बालक के सामाजिक विकास में परिवार की भूमिका का वर्णन करें।
प्रश्न – बालक के सामाजिक विकास में परिवार की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर- बालक का सामाजिक विकास परिवार से ही आरंभ होता है। बालक सबसे पहले अपने माता-पिता और परिवार के लोगों के सम्पर्क में आता है। परिवार को बालक के सामाजिक विकास की सर्वोत्तम संस्था माना जाता है। जिन परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेमभाव और मधुर संबंध होते हैं उन परिवारों के बच्चे दूसरों के साथ घुलमिलकर मित्रवत रहना सीखते हैं। परिवार के द्वारा ही बालक शिष्टाचार, शदाचार की शिक्षा ग्रहण करता है। परिवार बालक को सीखाता है कि वह शिष्ट व्यवहार करे, मीठा वाणी बोले, बड़ों का सम्मान करें, उनका उचित अभिनंदन करें। संस्कारों की प्रथम पाठशाला घर-परिवार होता है जिसके प्रथम शिक्षक माता-पिता होते हैं। इनमें माता का क्रम पहला होता हैं।
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