गद्यांश पर आधारित प्रश्न – 9 | JNV Class 6th Hindi solutions

गद्यांश पर आधारित प्रश्न – 9 | JNV Class 6th Hindi solutions

अनुच्छेद – 9

महर्षि धौम्य के आश्रम में आरूणि नामक शिष्य पढ़ता था। शिष्यगण आश्रम में पढ़ते भी थे और आश्रम के कार्यों को करने में परिश्रम भी करते थे । वे अन्न फल एकत्र करते थे, गायों को चराते थे और जलावन के लिए जंगल में जाकर लकड़ी इकट्ठा करते थे। मिल
एक दिन ऋषि ने देखा कि कुछ समय बाद वर्षा होने वाली है, क्योंकि आकाश में काले-काले बादल उमड़ रहे हैं। वर्षा ऋतु आ गई थी और आषाढ़ का महीना था । समय पर खेत में धान रोपने के लिए जल का संग्रह करना आवश्यक था । महर्षि ने आरूणि को खेतों की मेंड़ को ठीक करने का आदेश दिया ।
गुरु की आज्ञा पाकर आरूणि खेत पर गया । संध्या होने पर भी वह नहीं लौटा। महर्षि को चिन्ता हुई । वे स्वयं आरूणि की खोज में निकल गये। उन्होंने देखा कि आरूणि मेंड़ पर लेटकर जल के बहाव को रोके हुए है। गुरुजी ने अपने हाथों से आरूणि को उठाया और हृदय से आशीर्वाद दिया । गुरु का आशीर्वाद पाकर आरूणि वेदशास्त्रों का ज्ञाता हो गया ।
1. आषाढ़ मास किस ऋतु में आता है ?
(1) वसन्त ऋतु में
(2) शरद ऋतु में
(3) वर्षा ऋतु में 
(4) ग्रीष्म ऋतु में
2. आश्रम में शिष्य अध्ययन भी करते थे, और—
(1) परिश्रम भी
(2) खेती भी
(3) व्यायाम भी
(4) आश्रम के सभी कार्य भी
3. महर्षि धौम्य ने खेतों की मेंड़ पर आरूणि को क्यों भेजा ?
(1) खेतों की मेंड़ ठीक करने के लिए
(2) खेतों की मेड़ पर बाँध बनाने के लिए
(3) खेतों की मेड़ पर पानी रोकने के लिए
(4) खेतों की मेंड़ की देखभाल के लिए
4. महर्षि को किस बात की चिन्ता हुई ?
(1) आरूणि अभी तक लौटकर नहीं आया
(2) सन्ध्या होने पर भी आरूणि नहीं लौटा 
(3) रात होने पर भी आरूणि नहीं लौटा
(4) क्या कारण है कि आरूणि लौटकर नहीं आया
5. निम्नलिखित गुणों में आरूणि ने किस गुण का परिचय दिया ?
(1) गुरुभक्ति
(2) कर्तव्यनिष्ठा 
(3) आज्ञाकारिता
(4) गुरु-सेवा
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *