अधिगम के स्थानान्तरण से क्या तात्पर्य है ? अधिगम स्थानान्तरण की परिभाषा एवं प्रकार की विवेचना करें ।

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प्रश्न – अधिगम के स्थानान्तरण से क्या तात्पर्य है ? अधिगम स्थानान्तरण की परिभाषा एवं प्रकार की विवेचना करें ।
(What do you mean by transfer of Learning ? Discuss its definition and types.)

उत्तर – स्थानान्तरण का सामान्य अर्थ है किसी वस्तु अथवा व्यक्ति को एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर रखना। परन्तु मनोविज्ञान के क्षेत्र में सीखने के संदर्भ में इसका अर्थ इससे एकदम अलग होता है, भिन्न होता है। अधिगम के संदर्भ में स्थानान्तरण का अर्थ होता है, किसी एक क्षेत्र में सीखे हुए ज्ञान एवं कौशल का किसी दूसरे क्षेत्र के ज्ञान अथवा कौशल के सीखने में प्रयोग होना। इसमें किसी कौशल के प्रशिक्षण का, किसी अन्य कौशल विशेष के प्रशिक्षण में पड़ने वाला प्रभाव सम्मिलित होता है क्योंकि ज्ञानार्जन और कौशल प्रशिक्षण, दोनों सीखने की प्रक्रिया के अन्तर्गत ही आते हैं। दूसरे शब्दों में अधिगम के ” अर्थ है – किसी विषय, कार्य अथवा परिस्थिति में अर्जित ज्ञान का प्रयोग स्थानान्तरण किसी अन्य विषय, कार्य अथवा परिस्थिति में करना । अतः, जब एक विषय का ज्ञान अथवा एक परिस्थिति में सीखी बातें दूसरे विषय अथवा अन्य परिस्थिति में सीखी जा रही बातों के अध्ययन में सहायक या घातक सिद्ध होती है तो उसे अधिगम का स्थानान्तरण कहा जाता है ।

प्रायः अधिगम के स्थानान्तरण को अधिगम अन्तरण या सीखने का अन्तरण या प्रशिक्षण अन्तरण अथवा प्रशिक्षण का स्थानान्तरण भी कहा जाता है ।

बी. जे. अण्डरवुड (B.J. Underwood) के अनुसार — “वर्तमान क्रियाओं पर पूर्व अनुभवों के प्रभाव को प्रशिक्षण का स्थानान्तरण कहते हैं । ”

सोरेन्सन (Sorenson) के अनुसार — “स्थानान्तरण एक परिस्थिति में अर्जित ज्ञान तथा आदतों का दूसरी परिस्थिति में अन्तरण होना है। ”

क्रो एवं क्रो के अनुसार — “सीखने के एक क्षेत्र में अर्जित, महसूस करने या कार्य करने की आदतों, ज्ञान तथा कौशलों का सीखने के किसी दूसरे क्षेत्र में प्रयोग करना प्रशिक्षण का स्थानान्तरण कहा जाता है । ”

स्थानान्तरण के प्रकार (Types of Transfer) — सीखने के स्थानान्तरण के कई प्रकार होते हैं, जिनका उल्लेख निम्नवत् हैं—

  1. धनात्मक स्थानान्तरण (Positive Transfer) — जब किसी एक क्षेत्र में सीख हुआ ज्ञान अथवा कौशल किसी दूसरे क्षेत्र में सीखे जाने वाले ज्ञान अथवा कौशल के सीखने में सहायक होता है तो इसे धनात्मक स्थानान्तरण कहते हैं, जैसे— गणित के ज्ञान का भौतिकशास्त्र की संख्यात्मक समस्याओं के हल करने में सहायक होना और कार चलाने के कौशल का जीप या ट्रक चलाने के कौशल सीखने में सहायक होना । शिक्षा के क्षेत्र में इस धनात्मक स्थानान्तरण का ही महत्त्व होता है । शिक्षा के क्षेत्र में सीखने के स्थानान्तरण से तात्पर्य इसी धनात्मक स्थानान्तरण से होता है। इसे सकारात्मक स्थानान्तरण भी कहते हैं ।
  2. ऋणात्मक स्थानान्तरण (Negative Transfer) — जब पूर्व अर्जित ज्ञान अथवा कौशल नवीन ज्ञान को अर्जित करने में बाधक होता है तो उसे ऋणात्मक स्थानान्तरण कहते हैं। ऋणात्मक स्थानान्तरण में पूर्व ज्ञान, अनुभव अथवा प्रशिक्षण नई बातों को सीखने में व्यवधान उत्पन्न करता है । किसी कार्य को करने का ज्ञान, योग्यता अथवा अनुभव जब दूसरे कार्यों को करने में घातक या बाधक होता है तब इसे सीखने को ऋणात्मक स्थानान्तरण कहते हैं। जैसे—मातृभाषा बंगला वाले विद्यार्थी हिन्दी के व्याकरण में गलती करते हैं । अंग्रेजी में ‘BUT’ का उच्चारण ‘बट’ तथा ‘PUT’ का उच्चारण ‘पुट’ करने में विद्यार्थी दिग्भ्रमित होते हैं । ऋणात्मक स्थानान्तरण को नकारात्मक स्थानान्तरण भी कहा जाता है ।
  3. क्षैतिज स्थानान्तरण (Horizontal Transfer) — जब किसी एक ही स्तर की कक्षा में किसी एक क्षेत्र में सीखा हुआ ज्ञान अथवा कौशल उसी कक्षा के किसी दूसरे क्षेत्र में सीखे जाने वाले ज्ञान अथवा कौशल उसी कक्षा के किसी दूसरे क्षेत्र में सीखे जाने वाले. ज्ञान अथवा कौशल के सीखने में सहायक होता है, तो इसे क्षैतिज स्थानान्तरण कहते हैं। जैसे कक्षा 10 में सीखे हुए गणित के ज्ञान एवं कौशल का उसी कक्षा के विज्ञान की संख्यात्मक समस्याओं के हल करने में सहायक होना ।
  4. लम्बात्मक स्थानान्तरण (Vertical Transfer ) – जब व्यक्ति एक अवधि में सीखे हुए ज्ञान या अनुभव का प्रयोग आगे की अवधि में करता है तो यह लम्बात्मक स्थानान्तरण होता है । जैसे— कक्षा 8 तक के व्याकरण के ज्ञान को कक्षा 9-10 से यदि उपयोग में लाया जाता है तो यह लम्बात्मक स्थानान्तरण ही होता है ।
  5. एक पक्षीय स्थानान्तरण (Unit-Lateral Transfer) — जब शरीर के किसी एक अंग द्वारा सीखा हुआ कोई कौशल उसी अंग द्वारा किसी दूसरे कौशल को सीखने में सहायक होता है, तो इसे एक पक्षीय स्थानान्तरण कहते हैं। जैसे— बाएँ हाथ में लिखने का कौशल का बाएँ हाथ से कपड़ा सिलने में सहायक होना ।
  6. द्विपक्षीय स्थानान्तरण (Bi-Lateral Transfer ) – जब शरीर के एक अंग द्वारा सीखा हुआ कोई कौशल शरीर के दूसरे अंग द्वारा उसी कौशल को सीखने में सहायक होता है, तो इसे द्विपक्षीय स्थानान्तरण कहते हैं। जैसे— कुछ बालक दोनों हाथों से एक समान लिखते हैं या काम करते हैं, कभी तो वे शौकिया करते हैं और कभी अचेतन रूप से दाएँ के बजाए बाएँ से और बाएँ के बजाए दाएँ से काम करने लगते हैं ।

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