लोकतंत्र किस प्रकार आर्थिक संवृद्धि एवं विकास में सहायक है?
प्रश्न – लोकतंत्र किस प्रकार आर्थिक संवृद्धि एवं विकास में सहायक है?
उत्तर – लोकतंत्र में चुनी गई सरकार काफी हद तक लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाती हम जानते हैं कि ऐसी शासन व्यवस्था में किसी भी प्रकार का फैसला लेने के लिए काफी विचार-विमर्श किया जाता है। फैसलों को विधायिका की लंबी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। सही फैसला लिए जाने पर जनता राहत का साँस लेती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों को यह जानने का अधिकार होता है कि फैसले कैसे एवं किस प्रकार से लिए जाते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में पारदर्शिता एवं संतोष का भाव परिलक्षित होता है। अतः कहा जा सकता है कि ऐसी शासन व्यवस्था में चुनाव नियमित रूप से होते हैं। सरकार द्वारा कानून बनाये जाने पर जन-प्रतिनिधि एवं जनता के बीच खुलकर चर्चाएँ होती हैं। उपर्युक्त बातों को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि लोकतंत्र किस प्रकार आर्थिक संवृद्धि एवं विकास में सहायक बनता है।
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