बंधुआ मजदूर किसे कहते हैं?
प्रश्न – बंधुआ मजदूर किसे कहते हैं?
उत्तर – बंधुआ मजदूर का अर्थ होता है – ऐसे मजदूर जिन्हें अपने निजी कार्यों अथवा कृषि कार्य करवाने के लिए एक प्रकार से बंधक बनाकर रखना। एक प्रकार से ऐसे मजदूर गुलाम के रूप में रखे जाते हैं। मध्ययुगीन विश्व में यह अमानवीय बंधुआ मजदूर (दास प्रथा) व्यापक रूप में प्रचलित थी । सामंत, जमींदार एवं पूँजीपति वर्ग के लोग असहाय, गरीब पुरुष एवं महिलाओं को अपने कार्य में रात-दिन लगाए रहते थे तथा उनके साथ अमानवीय व्यवहार करते थे। उनका पूरा परिवार उन सामंतों की सेवा में लगा रहता था। पिता के बाद उसकी संतान उनकी सेवा में लगी रहती थी तथा यह सिलसिला पीढ़ी-दरपीढ़ी चलता रहता था ।
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