में पाटलिग्राम ही पटना कहा जाने लगा।
(घ) अलसशाला के कर्मचारियों ने आलसियों की परीक्षा इसलिए ली कि जो लोग आलसी नहीं थे वे भी बनावटी आलस्य को दिखाकर भोजन ग्रहण करने लगे थे जिसके कारण आलसी भवन का अधिक धन खर्च होने लगा था।
(ङ) चारों आलसी पुरुष आग लगने पर भी घर से नहीं भागे। वे चाहते थे कि कोई धार्मिक एवं दयालु व्यक्ति आकर आग पर जल, वस्त्र या कंबल डाल दें, जिससे आग बुझ जाए। आलसियों की वार्तालाप सुनकर योगी पुरुष को भय हुआ कि वे जल जाएँगे। इसलिए तब एक योगी पुरुष ने आकर उनके केशों को पकड़कर उन्हें ढकेलते हुए बाहर निकाला।
(च) आधुनिक काल के तीन संस्कृत लेखिकाओं के नाम हैं
(i) श्री कृष्णमूर्ति
 (ii) सुश्री वेदकुमारी
 (iii) श्री मधुसूदन मिश्र
(छ) देशकाल, स्थान एवं पात्र को ध्यान में रखकर दिया गया दान सात्विक होता है। बूढ़ा बाघ पथिक
को फँसाने के लिए गोतोपदेश सुनाता है। पथिक भी दान लेने के लिए योग्य पात्र मानता है।
 (ज) ‘भारत महिमा’ पाठ में पौराणिक और आधुनिक पुराणों से पद्य संकलित है। इनमें भारत की सुंदरता एवं भव्यता और भारतीयों की देशभक्ति आदि की और पाठक का ध्यान आकर्षित किया गया है।
(झ) संस्कार का मूल अर्थ है कि जीवन के सभी मुख्य अवसरों में वेदमंत्रों का पाठ, वरिष्ठों का आशीर्वाद हवन एवं परिवार के सदस्यों का सम्मेलन होना चाहिए।
(ञ) केशांत संस्कार में गुरु के घर में ही शिष्य का प्रथम क्षौरकर्म होता था। इसमें गोदान मुख्य कर्म था। अतः साहित्य ग्रंथों में इसका दूसरा नाम गोदान संस्कार भी प्राप्त होता है।
(ट) ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ के आधार पर मूर्ख वह है जो व्यक्ति बिना बुलाए आता है। बिना पूछे ही अधिक बोलता है। वह अविश्वासी पर भी विश्वास करता है।
(ठ) राम प्रवेश का घर बिहार राज्य अन्तर्गत ‘भीखनटोला’ नामक गाँव में हुआ था। यहाँ के लोग प्रायः निर्धन और अशिक्षित हैं। कुछ अत्यंत निर्धन परिवार गाँव के बाहर टूटी-फूटी झोपड़ियों में रहते हैं। भीखनटोला से लगी एक कोस की दूरी पर एक प्राथमिक विद्यालय है।
(ड) स्वामी दयानंद ने अपने सिद्धांतों के संकलन के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। वेदो के प्रति सभी अनुयायियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्होंने वेदों के उपदेशों को संस्कृत एवं हिंदी में लिखा।
(ढ) सोने के कंगन को देखकर पथिक ने सोचा कि भाग्य से ऐसा मिलता है। किन्तु यहाँ आत्म संदेह है। आत्म संदेह की स्थिति में कार्य नहीं करना चाहिए।
(ण) षट् वेदाङ्गों के नाम हैं – शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरूक्त, छन्द, और ज्योतिष
(त) चंद्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र की रक्षा व्यवस्था काफी मजबूत थी। यह सुंदर नगर था। अशोक के शासनकाल में इस नगर का वैभव और अधिक समृद्ध हुआ। एक युनानी राजदूत ने अपनी पुस्तक में इसकी चर्चा की है। उन्होंने लिखा है कि यह नगर दर्शनीय है।

हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..

  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *