संघ और राज्यों के बीच संबंध
संघ और राज्यों के बीच संबंध
संघ तथा राज्यों के आपसी संबंधों पर विचार के लिए आजादी के बाद नियुक्त विभिन्न आयोगों तथा समितियों की एकमात्र चिंता का विषय भारत की एकता तथा अखंडता रहा है।
विधायी संबंध : संसद भारत के समूचे राज्य क्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए विधियां बना सकती है। किसी राज्य का विधानमंडल समूचे राज्य या उसके किसी भाग के लिए विधियां बना सकता है। संविधान की सातवीं अनुसूची में तीन सूचियां हैं अर्थात संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची।
संघ सूची में ऐसे विषय शामिल हैं जिनका संबंध संघ के सामान्य हित से है और जिनके बारे में समूचे संघ के भीतर विधान की एकरूपता अनिवार्य है। राज्य सूची में ऐसे विषय शामिल हैं जो हित तथा व्यवहार की विविधता की छूट देते हैं। समवर्ती सूची में ऐसे विषय शामिल हैं जिनके बारे में समूचे संघ के भीतर विधान की एकरूपता वांछनीय तो है पर अनिवार्य नहीं है।
प्रशासनिक संबंध: संविधान में संघ तथा राज्यों के बीच प्रशासनिक संबंधों के विनियमन की व्यवस्था है। भारत के संविधान का उद्देश्य है कि दोनों स्तरों के बीच संबंधों का निर्वाह सहज रूप से होता रहे।
हर राज्य की कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग इस प्रकार किया जाए कि वह संघ की कार्यपालिका शक्ति के प्रयोग में बाधक न हो। संघ इस संबंध में तथा रेलों के संरक्षण एवं राष्ट्रीय या सैनिक महत्व के संचार – साधनों को बनाए रखने के बारे में आवश्यक निर्देश जारी कर सकता है। राष्ट्रपति को अंतर्राज्यिक परिषद की स्थापना का अधिकार है। इन परिषदों का उद्देश्य है कि वे राज्यों के आपसी विवादों तथा राज्यों के या संघ एवं राज्यों के सामान्य हित के आपसी मामलों के बारे में जांच करें और उन्हें सलाह दें और नीति एवं कार्रवाई के बेहतर समन्वय के बारे में सिफारिशें करें।
वित्तीय संबंध: संघ तथा राज्यों के बीच वित्तीय संबंधों के बारे में भी हम केंद्रीय प्रधानता वाले भारतीय संघवाद की सामान्य प्रवृत्ति के दर्शन कर सकते हैं। यह कहा जा सकता है कि वित्तीय दृष्टि से संघ अधिक शक्तिशाली है। हर पांचवें वर्ष की समाप्ति पर वित्त आयोग का गठन किया जाना आवश्यक है। वित्तीय आयोग संघ तथा राज्यों के बीच कर-आगमों के वितरण की जांच एवं सहायता – अनुदान का नियमन करने वाले सिद्धांत का निर्धारण करता है। इसने संघ तथा राज्यों के बीच के संबंधों को और भी सहज बनाया है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here