पद किसे कहते हैं – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
पद किसे कहते हैं – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
पद किसे कहते हैं?
जब किसी सार्थक शब्द का प्रयोग वाक्य में होता है तो उसे पद कहते हैं। सरल भाषा में समझे तो काल, वचन और लिंग आदि के वर्णो को पद कहा जाता है। कारक, वचन, लिंग, पुरुष इत्यादि में बँधकर शब्द ‘पद’ बन जाता है।
- राम आम खाता है – इस वाक्य में तीन अलग-अलग पद है , जैसे – राम, आम और खाता
- सीता गाती है।
- ईश्वर रक्षा करें।
ऊपर दिए गए उदाहरण में ‘सीता’ और ‘ईश्वर’ शब्द वाक्य में प्रयुक्त होकर पद में परिवर्तन हो जाते हैं।
पद क्या होता है ?
जब किसी भी प्रकार का सार्थक शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है तब वह ‘पद’ कहलाता है।
पद की परिभाषा | Pad Ki Paribhasha | Pad Kise Kahate Hain
पद की परिभाषा क्या है :- आपस मे जब दो या दो से अधिक यानी कि ( एक से ज्यादा ) व्यंजन एक साथ, एक जुट हो कर के मिलते हैं, तो शब्द गठन होता है। किंतु जब इसी शब्द को हम किस वाक्य में इस्तेमाल करते है, तो भी इसे हम पद कहते हैं।
अन्य शब्दों में पद की परिभाषा – जब भी हम किसी शब्द का प्रयोग किसी भी वाक्य के तहत उसका अर्थ निकलने के किया जाता है, तो वह पद कहलाता हैं। और ऐसा होने के बाद में शब्द विभक्त रहित होते है, लेकिन पद विभक्त सहित ही बनते है।
क्योंकि जब वाक्य में शब्द को वाक्य के अन्य शब्दों जैसे कि काल, वचन, लिंग, कारक इत्यादि। हिन्दी व्याकरण के नियमों के अनुसार उपयोग किया जाता हैं। कुछ इसी प्रकार से अंत वाक्य में प्रयोग करने के बाद शब्द ही पद कहलाता हैं।
जैसे हर एक व्यक्ति का कोई ना कोई परिचय और उसका पहचान होता हैं। हर एक व्यक्ति का नाम, माता का नाम, पिता का नाम, जाति, उस व्यक्ति का पता यानी कि उस व्यक्ति का परिचय होता हैं।
तो ठीक उसी प्रकार किसी वाक्य में प्रयोग होने वाले प्रत्येक शब्द का हिंदी व्याकरण के अनुसार परिचय जैसे की संज्ञा, लिंग, वचन, सर्वनाम, कारक, क्रिया, इत्यादि और कई सारे भी होता हैं।
और इसी को ही आमतौर पर पद या पद परिचय कहा जाता हैं।
पद परिचय के अन्य नाम या पर्यायवाची शब्द ‘ पदनिर्देश ’, ‘ पदविन्यास ’ साथ ही साथ ‘ पदच्छेद ’, हैं। तो कुछ इसी प्रकार से पद का परिभाषा होता है।
उदाहरण :-
- नरेश ने संजू को पुस्तक दी
नरेश = संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, ‘ने’के साथ कर्ता कारक, द्विकर्मक क्रिया ‘दी’के साथ।
संजू = संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
पुस्तक = संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक।
पद कितने प्रकार के होते हैं?
पद पाँच प्रकार के होते हैं- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा अव्यय।
पद के प्रकार –
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- क्रिया
- अव्यय
संज्ञा –
किसी भी व्यक्ति, वस्तु , गुण, द्रव्य, नाम, जाति, जगह, धर्म, इत्यादि के किसी भी नाम को संज्ञा कहा जाता है। संज्ञा को अंग्रेजी मे Noun कहते है, संज्ञा के भी पाँच भेद होते है ।
सर्वनाम –
संज्ञा के स्थान पर उपयोग किए जाने वाले शब्दों को ही सर्वनाम कहते है। जैसे कि कोई मनुष्य के नाम की जगह पर तुम या आप या वह, इत्यादि
विशेषण –
जो शब्द संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता को दर्शाता है और उसके जगह पर अपना बोध कराता है, उन शब्दों को हम विशेषण कहते है, विशेषण को अंग्रेजी में Adjective कहते है।
क्रिया –
जिन जिन शब्दों के माध्यम से किसी वाक्य में करने या होने का बोध होता है, तो उस शब्द को हम क्रिया कहते हैं और उस शब्द को क्रिया के रूप में प्रयोग किया जाता है।
अव्यय –
जिन जिन शब्दों में लिंग, कारक, वचन, क्रिया इत्यादि के वजह से उन में कोई भी परिवर्तन नहीं आता हो, उन्हें अव्यय कहते है।
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