1991 के आर्थिक सुधारों का वर्णन करें।

प्रश्न – 1991 के आर्थिक सुधारों का वर्णन करें।

उत्तर – 1980 के दशक के अंत तक सरकार का व्यय उसके राजस्व से इतना अधिक हो गया कि उसके धारक क्षमता से अधिक माने जाने लगा। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ने लगी। आयात की वृद्धि इतनी तीव्र रही कि निर्यात की संवृद्धि से कोई तालमेल नहीं हो पा रहा था। अंतर्राष्ट्रीय ऋणदाताओं की ब्याज चुकाने के लिए भारत सरकार के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा नहीं बची थी। उस समय ऐसी स्थिति आ गई थी कि भारत को 49 क्विंटल सोना Bank of England में बंधक रखना पड़ा था। 1990-91 के खाड़ी-युद्ध ने संकट को और गहरा बना दिया। उन सभी कारणों से सरकार ने 1991 में कुछ नई नीतियों को अपनाया जिसे नई आर्थिक नीति कहा जाता है। इस नई आर्थिक नीति में व्यापक आर्थिक सुधारों को सम्मिलित किया गया।
1991 के आर्थिक सुधार उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों पर आधारित है। अतः इन्हें हम LPG नीति भी कहते हैं।

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