रूसी क्रांति के कारणों की विवेचना करें।
प्रश्न – रूसी क्रांति के कारणों की विवेचना करें।
उत्तर – बीसवीं शताब्दी के इतिहास की एक महत्त्वपूर्ण घटना रूस की क्रांति थी । इस क्रांति ने रूस के सम्राट अथवा जार के एकतंत्रीय निरंकुश शासन का अंत कर लोकतंत्रीय शासन व्यवस्था स्थापित करने का प्रयास भी किया इस क्रांति के प्रमुख कारण निम्न हैं –
(i) जार की निरंकुशता एवं अयोग्य शासन : 1917 से पूर्व रूस में रोमनोव-राजवंश का शासन था। इस समय रूस के सम्राट को जार कहा जाता था। जार इतना निरंकुश था कि वहाँ की जनता तंग आ चुकी थी। राजा को जनता की सुख-दुःख की कतई चिन्ता नहीं थी इस तरह तंग आकर जनता में क्रांति करने का निर्णय लिया।
(ii) कृषकों की दयनीय स्थिति : रूस में जनसंख्या का बहुसंख्यक भाग कृषक ही थे, परंतु उसकी स्थिति अत्यंत दयनीय की। 1861 ई० में जार एलेक्जेंडर द्वितीय के द्वारा कृषि दासता समाप्त कर दी गई थी। परंतु इससे किसानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ था। उनके खेत बहुत छोटे-छोटे थे, जिन पर वे पुराने ढंग से खेती करते थे। उनके पास पूँजी का भी अभाव था करों के बोझ से वे दबे हुए थे। ऐसे में किसानों के पास क्रांति के सिवाय कोई चारा नहीं था ।
(iii) मजदूरों की दयनीय स्थिति : रूस में मजदूरों की स्थिति दयनीय थी। उन्हें अधिक काम करना पड़ता था, परंतु उनकी मजदूरी काफी कम थी। मजदूरों को कोई राजनैतिक अधिकार नहीं थे। वे अपनी माँगों के समर्थन में वे हड़ताल भी नहीं कर सकते थे।
(iv) औद्योगिकरण की समस्या : रूसी औद्योगीकरण पश्चिमी पूँजीवादी औद्योगीकरण से भिन्न था। यहाँ राष्ट्रीय पूँजी का अभाव था। विदेशी पूँजीपति आर्थिक शोषण को बढ़ावा दे रहे थे। अत: चारों ओर असंतोष व्याप्त था।
(v) रूसीकरण की नीति : सोवियत रूस विभिन्न राष्ट्रीयताओं का देश था। यहाँ मुख्यतः स्लाव जाति के लोग रहते थे। इनके अतिरिक्त फिन पोल, जर्मन, यहूदी आदि अन्य जातियों के लोग रहते थे वे भिन्न-भिन्न भाषा बोलते थे। रूस के अल्पसंख्यक समूह रूसीकरण की नीति से परेशान था।
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