मानव मूत्र के निर्माण विधि का वर्णन करें।
प्रश्न – मानव मूत्र के निर्माण विधि का वर्णन करें।
उत्तर – मनुष्य की उदर गुहा के कटिक्षेत्र में सेम के बीज के आकार के दो गुर्दे पाये जाते हैं। दोनों गुर्दे कशेरुक दण्ड के अगल-बगल इस प्रकार स्थित होते हैं कि उनकी अवतल सतह एक-दूसरे के सामने पड़ती है। प्रत्येक, गुर्दे को लम्बाई लगभग 11 सेमी और चौड़ाई लगभग 6 सेमी होती है। प्रत्येक गूर्दे की अवतल सतह से होकर रीनल धमनियाँ गुर्दे में प्रवेश करती हैं तथा रीनल, शिराएँ बाहर आती हैं। गुर्दे द्वारा छनित मूत्र को मूत्राशय तक पहुँचाने के लिए प्रत्येक गुर्दे से एक-एक यूरेटर या मूत्रवाहिनी नलिका निकलता है। मूत्र-मूत्राशय में जमा होता है जहाँ से समय-समय पर त्याग़ दिया जाता है। अर्थात् मानव मूत्र इस प्रकार प्राकृतिक तौर पर बन जाते हैं।
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