मंद बुद्धि बालक से क्या तात्पर्य है ? मंद बुद्धि बालक के लक्षण एवं स्तर की विवेचना करें।
उत्तर- प्रत्येक समाज में कुछ न कुछ ऐसे बालक अवश्य होते हैं जो बौद्धिक दृष्टि कमजोर होते हैं। उनमें से कुछ ऐसे होते हैं जो स्वयं अपना जीवन निर्वाह करने में असमर्थ होते हैं। इन्हें दैनिक जीवन की आवश्यकाओं को पूरा करने के लिए भी दूसरे व्यक्तियों की सहायता होती है। इन्हें भोजन कराना पड़ता है, कपड़े पहनाने पड़ते हैं। दूसरे शब्दों में, इन्हें छोटे बच्चों को देखभाल और सुरक्षा करनी पड़ती है। मानसिक मन्दता (Mental Retardation) शब्द के स्थान पर अन्य अंग्रेजी शब्दों का उपयोग भी किया जाता है; जैसे मानसिक मन्दता (Mental Deficiency), मानसिक दुर्बलता (Feeble Mindedness)। इनका समायोजन सामान्य से निम्न स्तर का होता है।
एस० डी० पोर्टियस (1953) के अनुसार, “दुर्बल बुद्धि व्यक्ति वह है, जिनमें स्थायी मन्दता अथवा सीमित मानसिक विकास पाया जाता है। यह सीमित मानसिक विकास छुटपन से होता है। मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति स्वयं अपना काम करने और अपनी सहायता से अयोग्य होते हैं। ”
अमेरिकन एसोसिएशन ऑन मेण्टल डेफिशिएन्सी (1959) के अनुसार, “मानसिक मन्दता में सामान्य बौद्धिक प्रकार्य सामान्य से कम स्तर के होते हैं। मानसिक मन्दता की उत्पत्तिं विकासात्मक अवस्थाओं में होती है और समायोजित व्यवहार को क्षति पहुँचाने से भी यह सम्बन्धित है। ”
ई० ए० डॉल (1941) के अनुसार, “मानसिक दुर्बलता सामाजिक अयोग्यता की वह अवस्था है जो परिपक्वता पर प्राप्त होती है। यह बुद्धि के विकास के सीमित हो जाने से उत्पन्न होती है जिसकी उत्पत्ति शारीरिक कारकों के कारण होती है। मानसिक दुबर्लता उपचार और प्रशिक्षण द्वारा ठीक नहीं होती है। ”
उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर मानसिक दुर्बलता की निम्नलिखित विशेषताएँ –
- बौद्धिक प्रकार्य सामान्य से कम स्तर के होते हैं।
- मानसिक विकास सीमित होता है।
- मानसिक दुर्बलता स्थायी होती है।
- मानसिक दुर्बलता को उपचार और प्रशिक्षण के द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है।
- इसकी उत्पत्ति शारीरिक कारणों से होती है।
- इनकी उत्पत्ति विकासात्मक अवस्थाओं में होती है।
- मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति अपनी स्वयं सहायता के अयोग्य होता है।
- मानसिक दुर्बलता के कारण बालक का सामाजिक व्यवहार को क्षति पहुँचती है।
- क्रो और क्रो के अनुसार मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्तियों की IQ 70 से कम होती है।
- जड़ बुद्धि (Idiot)—मानसिक दुर्बलता की दृष्टि के यह सर्वाधिक दुर्बल बुद्धि वाले होते हैं। इनकी IQ अधिक से अधिक 25 होती है। इनका मानसिक विकास अधिक से अधिक दो वर्ष के बालक की भाँति होता है। इनको भोजन कराना पड़ता है, वस्त्र पहनाने पड़ते हैं आदि। दूसरे शब्दों में इनकी देखभाल लगभग वैसे ही करनी पड़ती है जैसे एक-दो वर्ष के बालक की देखभाल की जाती है। ये न तो बातचीत कर पाते हैं और न अपनी सुरक्षा ही कर पाते हैं। कुछ बालक इस श्रेणी के ऐसे भी होते हैं, जिनका मानसिक विकास एक वर्ष के बालक से कम होता है। चूँकि इनकी अधिक देखभाल नहीं हो पाती है अतः इनकी बीमारियाँ अधिक होती हैं और बीमारियों के फलस्वरूप इनकी शीघ्र मृत्यु हो जाती है ।
- मूढ़ (Imbecile) — ये वे दुर्बल बुद्धि बालक हैं, जिनकी I.Q.25 से 50 तक होती है। इन बालकों का मानसिक स्तर 3-7 वर्ष तक के बालक की तरह होता है। इन्हें अक्षर – ज्ञान तो कराया जा सकता है, परन्तु पढ़ना-लिखना नहीं सिखाया जा सकता है। इन बालकों के संरक्षण की बहुत आवश्यकता नहीं होती। थोड़ी देखभाल यदि इन बालकों की कर दी जाय तो यह अपना जीवन निर्वाह कर लेते हैं, परन्तु यह रोजी-रोटी कमाने में असमर्थ होते हैं।
- मूर्ख (Moron) — ये वे बालक है जिनकी 1.Q. 50 से 70 तक होती है। इनका मानसिक विकास 7 से 10 वर्ष के बालकों के स्तर का होता है। इनमें अन्तदृष्टि और मौलिकता बहुत कम मात्रा में पाई जाती है। यह व्यक्ति साधारण रोजी-रोटी कमाने के काम सीख सकते हैं और अपना जीवन निर्वाह कर सकते हैं यदि इनकी दिनचर्या देखी जाय तो वह सामान्य जीविकोपार्जन करने वाले लोगों की तरह नहीं होती है।
जिन बालकों की I.Q. 70 से 80 तक होती है, उनको सीमान्त केसेज (Border Line Cases) कह सकते हैं।
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