मन लेहु पै देह छटाँक नहीं से कवि का क्या अभिप्राय है? (उत्तर 30 शब्दों में दें)
प्रश्न – मन लेहु पै देह छटाँक नहीं से कवि का क्या अभिप्राय है? (उत्तर 30 शब्दों में दें)
उत्तर – ‘मन’ माप-तौल की दृष्टि से अधिक वजन का सूचक जबकि ‘छटाँक’ बहुत ही अल्पता का सूचक है। कवि कहते हैं कि प्रेमी में देने की भावना होती, लेने की नहीं। प्रेम में प्रेमी अपने इष्ट को सर्वस्व न्योछावर करके अपने को धन्य मानते हैं। इसमें संपूर्ण समर्पण की भावना उजागर किया गया है। प्रेम के बदले में लेने की आशा बिल्कुल नहीं होती।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here