निम्नांकित पद्यांश से पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दें –

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प्रश्न – निम्नांकित पद्यांश से पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दें –
जिनसों सम्हल सकत नहिं तनकी, धोती ढीली-ढाली । देस प्रबंध करिहिंगे वे, यह कैसी खाम खयाली ॥
(i) यह पद किस पाठ से लिया गया है ?
(ii) इस पाठ के रचनाकार कौन हैं?
(iii) कवि का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर – (i) स्वदेशी
(ii) बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’।
(iii) कवि के कहने का भाव है कि दासता के कारण देशवासी व्यक्तित्व विहीन तथा चाटुकार हो गए थे। उन्हें अपना तथा अपने देश के गौरव का ख्याल नहीं था। वे यह भूल गए थे कि ‘जिसे अपने देश एवं जाति का अभिमान नहीं रहता वह, मृतवत् ‘ माना जाता है। वही व्यक्ति जीवित माना जाता है जो अपनी आन-मान तथा शान के लिए सबकुछ कुर्बान करने को तत्पर रहता है। खुशामदी तो कायर, डरपोकं एवं परमुखापेक्षी होता है। ऐसे व्यक्ति से देशोद्धार की आशा रखना बालू से तेल निकालने के समान है। इसीलिए कवि देशवासियों को स्वाभिमानी बनने के लिए प्रेरित करता है।

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