संज्ञा और सर्वनाम के अन्तर को एक-एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट करें। अथवा, संज्ञा की परिभाषा लिखें।

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संज्ञा और सर्वनाम के अन्तर को एक-एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट करें।

अथवा,

प्रश्न – संज्ञा की परिभाषा लिखें।

उत्तर – किसी प्राणी, स्थान, वस्तु तथा भाव के नाम का बोध करानेवाले शब्द ‘संज्ञा’ कहलाते हैं। जैसे – आलोक (व्यक्ति), पटना (स्थान), गोलघर (वस्तु), सौंदर्य (भाव) आदि। संज्ञाओं के लिए
जिन शब्दों का प्रयोग होता है, उन्हें ‘सर्वनाम’ कहते हैं। जैसे- मैं, तुम, वह, वे, हम आदि । उदाहरण – निरंजन निर्धन छात्र है। वह पढ़ने में तेज है। इस वाक्य में निरंजन संज्ञा है, क्योंकि यह किसी व्यक्ति का वाचक है तथा वह सर्वनाम है, क्योंकि यह संज्ञा शब्द निरंजन के लिए प्रयुक्त हुआ है।
अथवा,
‘संज्ञा’ वह विकारी शब्द है जिससे किसी व्यक्ति, प्राणी, स्थान, वस्तु या भाव का बोध होता है; जैसे — अनमोल, हाथी, पटना, टेबुल, दया आदि ।
मुख्य रूप से ‘संज्ञा’ के तीन भेद हैं –
व्यक्तिवाचक (रतन, राकेश, वंदना), जातिवाचक (नगर, पर्वत, मनुष्य) तथा भाववाचक (दया, करुणा, क्रोध, बुढ़ापा) । जातिवाचक के अंतर्गत ही द्रव्यवाचक (सोना, चाँदी, घी) एवं समूहवाचक (सभा, सम्मेलन, गुच्छा) हैं।

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