NCERT Solutions Class 9Th Social Science Chapter – 1 भारत- आकार और स्थिति (भूगोल – समकालीन भारत -1)
NCERT Solutions Class 9Th Social Science Chapter – 1 भारत- आकार और स्थिति (भूगोल – समकालीन भारत -1)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
भारत- आकार और स्थिति
1. सही विकल्प का चयन करें –
(i) कर्क रेखा किस राज्य से नहीं गुजरती है ?
(क) राजस्थान,
(ख) उड़ीसा,
(ग) छत्तीसगढ़,
(घ) त्रिपुरा ।
(ii) भारत का सबसे पूर्वी देशांतर कौन-सा है ?
(क) 97°25′ पू०,
(ख) 77°6′ पू०,
(ग) 68°7′ पू०,
(घ) 82°32′ पू०
(iii) उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम की सीमाएँ बिहार, किस देश को छूती हैं ?
(क) चीन,
(ख) भूटान,
(ग) नेपाल,
(घ) म्यांमार ।
(iv) ग्रीष्मावकाश में आप यदि कवरत्ती जाना चाहते हैं तो किस केंद्र शासित क्षेत्र में जाएँगे ?
(क) पांडिचेरी,
(ख) लक्षद्वीप,
(ग) अंडमान और निकोबार,
(घ) दीव और दमन।
(v) मेरे मित्र एक ऐसे देश के निवासी हैं जिस देश की सीमा भारत के साथ नहीं लगती है। आप बताएँ, वह कौन सा देश है ?
(क) भूटान,
(ख) ताज़िकिस्तान,
(ग) बांग्लादेश
(घ) नेपाल ।
उत्तर – (i) (ख), (ii) (क), (iii) (ग), (iv) (ख), (v) (ख) ।
2. अरब सागर तथा बंगाली की खाड़ी में स्थित द्वीप समूह के नाम बताएँ । दक्षिण में कौन-कौन से द्वीपीय देश हमारे पड़ोसी हैं ?
उत्तर – लक्षद्वीप और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह । दक्षिण में श्रीलंका और मालदीव द्वीपीय देश हमारे पड़ोसी हैं ।
3. उन देशों के नाम बताएँ जो क्षेत्रफल में भारत से बड़े हैं ।
उत्तर – रूस, कनाडा, चीन, अमेरिका, ब्राजील और आस्ट्रेलिया ।
4. हमारे उत्तर-पश्चिमी, उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी पड़ोसी देशों के नाम बताएँ ।
उत्तर – उत्तर-पश्चिम के पड़ोसी देश पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान ।
उत्तर के पड़ोसी देश चीन, नेपाल और भूटान ।
उत्तर-पूर्व के पड़ोसी देश – म्यांमार तथा बांग्लादेश |
5. भारत में किन-किन राज्यों से कर्क रेखा गुजरती है, उनके नाम बताएँ ।
उत्तर – गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा तथा मिजोरम राज्य ।
6. पश्चिमी और पूर्वी तटों पर केंद्र शासित क्षेत्रों की संख्या ज्ञात करें ।
उत्तर – पूर्वी तट पर केंद्र शासित क्षेत्र – पांडिचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | पश्चिमी तट पर केंद्र शासित क्षेत्र – दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव तथा लक्ष्यद्वीप समूह |
7. क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा एवं सबसे छोटा राज्य कौन-सा है ?
उत्तर – क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य – राजस्थान ।
क्षेत्रफल के आधार पर सबसे छोटा राज्य- गोवा |
8. कौन-कौन से राज्य अंतर्राष्ट्रीय सीमा तथा समुद्र तट को स्पर्श नहीं करते हैं ?
उत्तर – निम्नांकित राज्य अंतर्राष्ट्रीय सीमा तथा समुद्र तट को स्पर्श नहीं करतेहरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड ।
9. भारतीय उपमहाद्वीप किन देशों से मिलकर बनता है ?
उत्तर – भारतीय उपमहाद्वीप की संरचना करने वाले देश हैं- पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बंगलादेश और भारत ।
10. भारतीय मुख्य भूभाग का दक्षिणी शीर्ष बिंदु कौन है तथा कहाँ स्थित है ?
उत्तर – भारतीय संघ का सबसे दक्षिणी छोर इंदिरा प्वाइंट है जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर अवस्थित है।
मुख्य भूमि का सबसे दक्षिणी छोर कन्याकुमारी है।
11. भारतीय मानक समय की आवश्यकता क्यों रहती है ?
उत्तर – गुजरात से अरुणाचल प्रदेश के समय में 2 घंटे का अंतर है इस अंतर को समाप्त करने के लिए देश के बीच से गुजरने वाली 82°30′ पूर्व देशांतर को मानक समय का दर्जा दिया गया है ।
12. भारत के कौन से राज्यों की सीमाएँ म्यांमार के साथ जुड़ती हैं ?
उत्तर – नागालैण्ड, मणिपुर और मिजोरम l
13. अक्षांस क्या है ?
उत्तर – पृथ्वी अथवा विश्व मानचित्र पर भूमध्य रेखा के उत्तर या दक्षिण की ओर कोणिक दूरी के रूप में मापी गई एक स्थिति अक्षांश है। जैसे- भारत का अक्षांश 8°4′ उ० और 37°7′ उ० है ।
14. देशांतर क्या है ?
उत्तर – भूमध्य रेखा के पूर्व या पश्चिम की ओर कोणिक दूरी के रूप में मापी गई एक स्थिति देशांतर है। जैसे- भारत की देशांतर स्थिति 68°7′ पू० और 97°25′ पू० है।
15. ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्र क्या हैं ?
उत्तर – कर्क रेखा के 23/2° उ० और मकर रेखा के 23½° द० के बीच के क्षेत्र उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र है। जहाँ पूरे वर्ष तापमान अधिक मिलता है।
16. क्षेत्रफल के आधार पर विश्व के छः बड़े देशों के नाम लिखें।
उत्तर – अवरोही क्रम में विश्व के छः बड़े देश (लाख वर्ग किमी० में) इस प्रकार हैं- रूस (17,075), कनाडा (9,976), चीन (9,561), अमेरिका (9,364), ब्राजील (8,512 ) तथा आस्ट्रेलिया (7,715) |
17. हमारे देश के कौन से द्वीप समूह अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के पास हैं ?
उत्तर – (क) लक्षद्वीप ( अरब सागर में) और
(ख) अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (बंगाल की खाड़ी में) |
18. अरब सागर के सन्निकट कौन-कौन से राज्य हैं ?
उत्तर – अरब सागर के सन्किट राज्य- केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र तथा गुजरात ।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
भारत – आकार और स्थिति
1. 82°30′ पूर्व देशांतर को भारत की मात्रक याम्योत्तर क्यों माना गया है ?
उत्तर – भारत के 68° पूर्व तथा 97° पूर्व देशांतरों के मध्य स्थित है। 82° 30′ देशांतर जो कि भारत के लगभग मध्य से गुजरता है, भारत की मात्रक याम्योत्तर माना गया है। इस देशांतर का स्थानीय समय संपूर्ण भारत के प्रत्येक स्थान का मानक समय माना जाता है। जब 82° 30′ पूर्व देशांतर पर दोपहर के बारह बजे होंगे तो संपूर्ण भारत का समय दोपहर के बारह बजे ही माना जाएगा।
2. कन्याकुमारी और कश्मीर में दिन-रात की अवधि में अंतर क्यों है ? लंबी है ।
उत्तर – कन्याकुमारी विषुवत्तीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है चूँकि यह भारत के दक्षिणोत्तर में स्थित है। जो कि कर्क रेखा के दक्षिण में व विषुवत रेखा के उत्तर में स्थित है जहाँ पर 12 घंटे का दिन व 12 घंटे की रात होती है। परंतु कश्मीर के संदर्भ में ऐसा नहीं है क्योंकि यह समशीतोष्ण क्षेत्र में स्थित है जो कि कर्क रेखा के उत्तर में है। इसीलिए कश्मीर व कन्याकुमारी के दिन और रात की अवधि में अंतर है।
3. भारत की तट रेखा कितनी लंबी है ? इसके चार महत्त्वपूर्ण लाभों का उल्लेख करें।
उत्तर – भारत की तट रेखा लगभग 7,516.5 किमी० लंबी है।
लाभ –
(क) बहुत से महत्त्वपूर्ण बंदरगाहों को स्थापित करने में मदद मिलती है। ये बंदरगाह भारत के लिए विदेश व्यापार का प्रवेश द्वार हैं ।
(ख) मत्स्य उद्योग को विकसित करने में सहायक बनी हैं इस उद्योग में भारत के हजारों मछुआरों को रोजगार मिलता है।
(ग) अतीतकाल से ही भारत अपनी लंबी तट रेखा के कारण सामुद्रिक शक्ति रखने वाला देश है। भारत अपने नौ-सेना बल को अभी और अधिक बढ़ा सकता है।
(घ) सामुद्रिक संपदा यथा- पेट्रोलियम उत्पाद, नमक आदि का भारत अनवरोध उपयोग करता है।
4. हिन्द महासागर के बीच भारत की अवस्थिति से इसको क्या लाभ हैं ?
उत्तर – (क) भारत पूर्व और पश्चिम दोनों ओर से व्यापार और वाणिज्य के अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग पर अनुकूल स्थिति में है।
(ख) हिन्द महासागर से होकर ही पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया एवं आस्ट्रेलिया के समुद्री मार्ग गुजरते हैं ।
(ग) भारत स्वेज नहर तथा केप ऑफ गुड होप से होकर यूरोप महाद्वीप और उत्तरी अमेरिका के साथ जुड़ा हुआ है। इस नहर ने लगभग 7000 किमी० की दूरी को घटा दिया है।
5. उत्तरभारत के लिए हमें एक मानक मध्याह्न रेखा की आवश्यकता क्यों है ? बताएँ ।
उत्तर – पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ती है। पूरे पृथ्वी को 360° देशांतर रेखाओं में बाँटी गई है। लंदन के ग्रीनविच को प्रधान देशांतर रेखा माना गया है। प्रधान देशांतर रेखा से पूर्व या पश्चिम में किसी स्थान की कोणीय दूरी को देशांतर रेखा कहते हैं। प्रधान देशांतर रेखा के पूर्व में 180 रेखाएँ हैं और पश्चिम में भी 180 रेखाएँ हैं। लेकिन प्रधान देशांतर रेखा से पूर्व देशांतर पर जाने में एक देशांतर रेखा से दूसरे देशांतर रेखा तक जाने में 4 मिनट का समय बढ़ता है लेकिन पश्चिम की तरफ बढ़ने पर 4 मिनट का समय घटता है ।
इस तरह अलग-अलग देशांतर रेखाओं पर स्थित स्थानों का स्थानीय समय अलग-अलग होता है। अलग-अलग स्थानों के स्थानीय समय में इस अंतर के कारण अनेक कठिनाइयाँ हो सकती हैं जैसे- रेलगाड़ियों की समय-सारणी बनाने में, आकाशवाणी का कार्यक्रम प्रसारित करने में आदि । अतः आवश्यक है कि देश का मध्यवर्ती स्थान का स्थानीय समय पूरे देश का मानक समय माना जाए। इसलिए हमारे देश को भी मानक मध्याह रेखा की आवश्यकता है।
6. भारत का देशांतरीय विस्तार कितना है ? इसके दो प्रभाव बताएँ ।
उत्तर – भारत का विस्तार लगभग 68°7′ पूर्व से लेकर 97°25′ पूर्व तक है। भारत लगभग 30° देशान्तरों के बीच में विस्तृत है। इसके प्रभाव निम्नांकित हैं –
(क) भारत का पूर्व-पश्चिम विस्तार लगभग 68°7′ पूर्वी से लेकर 97°25′ पूर्वी देशान्तरों के मध्य अर्थात् 30° देशान्तरों के मध्य में है ।
(ख) पूर्व और पश्चिम सिरों के स्थानीय समय में 2 घंटे का अन्तर पाया जाता है क्योंकि पृथ्वी को अपने अक्ष पर 360° या एक चक्कर लगाने में 24 घंटे का समय लगता है। अतः 30° घूमने में उसे 2 घंटे का समय लगता है। पूर्व में समय आगे है। अतः भारत के पश्चिमी सिरे की तुलना में पूर्वी सिरे पर सूर्य 2 घंटे पहले उदय होता है और 2 घंटे पहले अस्त होता है ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
भारत- आकार और स्थिति
1. सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में गुजरात के पश्चिमी भाग की अपेक्षा 2 घंटे पहले क्यों होता है, जबकि दोनों राज्यों में घड़ी एक ही समय दर्शाती है ? स्पष्ट करें ।
उत्तर – भारतीय मानक समय से अभिप्राय उस समय से है जो समस्त भारत में मान्य है। भारत के सुदूर पूर्वी और सुदूर पश्चिमी क्षेत्रों के स्थानीय समय में 2 घंटे का अन्तर है। इसका अभिप्राय यह है कि हर स्थान का अपना अपना एक अलग स्थानीय समय होता है। किन्तु हम इस स्थानीय समय को, जो भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है, जैसे अरुणाचल प्रदेश और गुजरात में स्वीकार नहीं कर सकते। ऐसा करने से परेशानी पैदा होगी और बुरी तरह से अव्यवस्था फैल जायेगी, दुर्घटनाएँ होंगी और न जाने क्या कुछ होगा । इसलिए सारे देश के लिए एक सामान्य समय स्वीकार कर लिया जाता हैं, जिसे उस देश का मानक समय कहते हैं ।
हमारे देश भारत में 82°30 पूर्वी देशान्तर को मानक मध्याहन रेखा स्वीकार किया गया है। इस विशेष स्थान के स्थानीय समय को सारे भारत में मानक समय के रूप में स्वीकार किया गया है। हमने 82°30 पूर्वी देशान्तर को मानक मध्याहन रेखा इसलिए स्वीकार किया है क्योंकि यह रेखा भारत के लगभग बीच में है। इसलिए पूर्वी और पश्चिमी दोनों भागों के लिए यह ठीक पड़ती है ।
अतः भारतीय मानक समय का अपना विशेष महत्व है। इससे ऐसी कई प्रकार की गड़बड़ियों को रोका जा सकता है जो भिन्न-भिन्न स्थानीय समय अपनाने के कारण हो सकती है। भारतीय मानक समय के कारण सारे देश में समय की एकरूपता प्राप्त की जा सकी है।
2. हिंद महासागर में भारत की केंद्रीय स्थिति से इसे किस प्रकार लाभ प्राप्त हुआ है ?
उत्तर – प्रकृति ने भारत को एक महत्त्वपूर्ण स्थिति प्रदान की है। विश्व के मानचित्र को देखते ही इसकी केन्द्रीय स्थिति एकदम स्पष्ट हो जाती है। जहाँ यह एक ओर पूर्वी देशों, जैसे म्यांमार, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, चीन, जापान, कोरिया आदि से आसानी से सम्बन्ध स्थापित कर सकता है, वहाँ वह अनेक अरब, अफ्रीकी, यूरोपियन और अमेरिकी आदि देशों से भी आसानी से अपना सम्पर्क स्थापित कर सकता है।
इसी के तीनों ओर समुद्र है। विशेषकर हिन्द महासागर में जो इसे केन्द्रीय स्थिति प्राप्त है उसका इसे विशेष लाभ रहा है-
(क) तीनों ओर समुद्र होने के कारण भारत दोनों पूर्वी और पश्चिमी दिशाओं में आसानी से व्यापार कर सकता है वहाँ नेपाल और अफगानिस्तान जैसे चारों ओर भूमि से घिरे हुए ऐसा करने में असमर्थ हैं। इस दृष्टि से भारत बिलकुल असहाय नहीं है।
(ख) भारत के पूर्वी और पश्चिमी तटों के साथ समुद्र लगता है इसलिए वह अपने पूर्वी तट से पूर्वी दिशा में स्थित देशों और पश्चिमी तट से पश्चिम में स्थित देशों, से आसानी से व्यापार करके उत्तरोत्तर प्रगति कर सकता है। इसी स्थिति का लाभ उठाते हुए उसने चारों ओर से प्राचीन ओर मध्यकाल में इतना धन अर्जित कि विश्व भर में उसे सोने की चिड़िया’ कहा जाने
लगा ।
(ग) हिन्द महासागर में अपनी केन्द्रीय स्थिति के कारण प्राचीन काल में भारतीय नरेशों ने केवल अपनी आर्थिक स्थिति ही सुदृढ़ नहीं की वरन् श्रीलंका, इण्डोनेशिया के अनेक टापुओं, म्यांमार, स्याम आदि देशों में अपनी बस्तियाँ भी बसाईं । ऐसा करने में उन्होंने इन बस्तियों को अपनी सभ्यता और संस्कृति के रंग में रंग दिया। कई स्थानों पर आज भी पुरातत्व अवशेष मिले हैं जो प्राचीन भारत महान् संस्कृति की गाथा गाते हैं।
(घ) पूर्व से पश्चिम और पश्चिम से पूर्व जाने वाला कोई भी समुद्री जहाज हो उसे भारत की किसी न किसी बन्दरगाह से होकर अवश्य जाना पड़ता था। ऐसे में भारतीय व्यापार को काफी प्रोत्साहन मिल जाता था, इस बात से कोई भी इंकार नहीं कर सकता।
ऊपर के विवरण से स्पष्ट है कि हिन्द महासागर में भारत की केन्द्रीय स्थिति का इसे अनेक प्रकार से लाभ मिला है।
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