मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना करें।
प्रश्न – मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना करें।
(Discuss the factors affecting mental hygine.)
उत्तर— मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कुछ प्रमुख कारक निम्न प्रकार से हैं
- वंशानुक्रम (Heredity) — वंशानुक्रम व्यक्ति के व्यवहार, व्यक्तित्व तथा शारीरिक, मानसिक योग्यताओं के निर्माण और विकास को प्रभावित करने वाला एक आधारभूत और अति महत्त्वपूर्ण कारक है। एक बालक या व्यक्ति को अनेक गुण जो उसे पूर्वजों से प्राप्त होते हैं, यह सभी गुण उसे कितनी और किस मात्रा में प्राप्त हुए हैं। गुणों की मात्रा और संख्या भी बालक के मानसिक स्वास्थ्य को प्रर्याप्त रूप से प्रभावित करती है ।
- शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health)—व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ हो । शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्तियों में अधिकांश व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ भी देखे गये हैं। जो व्यक्ति विभिन्न शारीरिक रोगों से साधारण या गम्भीर रूप से ग्रस्त होते हैं उनमें अधिक लम्बे समय तक रोगों के चलते रहने से विभिन्न प्रकार के मानसिक संघर्ष, द्वन्द्व और कुण्ठाएँ आदि उत्पन्न हो जाती हैं जिससे उनका मानसिक रूप से स्वस्थ रहना कठिन हो जाता है।
- परिवार (Family) — व्यक्ति के व्यवहार और व्यक्तित्व पर उसके परिवार की अमिट छाप पड़ती है, क्योंकि जन्म के समय बच्चे न सामाजिक होते हैं और न असामाजिक। उनका मन कोरे कागज की भाँति होता है जिस पर सर्वप्रथम परिवार के अनुभवों द्वारा लिखा जाता है अथवा छाप पड़ती है। यदि बालक के परिवार में उपयुक्त वातावरण प्राप्त नहीं होता है तो बालक में विभिन्न प्रकार के शारीरिक और मानसिक विकार उत्पन्न हो सकते हैं। परिवार में रहकर बालक सर्वप्रथम अपनी माँ से, फिर पिता से और अन्त में उन लोगों से जो उसके घनिष्ठ सम्पर्क में रहते हैं अथवा उसके पालन-पोषण में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं, उनसे वह अपनी जीवन की मौलिक आवश्यकताओं की ही पूर्ति नहीं करता है, बल्कि वह उनसे संवेगात्मक अभिव्यक्ति और विभिन्न परिस्थितियों में समायोजन, भाषा, अपने विचारों की अभिव्यक्ति का ढंग आदि का अधिगम करता है। यदि प्रारम्भ में ही वह इन चीजों का अधिगम त्रुटिपूर्ण ढंग से करता है अथवा उसके परिवार के विभिन्न मॉडल व्यक्तियों से यदि व्यवहार और प्रतिमानों का त्रुटिपूर्ण ढंग से अधिगम करता है तो शीघ्र ही विभिन्न मानसिक और स्नायुविक रोगों से वह ग्रस्त हो सकता है। स्पष्ट है कि परिवार व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला एक महत्त्वपूर्ण कारक है। वयस्क व्यक्तियों के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करने वाला एक महत्त्वपूर्ण कारक है, क्योंकि एक परिवार में एक व्यक्ति विशेष को शान्ति, सुख और अनेक सुविधाएँ पारिवारिक वातावरण में प्राप्त हो सकती हैं जिससे वह सुख और शान्ति का जीवन व्यतीत करने में सफलता प्राप्त कर सकता है। दूसरी ओर जब व्यक्ति को उपयुक्त पारिवारिक वातावरण और साधन प्राप्त नहीं होते हैं तब उसके लिए सुख और शान्तिपूर्ण जीवन व्यतीत करना कठिन हो जाता है।’
- संवेगात्मक स्थिति (Emotional condition)—मानसिक स्वास्थ्य को संवेगात्मक स्थिति भी महत्त्वपूर्ण ढंग से प्रभावित करती है। यह देखा गया है कि जब व्यक्ति अपने संवेगों की अभिव्यक्ति सामान्य ढंग से नहीं कर पाता है और उसे विभिन्न संवेगों के नियन्त्रण में गड़बड़ी और कठिनाई उत्पन्न होने लगती है तो निश्चय ही उसमें संवेगात्मक और स्नायुविक विकास उत्पन्न हो जाते हैं। मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए आवश्यक है कि व्यक्तियों की संवेगात्मक स्थिति पर भी ध्यान दिया जाये ।
- शिक्षा (Education)— मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले एक महत्त्वपूर्ण कारक शिक्षा भी है। परिवार, पड़ोस, मित्रों, स्कूल और कॉलेजों आदि से व्यक्ति विभिन्न प्रकार की शिक्षाएँ ग्रहण करता है। एक व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य इस बात पर निर्भर करता है कि उसे विभिन्न व्यक्तियों और संस्थाओं से किस प्रकार की शिक्षा प्राप्त हुई है । यदि उसकी यह शिक्षा दोषपूर्ण है तो निश्चय ही वह दोषपूर्ण शिक्षा के कारण मानसिक रूप से अस्वस्थ हो जायेगा। अतः आवश्यक है कि मानसिक स्वास्थ्य का अध्ययन करते समय व्यक्ति ने किन लोगों से और किस प्रकार की शिक्षा प्राप्त की है ? इस ओर भी ध्यान दिया जाये।
- धर्म और संस्कृति ( Relgion and Cultrue) — एक व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को उसका धर्म और उसकी संस्कृति भी प्रभावित करती है। धर्म और संस्कृति के माध्यम से व्यक्ति वह अनेक विशेषताएँ सीखता है जो उसके मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होती हैं। यदि व्यक्ति अपने आपको जानने ( Know), अपने आपको स्वीकार करने (Accept) और अपने आपको अभिव्यक्ति करने (Express) का सही-सही ढंग अपने धर्म और संस्कृति से सीख लेता है तो उसे मानसिक रूप से स्वास्थ्य और शान्तिपूर्ण जीवन व्यतीत करने में कठिनाई नहीं होती है, परन्तु यदि वह अपने धर्म और संस्कृति के द्वारा इन चीजों को पर्याप्त रूप से नहीं होती है, परन्तु यदि वह अपने धर्म और संस्कृति के द्वारा इन चीजों को पर्याप्त रूप से नहीं सीख पाता है तो उसमें मानसिक अस्वस्थता उत्पन्न होने की सम्भावना अधिक होती है। मानसिक अस्वस्थता और स्वस्थता का अध्ययन करते समय आवश्यक है कि इनका अध्ययन उस व्यक्ति की धार्मिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में किया जाना आवश्यक है।
- किशोरावस्था (Adolescence) – किशोरावस्था के आरम्भ होते ही बालक के शरीर में अनेक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं। उसके शरीर के आकार, योनि-ग्रन्थियों, जननेन्द्रिय और मुखाकृति में अनेक ऐसे महत्त्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं जो उसके व्यक्तित्व और व्यवहार निर्माण और विकास को अत्यधिक महत्त्वपूर्ण ढंग से प्रभावित करते हैं। इस अवस्था में विभिन्न प्रकार के मनोवैज्ञानिक तनाव, द्वन्द्व और कुण्ठाएँ उत्पन्न होती हैं जिनसे विभिन्न मानसिक और स्नायुविक रोगों की आधारशिला पड़ने और होने की अधिक सम्भावना होती है। बालक के माता-पिता और संरक्षकों के लिए आवश्यक है कि वह इस अवस्था में होने वाले तनावों, द्वन्द्व, संघर्ष और कुण्ठा को दूर करने का प्रयास करें।
- अन्य कारक (Other Factors)— मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों में निर्धनता, बेरोजगारी, राजनैतिक अस्थिरता, मनोरंजन साधनों का अभाव, खाली समय व्यतीत करने के साधनों का अभाव, बदलते हुए मूल्य, सामाजिक परिवर्तन आदि कुछ ऐसे कारक हैं जो मानसिक स्वास्थ्य को महत्त्वपूर्ण ढंग से प्रभावित करते हैं। इन कारकों का अध्ययन भी आवश्यक है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here