अधिगम अक्षमता के कारण एवं पहचान की विवेचना करें ।
प्रश्न – अधिगम अक्षमता के कारण एवं पहचान की विवेचना करें । (Discuss the etiology and Identification of learning disabled children.)
उत्तर – अधिगम अक्षमता के कारण (Etiology of Learning Disabilities)—अधिगम अक्षमता के निम्नलिखित कारण होते हैं :
(i) जैविक कारण (Biological Causes ) अधिगम अक्षमता के जैविक कारणों से होता है । ऐसा माना जाता है कि अधिगम अक्षमता केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र अपक्रिया के कारण होता है । परिणामस्वरूप पीड़ित व्यक्ति का मस्तिष्क सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पाता है ।
(ii) वंशानुगत कारण ( Genetic Causes) वंशानुगत कारणों से भी बालक अधिगम अक्षमता के शिकार हो जाते हैं। खासकर पठन अक्षमता के मामले में यह अक्षरशः सत्य है | हॉलग्रेन (1950) ऑलसन, वाईज, कॉनर्स, रैंक एवं फुल्कर (1989) ने जुड़वाँ बच्चों पर किए गए शोध अध्ययन में पाया कि जब एक समरूप जुड़वाँ बच्चा जब पठन अक्षमता से पीड़ित होता है तो उसका दूसरा जोड़ा भी पठन अक्षमताग्रस्त हो जाता है ।
(iii) वातावरणीय कारण (Environmental Causes) – कभी-कभी वातावरणीय करणों के चलते बालक अधिगम अक्षमता पीड़ित हो जाता है। शराबखोरी, औषधि व्यसन, गर्भावस्था में ऑक्सीजन की कमी एवं जन्म के समय बच्चे को मस्तिष्क पर लगे चोट आदि कारण इसमें शामिल हैं। हालाँकि इंगेलमैन और लॉविट (1977) ने कमजोर शिक्षण को भी अधिगम अक्षमता का कारण माना है ।
अधिगम अक्षम बच्चों की पहचान (Identification of Learning Disabled Chlidren) :
(i) अधिगम अक्षम बच्चा अपना काम संगठित करने में कठिनाई प्रश्नों के उत्तर देने में उसे अधिक समय लगता है। (iii) समय बताने में, दिन, महीना तथा ऋतुओं का क्रम से नामोल्लेख करने में और गणित की सारणी याद करने में कठिनाई महसूस करता है । (iv) कक्षा या घर में दिए जानेवाले अनुदेशों के प्रति उसकी प्रतिक्रिया सामान्य नहीं होती है । (v) मौखिक निर्देशों को सही-सही याद नहीं रख सकता है । (vi) थोड़े से भी व्यवधान से उसका ध्यान भंग हो जाता है । (vii) दाएँ और बाएँ को लेकर भ्रम में पड़ जाता है । (viii) क्षण भर के लिए भी कक्षा में शांत होकर नहीं बैठ सकता है। (ix) पढ़ते समय पंक्तियाँ छोड़ देता है अथवा एक ही पंक्ति को दो बार पढ़ता है । (x) वर्तनी को अलग-अलग पढ़ने के बाद भी उससे शब्द बनाकर उसका उच्चारण करने में कठिनाई महसूस करता है। (xi) शब्दों को विपरीत क्रम से पढ़ता है, जैसे- कल को लक । (xii) शब्दों को छोटा बनाकर या गलत क्रम में उच्चारण करता है, जैसे-सडेनली को सनली, रिमेम्बर को रेंबर, प्लेट को लेफ्ट और ऐक्ट को कैट । (xiii) अंग्रेजी के बड़े एवं छोटे अक्षरों को गलत क्रम में जोड़कर शब्द लिखता है । (xiv) बहुत ऊँचे या बहुत धीमें स्वर में बोलता है । (xv) बहुत तेज या बहुत धीमा पढ़ता है । ( xvi) अंकों को गलत पढ़ता है, जैसे ‘6’ की जगह ‘9’ और ‘3’ को ‘8′ । लिखने में अक्षरों के क्रम उलट देता है, जैसे ’36’ को ‘63’, ‘प’ की जगह ‘य’ तथा ‘व’ को ‘P’ लिख देता है । (xvii) बीच में अक्षर छोड़ देता है, जैसे–‘शावक’ को ‘शाक’ लिख देता है । (xviii) विराम-चिह्नों का प्रयोग नहीं करता है । (xix) लिखने में हासिया नहीं छोड़ता है । (xx ) अपनी तरफ से कभी-कभी अक्षर जोड़ देता है, जैसे-स्कूल को इस्कूल लिख देता है । ( xxi) उच्चारण करने पर सही अक्षर नहीं लिख पाता है। (xxii) पेंसिल या कलम को अव्यवस्थित ढंग से पकड़ता है ।
नैदानिक जाँच (Diagnosis) – अधिगम अक्षम बच्चों की पहचान के लिए नैदानिक जाँच किया जाना जरूरी होता है । यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी बच्चे के बारे में विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को क्रमबद्ध ढंग से एकत्र कर बच्चे की सक्रियता एवं समस्याओं, की व्यापक तस्वीर पेश की जाती है। नैदानिक जाँच द्वारा शारीरिक एवं मानसिक क्रियात्मकता और अधिगम क्षमता का निर्धारण किया जाता है। नैदानिक जाँच प्रक्रिया में साक्षात्कार, मनोवैज्ञानिक जाँच, शारीरिक क्रियात्मकता एवं अन्य जाँचों की रिपोर्ट सरीखे उपकरणों का उपयोग किया जाता है। उपयुक्त जाँचों का चयन करना, जाँचों को करना एवं उनका अर्थ बताना प्रायः कठिन होता है । जाँचकर्ता को यह सुनिश्चित कर लेना होता है कि जाँच किस विशेष उद्देश्य के लिए उपयुक्त है ।
अधिगम अक्षम बच्चों की नैदानिक जाँच (Diagnosis) के लिए निम्नलिखित परीक्षणों का उपयोग किया जाता है :
(i) इन्फॉर्मेशन रीडिंग इन्वेंटरी । (ii) इन्फार्मल ग्रेडेड वर्ड । (iii) इनफार्मल अर्थमेटिक टेस्ट | (iv) वेश्लर इंटेलीजेन्स स्केल फॉर चिल्ड्रेन । (v) स्टेनफोर्ड-बिने इंटेलीजेंस स्केल । (vi) पी-बाँडी पिक्चर वोकेबुलरी टेस्ट । (vii) इलिन्वाइस टेस्ट फॉर साइकोलॉजिस्टिक एंबिलिटीज । (viii) विनलैंड सोशल मैचुरिटी स्केल । (ix) कॉफमैन असेसमेंट बैटरी फॉर चिल्ड्रेन । (x) डेट्रवायट टेस्ट ऑफ लर्निंग एप्टीच्यूड |
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