भारत में भूमंडलीकरण (ग्लोबलाइजेशन) के सकारात्मक तथा नकारात्मक प्रभावों की गंभीरतापूर्वक विवेचना कीजिए। विज्ञान तथा तकनीक नकारात्मक प्रभावों को कैसे कम कर सकते है? व्याख्या करें।

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प्रश्न – भारत में भूमंडलीकरण (ग्लोबलाइजेशन) के सकारात्मक तथा नकारात्मक प्रभावों की गंभीरतापूर्वक विवेचना कीजिए। विज्ञान तथा तकनीक नकारात्मक प्रभावों को कैसे कम कर सकते है? व्याख्या करें।
उत्तर – वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें व्यापार सेवाओं या तकनीकियों का पूरे संसार में वृद्धि विकास और विस्तार किया जाता है। यह विभिन्न व्यापारों या व्यवसायों का पूरे संसार के विश्व व्यापार में विस्तार करना है। विश्व भर में आर्थिक अन्तर्निहिता के लिए बहुत बड़े स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय निवेश की आवश्यकता है, जिससे बहुत बड़े बहुराष्ट्रीय कारोबार का विकास किया जा सके। इसके लिए वैश्विक बाजार में व्यवसायों के परस्पर संपर्क और आंतरिक आत्मनिर्भरता को भी बढ़ाना होगा। पिछले कुछ दशकों में वैश्वीकरण या ग्लोबलाइजेशन ने तकनीकी उन्नति का रूप ले लिया है, जिसके परिणामस्वरूप लोगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यात्रा संचार और व्यापार आसान हो गया है।

भूमंडलीकरण का भारत पर सकारात प्रभाव – 

  • भूमंडलीकरण के द्वारा भारत जैसे विकासशील देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संभव होने से पूँजी की समस्या का सामाधान संभव होता जा रहा है तथा ऋणग्रस्तता भी नहीं बढ़ रही है।
  • प्रत्यक्ष विदेश निवेश के साथ तकनीकी का हस्तांतरण भी होता है। जिससे भारत में उत्पादन क्षमता एवं संवृद्धि दर पर अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है।
  • भूमंडलीकरण के कारण बहुत सी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही हैं। इसलिए हजारों लोगों को उच्च तनख्वाह मिल रही है और उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।
  • स्थानीय कंपनियाँ इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कच्ची सामग्री की आपूर्ति करती हैं, जिससे स्थानीय कंपनियों को भी फायदा हो रहा है।
  • स्थानीय कंपनियों में प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ गई है। वे इसके लिए नवीन तकनीक का प्रयोग कर रही हैं ।
  • भारत की कुछ कंपनियाँ विदेशी कंपनियों के साथ समझौता कर रही हैं, जिसका लाभ उनको भी मिल रहा है।
  • भूमंडलीकरण के कारण आईटी (IT) क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावना बढ़ गई है। बड़ी संख्या में भारतीय युवा इसमें कार्य कर रहा है।
  • भूमंडलीकरण से उत्पादन लागत में कमी होती है जिससे वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों में कमी होती है। अतः इस प्रक्रिया से सबसे अधिक लाभ उपभोक्ता वर्ग को हो रहा है।
  • भूमंडलीकरण की प्रक्रिया में प्रतिबंधों की समाप्ति सुनिश्चित होती है, जिससे एकाधिकारवादी प्रवृत्ति हतोत्साहित हो रही है।
  • भू-मंडलीकरण के द्वारा अर्थव्यवस्था खुलने से विभिन्न देशों के निवासियों के मध्य आपसी समन्वयन बढ़ा है, इससे सामाजिक विकास के प्रयासों, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं का भी विस्तार हो रहा है।
  • भूमंडलीकरण के प्रभाव के कारण 2050 तक भारत की 50 प्रतिशत जनसंख्या नगरों में रहने लगेगी। सेवा क्षेत्र में रोजगार में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे अब लोग गाँव शहर की ओर तेजी से पलायन कर रहे हैं।
  • भूमंडलीकरण के कारण आज हमारे खान पान में भी बदलाव हो रहा है। भारत के अंदर अब पिज्जा, बर्गर, चाइनीज फूड और अन्य पश्चिमी देशों की खाद्द सामग्री काफी लोकप्रिय हो गई है।
  • लोगों के पहनावे में भी काफी बदलाव आया है। पारंपरिक रूप से पहले भारतीय महिलाएँ साड़ी एवं सूट आदि पहनती थीं, लेकिन भूमंडलीकरण का ही प्रभाव है कि आज भारत में महिलाएँ पश्चिमी देशों की महिलाओं की तरह आधुनिक कपड़े पहन रही हैं।
  • भूमंडलीकरण के कारण विभिन्न देशों के लोगों के बीच विचार विनिमय, समानता एवं परंपरा के विनिमय को गति मिल रही है, जिससे हमारी सोच एवं व्यवहार काफी व्यापक हुआ है।
  • भूमंडलीकरण के कारण बाजार में विविध प्रकार की वस्तुएं आ गई हैं, जिससे ग्रहकों को उचित दाम पर अच्छे समान मिलने लगे हैं।

भूमंडलीकरण के नकारात्मक प्रभाव

भूमंडलीकरण के नकारात्मक पक्ष भी हैं, जो निम्नवत हैं –

  • भूमंडलीकरण के कारण आज बाजार में प्रतिस्पर्धा बहुत तेज हो गई । प्रत्येक छोटी-बड़ी वस्तुओं के एक से ज्यादा उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं। यहाँ तक विभिन्न अन्य देशों के उत्पाद भी इसमें शामिल हो गए हैं। जिससे स्थानीय उत्पादकों की नुकसान हो रहा है। वे विदेशी उत्पादों से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।
  • आर्थिक उदारीकरण के नाम पर आज सक्षम देशों द्वारा भारत जैसे देश को बाजार में तबदील किया जा रहा है। जिसकी वजह से हमारे देश में कुटीर व लघु उद्योग समाप्त होते जा रहे है। स्वावलंबन घट रहा है, बेरोजगारी बढ़ रही है।
  • शहरों में बड़ी बड़ी कंपनियों के खुल जाने के कारण आज गाँवों से लोग रोजगार की तलाश में शहर की ओर आ रहे हैं, जिससे शहर की आबादी अनायास ही बढ़ती जा रही है। जो एक बड़ी समस्या है।
  • भूमंडलीकरण के कारण हमारे पर्यावरण को निरंतर नुकसान हो रहा है। यह विषैला होता जा रहा है। विकास के नाम पर प्रकृति का अंधाधुंध शोषण व दोहन किया जा रहा हैं।
  • कृषि क्षेत्र के लिए उपलबध भूमि अब उद्योगों की भूमि में तब्दील होती जा रही है और हमारे किसान भूमिहीन होते जा रहे हैं। कृषि उत्पाद मंहगे होते जा रहे हैं।
  • भूमंडलीकरण के कारण आज स्वास्थ्य सेवाएँ मंहगी होती जा रही हैं। बर्ड फ्लू, इबोला जैसे वायरस का भी वैश्विक स्तर पर प्रसार होने लगा है। इससे भारत भी अब अछूता नहीं रहा है। यहाँ भी ऐसे खतरनाक रोग फैलने लगे हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े स्तर पर अब निवेश किया जा रहा है।
  • बाल श्रम पर संविधान द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद भी आज भूमंडलीकरण के कारण श्रमिकों की बढ़ती मांग की वजह से भारत में 60 से 115 मिलियन बच्चे बाल श्रम से जुड़े हैं। भूमंडलीकरण के कारण आज भारत में 300,000 बच्चे हाथ से बनने वाले क्राफ्ट के उद्योगों में कार्यों में लगे हैं, जो प्रतिवर्ष देश से 300 मिलियन डॉलर का निर्यात करते हैं।
  • भूमंडलीकरण के कारण पाश्चात्य संस्कृति और परंपरा, भारतीय संस्कृति में पैर पसार रही है, जिसकी वजह से आज हमारी भारतीय संस्कृति के मूल्यों में गिरावट आती जा रही है। आज देश में संयुक्त परिवार का स्थान एकाकी परिवार ने ले लिया है।

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