पुष्पी पौधों में निषेचन क्रिया का सचित्र वर्णन करें।
प्रश्न – पुष्पी पौधों में निषेचन क्रिया का सचित्र वर्णन करें।
उत्तर – परागंण क्रिया पूरी हो जाने के बाद वर्तिकाग्र पर पड़ा हुआ परागकण वर्तिकाग्र के लसदार पदार्थ को सोखकर अंकुरित होने लगता है। अंकुरण के फलस्वरूप एक परागनली बनती है जो वर्तिका में घुसती हुई अंडाशय तक पहुंचती है। परागकण का केन्द्रक विभक्त होकर दो नर युग्मक बनाता है जो परागनलिका के साथ भीतर ही भीतर अंडाशय तक पहुँच जाते हैं। ये नर युग्मक अंडाशय में घुसते ही दो मादा युग्मको (ध्रुवीय केन्द्रक एवं अंड कोशिका) से संयुक्त हो जाते हैं।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here