शहरीकरण की प्रक्रिया में व्यवसायी वर्ग, मध्यम वर्ग एवं मजदूर वर्ग की भूमिका की चर्चा करें। अथवा, भूमंडलीकरण के कारण आम लोगों के जीवन में आने वाले परिवर्तनों को स्पष्ट करें।

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प्रश्न – शहरीकरण की प्रक्रिया में व्यवसायी वर्ग, मध्यम वर्ग एवं मजदूर वर्ग की भूमिका की चर्चा करें। अथवा, भूमंडलीकरण के कारण आम लोगों के जीवन में आने वाले परिवर्तनों को स्पष्ट करें।

उत्तर – शहरीकरण की प्रक्रिया में व्यवसायी वर्ग, मध्यमवर्ग एवं मजदूर वर्ग की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
व्यवसायी वर्ग : शहरों के उद्भव का एक प्रमुख कारण व्यावसायिक पूँजीवाद के उदय के साथ संभव हुआ। व्यापक स्तर पर व्यवसाय, बड़े पैमाने पर उत्पादन, मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था, गतिशील एवं प्रतियोगी अर्थव्यवस्था, स्वतंत्र उद्यम, मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति, मुद्रा, बैंकिंग, बीमा आदि सेवाओं के विस्तार ने शहरीकरण की प्रक्रिया को और अधिक तेज कर दिया।
मध्यम वर्ग : शहरों के उद्भव और विकास में मध्यम वर्ग का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। एक शिक्षित वर्ग का अभ्युदय जहाँ विभिन्न पेशों में रहकर भी औसत एक समान आय प्राप्त करने वाले वर्ग के रूप में उभरकर आए एवं बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में स्वीकार किए गए।
मजदूर वर्ग : आधुनिक शहरों में जहाँ एक ओर पूँजीपति वर्ग का अभ्युदय हुआ वहीं दूसरी ओर मजदूर वर्ग का । सामंती व्यवस्था के अनुरूप विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग द्वारा सर्वहारा वर्ग का शोषण प्रारंभ हुआ, परिणामस्वरूप शहरों में दो परस्पर विरोधी वर्ग उभरकर आए। श्रमिक वर्ग सुविधाविहीन वर्ग था जिनके पास रहने के लिए न तो आवास था और न खाने के लिए भोजन। वे स्लम में अपना जीवन-व्यतीत करते थे। धीरे-धीरे उनमें जागृति आई, मजदूरों ने संगठित होकर उचित मजदूरी और काम के घंटे के लिए आन्दोलन शुरू किये ।
अथवा,
आर्थिक भूमंडलीकरण का प्रभाव वर्तमान समय में जीविकोपार्जन के क्षेत्र में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। 1991 के बाद सेवा क्षेत्र, बीमा – क्षेत्र, पर्यटन उद्योग, सूचना एवं संचार के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है। सेवा क्षेत्र से तात्पर्य वैसी आर्थिक गतिविधियों से है जिसमें आमलोगों से विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ प्रदान के बदले पारिश्रमिक लिया जाता है। उदाहरण के लिए यातायात की सुविधा, बैंक और बीमा क्षेत्र में दी जानेवाली सुविधा, पर्यटन की सुविधा, दूरसंचार और सूचना तकनीक (मोबाइल, फोन, कम्प्यूटर, इंटरनेट), होटल एवं रेस्टोरेंट आदि। ये सभी क्षेत्र भूमंडलीकरण के दौरान काफी तेजी से फैला है जिससे लोगों को जीविकोपार्जन के कई नवीन अवसर मिले हैं। आर्थिक भूमंडलीकरण से सेवा क्षेत्र का अप्रत्याशित विकास हुआ है। इससे हमारी आवश्यकताओं के दायरे को और उसी अनुरूप में बढ़ाया है। उसकी पूर्ति के लिए नए-नए सेवाओं का उदय हो रहा है, जिससे जुड़कर लाखों लोग अपनी जीविका चला रहे हैं। आज अनेक इंजीनियर तथा मैनेजमेंट (प्रबन्धन) की पढ़ाई किए स्त्री-पुरुष बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कार्यरत हैं। यह भूमंडलीकरण का ही प्रभाव है कि आमलोगों का जीवन-स्तर बढ़ा है तथा उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। इससे बेरोजगारी की समस्या कुछ कम हुई है। सरकारी नौकरियों पर दबाव भी कम हुआ है।

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