सरलीकरण किसे कहते हैं | सरलीकरण के नियम | सरलीकरण के बीजगणितीय सूत्र
सरलीकरण किसे कहते हैं | सरलीकरण के नियम | सरलीकरण के बीजगणितीय सूत्र
सरलीकरण किसे कहते है :- किसी गणितीय व्यंजक को साधारण भिन्न या संख्यात्मक रूप में बदलने की प्रक्रिया ‘ सरलीकरण ’ कहलाती है । इसके अन्तर्गत गणितीय संक्रियाओं ; जैसे जोड़ , घटाव , गुणा , भाग आदि को BODMAS क्रम के आधार पर हल करते हुए दिए गए व्यंजक का मान प्राप्त किया जाता है ।
कोष्ठकों को इसी क्रम में हल करते हैं यदि कोष्ठक के पहले ऋण चिह्न हो, तो प्रश्नों को हल करने पर अन्दर के सभी चिह्न बदल जाते हैं। अर्थात चिन्ह ऋणात्मक हो जाते हैं।
BODMAS का नियम
BODMAS के नियम में कोष्ठक (Bracket), का (of), भाग (Division), गुणा (Multiplication), जोड़ (Addition), तथा घटाव (Subtraction) की क्रिया एक साथ कि जाती हैं।
कोष्ठक को हल करने में सबसे पहले रेखा कोष्ठक – फिर छोटा कोष्ठक ( ) फिर मझोला कोष्ठ { } फिर बड़ा कोष्ठक [ ] को हल करते हैं।
कोष्ठक हल करने के बाद → का (of) की क्रिया, फिर भाग (÷) की क्रिया, फिर गुणा (×) की क्रिया, फिर जोड़ करते हैं तथा अंत में घटाव की क्रिया करते हैं।
B → कोष्ठक (Bracket)
O → का ( Of )
D → भाग ( Division )
M → गुणा ( Multiplication )
A → योग ( Addition )
S → अन्तर ( Subtraction )
सरलीकरण के सवालों को हल करने के लिए बीजगणितीय सूत्रों का भी प्रयोग किया जाता हैं।
कोष्ठक चार प्रकार के होते हैं –
1 . ― → रेखा कोष्ठक ( Line Bracket )
2 . ( ) → छोटा कोष्ठक ( Simple or Small Bracket )
3 . { } → मझला कोष्ठक ( Curly Bracket )
4 . [ ] → बड़ा कोष्ठक ( Square Bracket )
इनको इसी क्रम में सरल करते हैं ।
सरलीकरण हेतु महत्वपूर्ण सर्वसमिकाएं
-
उभयनिष्ट गुणक
❍ c(a+b) = ca + cb
-
द्विपद का वर्ग
❍ (a+b)2 = a2 + 2ab + b2
❍(a-b)2 = a2 – 2ab + b2
-
दो पदों के योग एवं अन्तर का गुणनफल (वर्गान्तर सूत्र)
❍ a2 – b2 = (a+b) (a-b)
-
अन्यान्य सर्वसमिकाएँ(घनों का योग व अंतर)
❍ a3 – b3 = (a-b) (a2 + ab + b2)
❍ a3 + b3 = (a+b) (a2 – ab + b2)
-
द्विपद का घन
❍ (a + b)3 = a3 + 3a2b + 3ab2 + b3
❍ (a – b)3 = a3 – 3a2b + 3ab2 – b3
-
बहुपद का वर्ग
❍ (a + b + c)2 = a2 + b2 + c2 + 2ab + 2bc + 2ca
-
दो द्विपदों का गुणन जिनमें एक समान पद हो
❍ (x + a )(x + b ) = x2 + (a + b )x + ab
-
गाउस (Gauss) की सर्वसमिका
❍a3 + b3 + c3 – 3abc = (a+b+c) (a2 + b2 + c2 – ab -bc – ca)
-
लिगेन्द्र (Legendre) सर्वसमिका
❍ (a+b)2 + (a-b)2 = 2(a2 + b2)
❍ (a+b)2 – (a-b)2 = 4ab)
❍ (a+b)4 – (a-b)4 = 8ab(a2 + b2)
-
लाग्रेंज (Lagrange) की सर्वसमिका
❍ (a2 + b2)(x2 + y2) = (ax + by)2 + (ay – bx)2
❍ (a2 + b2 + c2) (x2 + y2 + z2) = (ax + by + cz)2 + (ay – bx)2 + (az – cx)2 + (bz – cy )2
सरलीकरण के महत्वपूर्ण बीजगणितीय सूत्र
a²- b² = (a + b) (a – b)
(a+b)²= a²+ 2ab + b²
(a-b)²= a²- 2ab + b²
(a+b)² + (a-b)²= 2(a²+b²)
(a+b)² – (a-b)²= 4ab
(a+b)³ = a³ + b³ + 3ab(a+b)
(a-b)³ = a³- b³- 3ab(a-b)
a³+ b³ = (a + b) (a² – ab + b²)
a³- b³ = (a-b) (a² + ab + b²)
(a + b + c +)² = a² + b² + c² + 2ab + 2bc + 2ca
a³+ b³ + c³- 3abc = (a + b + c) (a² + b² + c²- ab – bc – ca)
Note:-
यदि a + b + c = 0 हो, तो a³+ b³ + c³ = 3abc होता है।
उपरोक्त फार्मूला बहुपद, अलजेब्रा आदि में भी प्रयुक्त होते है।
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here