निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 250-300 शब्दों में निबंध लिखें।
प्रश्न – निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 250-300 शब्दों में निबंध लिखें।
(क) परोपकार
(i) भूमिका
(ii) महत्त्व
(iii) उपसंहार
(ख) पुस्तकालय
(i) भूमिका
(ii) महत्त्व
(iii) उपयोगिता
(iv) हानि
(v) निष्कर्ष
(ग) व्यायाम
(i) भूमिका
(ii) लाभ
(iii) हानि
(iv) निष्कर्ष
(घ) शिक्षक दिवस
(i) भूमिका
(ii) महत्त्व
(iii) उपयोगिता
(iv) उपसंहार
उत्तर –
(क) परोपकार
(i) भूमिका – परोपकार एक ऐसी भावना होती है जो हर किसी को अपने अंदर रखना चाहिए। इसे हर व्यक्ति को अपनी आदत के रूप में विकसित भी करनी चाहिए। यह एक ऐसी भावना है जिसके तहत एक व्यक्ति वह भूल जाता है कि क्या उसका हित है और क्या अहित, वह अपनी चिंता किए बगैर नि:स्वार्थ भाव से दूसरो की मदद करता है।
(ii) महत्त्व — जीवन में परोपकार का बहुत महत्त्व है। समाज में परोपकार से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता। ईश्वर ने प्रकृति की रचना इस तरह से की है कि आज तक परोपकार उसके मूल में ही काम कर रही है। परोपकार प्रकृति के कण-कण में समाया हुआ है। जिस तरह से वृक्ष कभी भी अपना फल है, नदी अपना पानी नहीं पीती है, सूर्य हमें रोशनी देकर चला जाता है। परोपकार एक उत्तम आदर्श का प्रतीक है। पर पीड़ा के समान कुछ भी का अधम एवं निष्कृष्ट नहीं है ।
(iii) उपसंहार – तुलसीदास जी की युक्ति ‘परहित सरिस धर्म नहीं भाई’ से यह निष्कर्ष निकलता है कि परोपकार ही वह मूल मंत्र है, जो व्यक्ति को उन्नति के शिखर पर पहुँचा सकता है तथा राष्ट्र समाज का उत्थान कर सकता है। परोपकार से बढ़के कुछ नहीं है और हमें दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए कि वे बढ़-चढ़ कर दूसरों की मदद करें।
(ख) पुस्तकालय
(i) भूमिका – पुस्तकालय हमारे जीवन का अभिन्न अंग होता है क्योंकि पुस्तकालय में हम शांतिपूर्वक विभिन्न ज्ञानवर्धक किताबें पढ़कर ज्ञान का अर्जन कर सकते हैं जो कि हमारे जीवन को खुशहाल बनाता है और हमें सोचने समझने की शक्ति भी प्रदान करता है ।
(ii) महत्त्व – पुस्तकालय में पुस्तक पढ़ने के लिए शांत माहौल मिलता है जिसे एकाग्र होकर हम पढ़ाई कर सकते हैं। पुस्तकालय की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पाठकों को अंतर्मुखी और चिंतनशील बनाते हैं।
(iii) उपयोगिता – पुस्तकालय से हमें विभिन्न प्रकार की पुस्तक पढ़ने का अवसर प्रदान होता है। यहाँ पर हम विभिन्न प्रकार की भाषाओं वाली किताबें पढ़ सकते हैं।
(v) निष्कर्ष- अगर हमें हमारे देश में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना है तो प्रत्येक स्थान पर पुस्तकालयों की स्थापना की जानी बहुत आवश्यक है। साथ ही उन्हें सुचारू रूप से चलाने की भी आवश्यकता है। अच्छे पुस्तकालयों से हमारे देश के भविष्य का निर्माण अधिक तेजी से होगा।
(ग) व्यायाम
(i) भूमिका – खेलना-कूदना, दौड़ लगाना, उछलना आदि हमें बचपन से ही अच्छा लगता है। कहते हैं कि बच्चा जितना उछल-कूद करेगा, उतना ही बढ़ेगा और स्वस्थ भी रहेगा। जीवन में हर काम तभी अच्छा हो सकता है जब हमारा मन और शरीर दोनों स्वस्थ हों। ऐसा तभी हो सकता है जब हम नियमित रूप से व्यायाम करें।
(ii) लाभ – स्त्री हो या पुरुष, वृद्ध हो या अधेड़, युवा हो या बालक, सभी के लिए व्यायाम लाभकारी होता है। व्यायाम का मन उसकी बुद्धि और उसके शरीर के सभी तंत्र ठीक रहते हैं।
(iii) हानि – भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी के पास समय की कमी है। ऐसे में फिट रहने के लिए घंटों जिम में या मैदान में पसीना बहाना सभी के लिए संभव नहीं है, लेकिन फिट रहना भी जरूरी है। इसलिए कम समय में बेहतरीन फिटनेस हासिल करने के लिए हम कुछ ऐसा व्यायाम अपनाते हैं, जिनसे हमारे शरीर को फायदा मिलना तो दूर, नुकसान होने लगता है।
(iv) निष्कर्ष – पुराने ग्रन्थों में कहा गया है कि धन यदि चला जाय तो फिर लौट सकता है या उसके बिना भी मनुष्य जीवित रह सकता है; किन्तु स्वास्थ्य के बिना मनुष्य का जीवन निरर्थक बन जाता है। रोगी को न तो कोई भोजन और न ही कोई आमोद-प्रमोद खुश कर सकता है। अतः स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है और इसकी रक्षा के लिए व्यायाम करना आवश्यक है।
(घ) शिक्षक दिवस
(i) भूमिका – गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता, क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन खूबसूरत दुनिया में लाते हैं। कहा जाता है कि जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता-पिता होते हैं। भारत में प्राचीन समय से ही गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है, लेकिन जीने का असली सलीका हमें शिखक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं ।
(ii) महत्त्व- – इस दिन छात्र अपने शिक्षक और शिक्षिकाओं के सामने अपने विचार और अपनी भावनाएँ व्यक्त कर सकते हैं। शिक्षक दिवस के दिन देश के पूर्व उप राष्ट्रपति डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया जाता है। शिक्षक दिवस भारत के साथ अन्य देशों में भी मनाया जाता है।
(iii) उपयोगिता- इस दिन स्कूलों में पढ़ाई बंद रहती है। स्कूलों में उत्सव, धन्यवाद और स्मरण की गतिविधियाँ होती हैं। बच्चे व शिक्षक दोनों ही सांस्कृतिक गतिविधियाँ में भाग लेते हैं।
(iv) उपसंहार- – भारत में शिक्षक दिवस शिक्षकों के सम्मान में मनाया जाता है। क्योंकि वह पूरे वर्ष मेहनत करते हैं और चाहते हैं कि उनके छात्र विद्यालय और अन्य गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करें। इस दिन पूरे देश के विद्यालयों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों और शिक्षकों के रिश्तों को मजबूत बनाते हैं।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here