अमीर हकाम ( 796-822 ई.) (Ameer Hakam (796-822AD)
अमीर हकाम ( 796-822 ई.) (Ameer Hakam (796-822AD)
कोडर्डोवा की गद्दी का राज-पाट अमीर हकाम ने अपने पिता हिशाम की मृत्यु के बाद 796 ई. में सँभाल लिया। हकाम एक प्रतिभाशाली साहसी एवं बुद्धिमान व्यक्ति था। किन्तु उसके चरित्र का एक अंधकारपूर्ण पक्ष यह था कि वह फिजूलखर्च तथा विलासी व्यक्ति था। उसमें आत्मविश्वास, संतुलन एवं दृढ़ता का अभाव था। उसका अधिकांश समय आखेट एवं कवियों तथा गायकों की संगति में व्यतीत होता था। राज-काज में उसे कोई अभिरुचि नहीं थी। उसकी इन कमजोरियों का लाभ उठाते हुए राज्य में विघटन करने वाले तत्वों का उदय हुआ। अमीर हकाम ने गद्दी पर आने के बाद कुछ व्यक्तिगत समस्याएँ महसूस कीं। यद्यपि इन समस्याओं के समाधान हेतु उसने उचित कदम उठाये परन्तु इसमें हकाम को कोई खास सफलता नहीं मिल सकी।
प्रारंभिक विद्रोहों का दमन – गद्दी पर आसीन होने के बाद हकाम फ्रांकियों की विद्रोह को दबाने की कोशिश की । वे बड़े-बड़े प्रशासनिक पदों पर बहाल थे और अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने लगे थे। फ्रांकियों के इस बढ़ते हुए प्रभाव को देखते हुए अमीर ने एक राजकीय घोषणा द्वारा फ्रांकियों के उत्तराधिकारियों को उनके पद से अलग कर दिया। फ्रांकी समुदाय के व्यक्तियों में अमीर के इस कार्यों से असंतोष की भावना विद्रोह की सीमा तक पहुंच गई। फ्रांकी कट्टर मुसलमान थे और स्पेन में रहने वाले मूल अरबों तथा मुवाल्लदों के ऊपर उनका व्यापक प्रभाव था। उन्होंने अमीर पर धर्म का अपमान करने का आरोप लगा दिया और स्पेन के मुसलमानों को हकाम का विरोधी बना दिया। मूल अरब तथा मुवाल्लाद वर्ग के लोग अमीर के विरोधी बन गये। यह वही फ्रांक समुदाय था जिसका हकाम इसके पूर्व एक सदस्य था ।
सुलेमान और अब्दुल्ला का विद्रोह-अमीर हकाम के विरूद्ध उसी समय उसके चाचा ने भी उससे विद्रोह कर दिया किंतु विद्रोहियों को सफलता नहीं मिली। फिर भी, उनका प्रयास चलता रहा। अब्दुल्ला ने फ्रैंक शासक शार्लमां से मित्रता करके तौलेदो पर अधिकार जमा लिया। वेलेनासिया पर उसके चाचा सुलेमान ने अधिकार कर लिया था ।
फ्रैंकों के साथ संबंध – जिस समय हकाम अपनी आन्तरिक समस्याओं उलझा था, उसी समय उत्तरी स्पेन में फ्रैंको द्वारा उसका तेजी से विरोध किया गया। उत्तरी स्पेन पर शार्लमां के दो पुत्रों लुई तथा चार्ल्स ने हमला किया। दूसरी ओर गेलीशिया के शासक अलफोन्सों ने अरागान पर हमला कर दिया। हकाम के लिए परिस्थितियाँ प्रतिकूल थीं किंतु उसने बड़े ही साहस के साथ इसका सामना किया। तौलेदो की सुरक्षा का भार अपनी सेना पर छोड़कर वह दूसरी सैन्य टुकड़ी के साथ गेलेशिया की ओर बढ़ा। जल्द ही इस क्षेत्र पर उसका अधिपत्य स्थापित हो गया। अब फ्रैंको के साथ भी युद्ध करना पड़ा। इब्री से फ्रैंको को पिरेनीज के दूसरी ओर धकेल दिया गया। इन विजयों के पश्चात् हकाम अल-मुजफ्फर (विजेता) का खिताब धारण किया और वह तोलेदो लौट गया। युद्ध के इस क्रम में सुलेमान की हत्या कर दी गयी और अब्दुल्ला ने विवश होकर आत्मसमर्पण कर लिया लेकिन उसकी यह सफलता स्थायी नहीं रह सकी। फ्रैंको ने जल्द ही बारसेलोना को जीत लिया जिससे उमैयद साम्राज्य को बड़ा झटका लगा। प्रतापी फ्रैंक शासक शार्लमां ने मुस्लिम स्पेन पर आक्रमण कर उत्तर के कई क्षेत्रों पर अपना अधिकार जमा लिया। उसने विजित क्षेत्रों में सुरक्षा बनाये रखने के लिए उसको दो भागों में बांट दिया— (1) सेपटिमेनिया (2) गास्कोनी । फिर भी इनमें शांति व्यवस्था बनाये रखने में वह असफल रहा। हकामे ने गास्कोनी पर 809 ई. में फिर अपना कब्जा कर लिया। फ्रैंको के साथ निरंतर युद्ध होता रहा। यद्यपि 816 ई. में हकाम शार्लमां के बीच एक शांति समझौता हो गया लेकिन यह समझौता अधिक दिनों तक अस्तित्व में न रह सकी।
कोर्डोवा के विद्रोह-कोर्डोवा में लगातार विद्रोहों के बावजूद भी अमीर शासन बना रहा। कोडौँया में पहला विद्रोह 805 ई. में हकाम के शासनकाल में हुआ। विद्रोह का यह क्रम 814 ई. तक चलता रहा। हकाम के सैनिकों ने बड़ी सख्ती के साथ विद्रोह का दमन किया और सैकड़ों की संख्या में विद्रोहियों को मौत के घाट उतार दिया, बाकी बचे हुए विद्रोहियों ने कोर्डोवा से भाग कर फेज, सिकंदरिया, क्रीट आदि में जाकर शरण ली, इस तरह अमीर ने पुनः कोर्डोवा को अपने नियंत्रण में कर लिया।
तोलेदो में शांति की स्थापना-तोलेदो में शांति व्यवस्था बनाये रखने का कार्यक्रम हकाम ने अपने प्रसिद्ध सेनानायक अमरुख बिन युसुफ को सौंप दिया, जो विद्रोहों का केन्द्र बना। विद्रोहियों को दमन करने में युसुफ को शुरुआत से ही सफलता हाथ लगी। परंतु विद्रोह का सिलसिला चलता रहा। हकाम ने युसुफ को क्षेत्र का प्रांतीय शासक नियुक्त कर दिया था। वह बड़े ही सूझबूझ का चतुर व्यक्ति था । 813 ई. में शहर के प्रभावशाली व्यक्तियों तथा विद्रोही नेताओं को उसने धोखा और चालाकी से कैद कर उनकी हत्या करवा दी जिससे तोलेदो में फिर से शांति व्यवस्था बहाल हो गयी और उमैयद का आधिपत्य हो गया।
अमीर ने एक लम्बे समय तक शासन किया, कई उपाधियाँ प्राप्त कीं लेकिन साम्राज्य में एक आदर्श व्यवस्था स्थापित करने में नाकाम रहा। साम्राज्य में विद्रोह होते रहे और विघटनकारी तत्व सशक्त एवं सक्रिय होते चले गये। 822 ई. में हकाम की जीवनलीला समाप्त हो गयी।
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