भारतीय लोकतंत्र की दो चुनौतियों का वर्णन करें।
प्रश्न – भारतीय लोकतंत्र की दो चुनौतियों का वर्णन करें।
उत्तर – लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में शासन का संचालन किसी-न-किसी राजनीतिक दल द्वारा किया जाता है। जहाँ शासन-व्यवस्था में जनता की इच्छा एवं आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होती है तो इसकी सारी जिम्मेवारी राजनीतिक दलों पर ही होती है। राजनीतिक दलों के ये चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं-
(i) आंतरिक लोकतंत्र की कमी : लोकतांत्रिक देशों के राजनीतिक दलों के सभी अधिकार एक व्यक्ति में या कुछ व्यक्तियों के समूह में सिमट गए हैं। दलों के अंदर लिए जाने वाले निर्णयों में दलों के सभी सदस्यों से सहमति नहीं ली जाती है। दलों के विभिन्न पदों पर दल के ही प्रमुख नेताओं एवं उनके सगे-संबंधियों का कब्जा होता है। भारत जैसे देश में राजनीतिक दलों के अंदर लोकतांत्रिक व्यवस्था का अभाव है जो उनके लिए गंभीर चुनौती है।
(ii) नेतृत्व का संकट : प्राय: भारत के सभी राजनीतिक दलों में नेतृत्व का संकट है। सही अर्थ में आज अधिकांश राजनीतिक दलों में कोई ऐसा नेता नहीं है जो सर्वमान्य हो और वह दल को सही दिशा दे सके। इसके अलावा राजनीतिक दलों में युवा एवं महिला नेतृत्व का भी अभाव देखा गया है। युवाओं की राजनीति में अपना भविष्य सुरक्षित नहीं लगता है। फलतः राजनीतिक दलों में नेतृत्व का संकट हो गया है।
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