स्कूल सभा से क्या तात्पर्य है ? उसके उद्देश्य की विवेचना करें ।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
प्रश्न – स्कूल सभा से क्या तात्पर्य है ? उसके उद्देश्य की विवेचना करें । 
उत्तर- स्कूल सभा का अर्थ- स्कूल सभा से हमारा तात्पर्य उस सामूहिक इकाई से है जिसमें विद्यालय के सारे छात्र तथा शिक्षक इकट्ठे होते हैं । प्रायः स्कूल में प्रार्थना सभा के पश्चात् ही कार्य प्रारम्भ किया जाता है ।
फ्रैटवैल (Fretwell) ने स्कूल सभा को ‘स्कूल की टाउन सभा’ की संज्ञा दी है, डब्ल्यू. आर. स्मिथ (W.R. Smith) के विचार में “स्कूल सभा प्रत्येक पाठ्यान्तर जीवन का केन्द्रीय बिन्दु है । “
स्कूल सभा के उद्देश्यइस गतिविधि द्वारा निम्नलिखित लक्ष्यों की प्राप्ति हो सकती है।
(i) स्कूल में एकात्मकता लाना- स्कूल में कार्य कर रहे सभी वर्गों को एक साथ कार्य करने का अवसर मिलता है।
(ii) स्कूल के कार्य का ब्यौरा-सभा में स्कूल में किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में ब्यौरा दिया जाता है कि विभिन्न गतिविधियाँ किस प्रकार हो रही हैं। इससे छात्र स्कूल के सम्पूर्ण कार्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।
(iii) सामूहिक चेतना – स्कूल सभा द्वारा छात्र स्कूल के लक्ष्य तथा परम्परा से परिचित होते हैं। उनमें सामूहिक चेतना का भाव निर्मित होता है। छात्रों को स्कूल का संगठित रूप जानने का अवसर प्राप्त करते हैं।
(iv) अच्छी आदतों का निर्माण – स्कूल सभा में छात्रों को ऐसी ट्रेनिंग मिल जाती है कि वे सभ्य सभा में बैठ सकें। उनमें धैर्य से वक्ताओं के विचार सुनने का अभ्यास होता है । किस समय पर ताली बजानी चाहिए आदि बातों का ज्ञान प्राप्त होता है ।
(v) प्रतिभा तथा उपलब्धि का उचित स्थान – ख्याति प्राप्त, योग्य तथा प्रतिभासम्पन्न छात्रों के अच्छे कामों की प्रशंसा करके दूसरे छात्रों में भी उत्साह उत्पन्न होता है ।
(vi) छात्रों की लज्जा दूर करना – स्कूल सभा के समय छात्र मंच पर आकार अन्य छात्रों, अध्यापकों एवं अतिथियों के सामने भाषण देकर अथवा गीत गाकर या अन्य कार्य कर लजीले स्वभाव को दूर करते हैं ।
(vii) प्रशासनिक समस्याओं को सभा में रखना – कभी-कभी स्कूल की समस्याओं को समस्त छात्रों के सामने रखा जाता है तथा उन्हें इस बात के लिए प्रेरित किया जाता है कि वे इन समस्याओं को दूर करने के लिए अध्यापक वर्ग का हाथ बटाएँ ।
(viii) महत्वपूर्ण घोषणाएँ करना – विद्यालयों में किए जाने वाले कार्यों तथा गतिविधियों के बारे में सार्वजनिक रूप से घोषणाएँ की जाती हैं ।
(ix) विभिन्न दिवसों तथा उत्सवों का आयोजन – अनेक प्रकार के दिवस तथा उत्सव स्कूल सभा में मनाए जाते हैं ।
(x) छात्रों का सहयोग-कभी-कभी किसी भी आपात्कालीन स्थिति से निपटने के लिए प्रातः सभा में छात्रों को सहयोग के लिए प्रेरित किया जाता है ।
(xi) छात्रों का ज्ञान बढ़ाना – संसार के बारे में छात्रों का ज्ञान बढ़ाया जा सकता है । अनुभवी तथा प्रसिद्ध व्यक्तियों के भाषण छात्रों का ज्ञान बढ़ाने में सहायक सिद्ध होते हैं ।
(xii) आध्यात्मिकता का भाव – स्कूल सभा में थोड़े समय के लिए प्रार्थना का होना आवश्यक है। इससे छात्रों में ईश्वर, देश तथा प्राणीमात्र के प्रति अपने कर्त्तव्य के भाव जागृत होते हैं |
सभा कार्यक्रम के संचालन हेतु मार्गदर्शन संकेत ( Guidelines for Organizing Morning Assembly)
ये इस प्रकार हैं-(i) वर्ष में प्रत्येक छात्र तथा अध्यापक एक कार्यक्रम में अवश्य भाग ले ।
(ii) सभा में विभिन्न प्रकार की क्रियाएँ हों ।
(iii) कभी-कभी मनोरंजन कार्यक्रम भी रखा जाए । अच्छा होगा यदि इस प्रकार के कार्यक्रम विख्यात व्यक्तियों द्वारा दिखाए जाएँ ।
(iv) कार्यक्रम सुनियोजित हों।
(v) प्रधानाध्यापक अथवा सम्बन्धित शिक्षक द्वारा कार्यक्रम प्रदर्शित होने से पूर्व देख लिया जाना चाहिए ताकि कोई आपत्तिजनक कार्यक्रम प्रदर्शित न किया जा सके ।
(vi) सभा में उचित अनुशासनिक वातावरण बना रहना चाहिए। तालियाँ उचित मात्रा में तथा अवसरानुकूल हों ।
(vii) विशेष सभा सप्ताह में एक बार से ज्यादा नहीं होनी चाहिए ।
(viii) अच्छे कार्यक्रम पर बल दिया जाना चाहिए ।
(ix) जहाँ तक सम्भव हो छात्रों को सभा में प्रताड़ना तथा दण्ड नहीं देना चाहिए ।
(x) कार्यक्रम का समय-समय पर मूल्यांकन किया जाना चाहिए ।
(xi) सभा में दिए जाने वाले भाषण शिक्षाप्रद तथा रोचक होने चाहिए ।
(xii) सभा में किए जाने वाले कार्यक्रम नैतिक, प्रेरणादायक तथा शिक्षाप्रद हों ।
(xiii) सभा में किसी भी धर्म तथा समुदाय के बारे में किसी प्रकार की अनुचित बात न कही जाए ।
(xiv) सभा में किसी भी धर्म तथा समुदाय के बारे में किसी प्रकार की अनुचित बात न कही जाए ।
(xv) सदनों (House) के आधार पर प्रातः सभा का आयोजन किया जा सकता है । प्रधानाचार्य तथा स्कूल सभा – प्रशासनिक अधिकारी होने के नाते स्कूल के सभी कार्यों का उत्तरदायित्व उसी पर है। परंतु उसका प्रयत्न होना चाहिएं कि निर्देशन उसी का रहे और अध्यापक तथा छात्र अवसरानुकूल कार्यक्रम चलाते रहें । सभा के प्रत्येक कार्यक्रम के बारे में उसे पूरा ज्ञान होना चाहिए ।
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *