NCERT Solutions Class 10Th Social Science Chapter – 6 काम, आराम और जीवन (इतिहास – भारत और समकालीन विश्व -2)

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

NCERT Solutions Class 10Th Social Science Chapter – 6 काम, आराम और जीवन (इतिहास – भारत और समकालीन विश्व -2)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

काम, आराम और जीवन

1. ‘टेनेमेंट्स’ क्या था ?
उत्तर – औद्योगिक क्रांति के बाद लोग बड़ी संख्या में शहरों की ओर जाने लगे, जिससे शहरों के स्वरूप में तेजी से परिवर्तन हुआ। वैसे लोग जिनके पास जमीन थी इन नवागंतुकों के लिए आवासों का निर्माण करने लगे। इन आवासों को टेनेमेंट्स नाम से जाना जाता था। टेनेमेंट्स विशाल अपार्टमेंट्स होते थे जिनमें बेहिसाब भीड़ होती थी। ये शहरों के गरीब इलाकों में पाए जाते थे। इन टेनेमेंट्स के जीवन निर्वाह की दशाएँ अत्यन्त दयनीय थी।
2. चार्टिस्ट आंदोलन क्या था ?
उत्तर – यह वह आंदोलन था जो सब व्यस्कों को वोट का अधिकार दिए जाने पर शुरू किया गया था।
3. वह कौन-सा मुख्य कारक था जिससे शहरीकरण के स्वरूप पर गहरा प्रभाव पड़ा ? 
उत्तर – औद्योगीकरण ने ।
4. किस चीज के विकास और सुधार के कारण 19 वीं शताब्दी में औरतों की नौकरियाँ छिनने लगीं ?
उत्तर – तकनीक में सुधार आने के कारण।
5. किन घटनाओं ने औरतों को फिर से घरेलू काम छोड़कर दफ्तरों में काम करने की ओर प्रोत्साहित किया ? 
उत्तर – दो विश्व युद्धों ने।
6. लंदन में रहने वाले मजदूरों की 1887 ई० में जीने की औसत उम्र क्या थी ? 
उत्तर – 29 साल से कम ।
7. उस वास्तुकार और योजनाकार का नाम लिखें जिसने गार्डन सिटी की अवधारणा प्रस्तुत की। 
उत्तर – एबेनेजर हावर्ड |
8. विश्वयुद्धों के दौरान (1919-39) मजदूर वर्ग के लिए आवास का प्रबन्ध करने की जिम्मेदारी किसने ली ?
उत्तर – ब्रिटिश राज्य ने।
9. किस एक कारक ने लंदन में आवास की समस्या को एक हद तक हल कर दिया ? 
उत्तर – भूमिगत रेलवे ने l
10. दुनिया की सबसे पहली भूमिगत रेल के पहले खंड का उद्घाटन कब हुआ ? 
उत्तर – 10 जनवरी, 1863 ई० को ।
11. कौन-से लेखक ने भूमिगत रेल के विरोध में लिखा ? 
उत्तर – प्रसिद्ध उपन्यासकार चार्ल्स डिकेन्स ने अपने उपन्यास डॉम्बी ऐण्ड सन 1948 में ।
12. ब्रिटेन के दो औद्योगिक नगरों के नाम लिखें। 
उत्तर – मानचेस्टर और लीड्स।
13. प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में कौन-से दो उद्योग मुख्य रूप से लंदन में पनपे ? 
उत्तर – (क) मोटर कार उद्योग, (ख) बिजली के उपकरण ।
14 कब और क्यों बम्बई पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया ?
उत्तर – बम्बई पर 1661 ई० में अंग्रेजों का अधिकार हुआ क्योंकि तब बम्बई का टापु दहेज के रूप में ब्रिटिश शासक चार्ल्स द्वितीय को मिला जब उसका विवाह पुर्तगाल की राजकुमारी से हुआ।
15. बम्बई का नगर बम्बई प्रेसीडेंसी की राजधानी कब बना ? 
उत्तर – 1819 ई० में ।
16. सूती कपड़े की पहली मिल बम्बई में कब स्थापित हुई ? 
उत्तर – 1854 ई० को ।
17. चॉल से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर – मजदूरों की वह बस्ती जिसमें छोटे-छोटे कमरे मजदूरों का रैनबसेरा होते हैं ।
18. भूमि विकास का अर्थ समझाएँ ।
उत्तर – दलदली और डूबी हुई जमीन को कृषि या किसी अन्य काम के योग्य बनाने की प्रक्रिया को भूमि विकास कहते हैं ।
19. बम्बई को ‘मायापुरी’ या सपने का शहर क्यों कहते हैं ?
उत्तर – क्योंकि यह फिल्म निर्माण का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र बन गया है।
20. ऐसी दो फिल्मों के नाम लिखें जो प्रवासी लोगों की समस्या को लेकर बनी है। 
उत्तर – सी० आई० डी० और गेस्ट हाउस l
21. ऐसे दो लेखकों का नाम लिखें जो हिन्दी फिल्म जगत से जुड़े हुए हैं l
उत्तर – असमत चुगताई और साआदत हसन मिंटो ।
22. लंदन की पुलिस ने अपराधियों पर कैसे काबू पाया ?
उत्तर – (क) जो अपराधी सुधर सकते थे उन्हें नौकरियाँ दी गईं ।
(ख) जो घोर अपराधी थे उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाने लगी और पकड़े जाने पर उन्हें कठोर दण्ड दिए गए ।
23. औद्योगिक क्रांति द्वारा सामाजिक क्षेत्र में क्या परिवर्तन आया ? 
उत्तर – (क) परिवार के बीच अब तक जो बंधन थे वे अब ढीले पड़ने लगे ।
(ख) मजदूर वर्ग में विवाह प्रथा टुटने के कगार पर पहुँच गई ।
24. शहरी जीवन ने समाज को कैसे प्रभावित किया ?
उत्तर – (क) समाज में व्यक्तिवाद की भावना प्रबल होने लगी।
(ख) शहर में रहने के कारण बहुत से लोग सामूहिक मूल्य मान्यताओं से दूर जाने लगे जो कि छोटे ग्रामीण समुदायों की विशेषता थी ।
25. 19 वीं शताब्दी में भारत के तीन प्रेसीडेंसी नगरों के नाम लिखें । 
उत्तर – (क) बम्बई, (ख) कलकत्ता, (ग) मद्रास ।
26. किन दो कारकों ने बम्बई में आवास की समस्या को बढ़ा दिया ?
उत्तर – (क) सूती कपड़े की अनेक मिलों की स्थापना के कारण ।
(ख) पानी और निवास की समस्याओं के कारण |
27. सौ फूलों के आंदोलन क्या उद्देश्य था ?
उत्तर – 1956 में बड़े पैमाने पर एक आंदोलन शुरू किया गया जिसे “सौ फूलों वाला आंदोलन” का नाम दिया गया। इसके अनुसार लोगों को अपने विचार व्यक्त करने और आलोचना का अधिकार दिए जाने की माँग की गई थी।
28. पाँच वर्ष के बच्चे भी खतरनाक उद्योगों में लगा दिए जाते थे। क्यों ?
उत्तर – कम उम्र के बच्चे इसलिए खतरनाक उद्योगों में लगाए जाते थे, क्योंकि उनके अंग लचीले और उँगलियाँ कोमल होती थीं। इनकी छोटी-छोटी उँगलियाँ खड्डियों में अच्छी तरह से धागे सुलझा सकती थी। अक्सर छोटे बच्चों को बाँध कर चिमनी में लटका दिया जाता था और वे ब्रुश से कार्बन साफ करते थे।
29. फैक्टरी मजदूर अक्सर अपनी उम्र से पहले ही बूढ़े हो जाते थे। क्यों ?
उत्तर – अधिकतर कारखानों में आशा की जाती थी कि कर्मचारी एक दिन में कम से कम 15 घंटे तो काम करेंगे ही। अतः काम के बोझ से अक्सर वे लगातार थकान तथा अच्छे भोजन के न मिलने के कारण बिमारी का शिकार बनते रहते थे। उन्हें शायद ही कोई छुट्टी मिलती थी । ऐसी स्थिति में उनका समय से पहले बूढ़ा होना स्वाभाविक था ।
30. लंदन में भूमिगत रेल की क्या आवश्यकता था ?
उत्तर – (क) लंदन की आबादी बहुत बढ़ चुकी थी इसलिए लोगों को लंदन के आस-पास के क्षेत्रों में बसाना अति आवश्यक हो गया था जो भूमिगत रेलों के बनाने के बिना कठिन होता जा रहा था ।
(ख) स्वास्थ्य के विचार से लंदन की भीड़ को कम करने की आवश्यकता थी, जो भूमिगत रेलों के बनाने के बिना सुधर नहीं सकती थी। बाहरी इलाकों में खुले और हवादार मकान आवश्यक हो गए थे इसलिए तीव्र परिवहन की आवश्यकता थी।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

काम, आराम और जीवन

1. अठारहवीं सदी के मध्य से लंदन की आबादी क्यों फैलने लगी ? कारण बताएँ । 
उत्तर – 1750 तक लंदन की आबादी 675,000 तक पहुँच चुकी थी। 1810 से 1880 के काल में इसकी आबादी चार गुणा बढ़ गई जो 10 लाख से बढ़कर 40 लाख हो गई। लंदन की आबादी के इतनी तेजी से बढ़ने के अनेक कारण थे –
(क) पहले लंदन अनेक सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केन्द्र था । इस सम्बन्ध में इतिहासकार गैरेथ स्टेडमैन जोनेन्स के शब्दों में— “उन्नीसवीं शताब्दी का लंदन क्लर्कों और दुकानदारों, छोटे पेशेवरों और निपुण कारीगरों, कुशल व शारीरिक श्रम करने वालों की बढ़ती आबादी, सिपाहियों, नौकरों, दिहाड़ी मजदूरों, फेरीवालों और भिखारियों का शहर था।”
(ख) पाँच तरह के उद्योगों ने विशेष रूप से लंदन में विशेष प्रगति कर रखी थी, इसलिए प्रवासी आबादी इसकी ओर चुंबक की तरह खिंची चली आती थी । ये उद्योग थे– (i) वस्त्र और जूता उद्योग, (ii) लकड़ी व फर्नीचर उद्योग, (iii) धातु एवं इंजीनियरिंग उद्योग, (iv) छपाई और स्टेशनरी उद्योग तथा (v) शल्य चिकित्सा उपकरण व घड़ी उद्योग |
(ग) लंदन की गोदी (Dockyards) भी अनेक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाती थी।
(घ) प्रथम विश्वयुद्ध (1914–1918) के दौरान वहाँ मोटरकारों और बिजली के उपकरणों का भी उत्पादन एक बड़ी मात्रा में होने लगा था। युद्ध से सम्बन्धित सामग्री भी दिन-रात तैयार होने लगी थी। अधिक कारखाने, अधिक नौकरियाँ और परिणामस्वरूप अधिक काम करने वाले लोग और परिणामस्वरूप घनी आबादी ।
2. उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के बीच लंदन में औरतों के लिए उपलब्ध कामों में किस तरह के बदलाव आए ? ये बदलाव किन कारणों से आए ?
उत्तर – (क) 18 वीं शताब्दी के दूसरे चरण और 19 वीं शताब्दी के पहले चरण में विभिन्न कारखानों में महिलाएँ एक बड़ी मात्रा में काम करती थीं क्योंकि पुरुषों की तुलना में वे सस्ती पड़ती थीं ।
(ख) परन्तु 19 वीं शताब्दी में तकनीक के समावेश के कारण अब महिलाओं के लिए विभिन्न कारखानो में काम करना काफी कठिन हो गया और धीरे-धीरे उन्हें औद्योगिक इकाइयों में अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा और इधर-उधर छोटा-मोटा काम करना पड़ा। महिलाएँ धीरे-धीरे घरेलू कामों में सिमट कर रह गई। 1861 की जनगणना से पता चलता है कि तब कोई ढाई लाख महिलाएँ घरेलू नौकर के रूप में कार्य कर रही थीं ।
कुछ औरतें अपने परिवार की आय बढ़ाने के लिए अपने घर में ही सिलाई बुनाई, कपड़े धोने या माचिस आदि बनाने का काम करने लगी थीं ।
(ग) परन्तु 20 वीं सदी के आते ही हालात ने फिर करवट बदली और विश्वयुद्ध के कारण औरतों को युद्धकालीन उद्योगों और दफ्तरों में फिर से काम मिलने लगा। ऐसे में वे फिर से घरेलू काम छोड़कर घर की चारदीवारों से बाहर आने लगीं।
3. विशाल शहरी आबादी के होने से जमींदार पर क्या असर पड़ता है ? ऐतिहासिक उदाहरणों के साथ समझाएँ ।
उत्तर – विशाल शहरी आबादी का जमींदार पर प्रभाव – औद्योगिक क्रांति के कारण बहुत से लोग ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़कर लंदन की ओर चुंबक की तरह खिचे चले आए क्योंकि वहाँ हर एक को कोई-न-कोई काम मिलने की आशा थी । परंतु लंदन में लोगों के निरन्तर आते रहने से बहुत-सी समस्याएँ पैदा हो गईं जिनमें सबसे बड़ी समस्या आवास की थी। नए मकान बनाने की जिम्मेदारी न तो मिल-मालिकों ने ली और न ही सरकार ने। इन परिस्थितियों का लाभ उठाकर कुछ जमींदारों ने अपनी भूमि पर छोटे-छोटे मकान बनाकर मजदूरों और कारीगरों को किराए पर देना शुरू कर दिया और इस प्रकार वे खूब मालामाल होने लगे ।
4. विशाल शहरी आबादी के होने से कानून-व्यवस्था संभालने वाला पुलिस अधीक्षक पर क्या असर पड़ता है ? ऐतिहासिक उदाहरणों के साथ समझाएँ । 
उत्तर – कानून-व्यवस्था संभालने वाला पुलिस अधीक्षक पर प्रभाव – शहरी आबादी के बढ़ने से पुलिस अधीक्षक की मुसीबतें और जिम्मेदारियाँ अनेक प्रकार से बढ़ गई—
(क) जैसे-जैसे लंदन बढ़ा वहाँ अपराध भी बढ़ने लगे। एक अनुमान के अनुसार 1870 के दशक में अपराधियों की गिनती बढ़ते-बढ़ते 20,000 तक पहुँच गई । छतों से लोग सीसा चुरा लेते थे, दुकानों से खाने की चीजें उठा लेते थे, कोयले के ढेर उठा लेते थे या घरों में सुखाने के लिए डाले गए कपड़े उठा ले जाते थे। सड़कों पर ठगो और जालसाजों, जेबकतरों और छोटे-छोटे चोरो की भरमार हो गई। हर अपराधी नागरिकों के लिए ही नहीं वरन् पुलिस अधीक्षकों के लिए समस्या बन गई ।
(ख) जब कभी छोटी-छोटी झोपड़पट्टियों में आग लग जाती थी और वहाँ अनेक गरीब लोग मौत का शिकार हो जाते थे तब सरकार के विरुद्ध जलसे और जुलूस निकालने लगते थे तो इस सारी मुसीबत को पुलिस वालों को ही सामना करना पड़ता था।
(ग) जब कभी मजदूर लोग अपने अच्छे वेतन और अच्छे आवास के लिए आंदोलन पर उतारू हो जाते थे तो पुलिस के लिए एक आफत-सी आ जाती थी । जुलूस में शामिल प्रदर्शनकारियों पर सख्ती करें तो मुसीबत न करें तो स्वयं मौत का शिकार बनने की संभावना बनी रहती थी।
संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि अन्धाधुन्ध आबादी का बढ़ना पुलिस के लिए मुसीबतों का बढ़ना होता था ।
5. विशाल शहरी आबादी के होने से राजनीतिक दल का नेता पर क्या असर पड़ता है ? ऐतिहासिक उदाहरणों के साथ समझाएँ ।
उत्तर – विशाल शहरी आबादी का राजनीतिक दल के नेता पर प्रभाव – शहरों की बढ़ती हुई आबादी अनेक समस्याओं की जन्मदाता थी। ऐसे में अनेक राजनीतिक नेताओं को, विशेषकर विरोधी दलों के नेताओं को अपनी रोटियाँ सेकने का अच्छा अवार मिला जाता था। सरकार की मुसीबतें तो बढ़ती हुई संख्या से बढ़ती ही जाती थी मगर विरोधी दलों के लोगों को कभी वेतन के लिए, कभी मकान के लिए, और कभी वोट के अधिकार आदि पर उकसाना आसान होता गया। बड़ी आबादी सारे वातावरण को कुरुक्षेत्र का मैदान बना देती थी जहाँ हर एक नेता अपने-अपने उद्देश्य प्राप्त करने में लग जाता था। बड़ी आबादी उन्हें ऐसा करने का सुअवसर प्राप्त कराती थी, इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं ।
6. उन्नीसवीं सदी में धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की जरूरत का समर्थन क्यों किया ?
उत्तर – 19 वीं सदी में धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की जरूरत का समर्थन किया जिसके मुख्य कारण निम्नांकित थे –
(क) लंदन में कामगारों को काम मिल जाता था इसलिए वे आस-पास के इलाकों से उधर खिंचे आए, परन्तु क्योंकि फैक्ट्रियों के मालिक उनके लिए कोई रहने के मकान आदि नहीं बनवाते थे, इसलिए उन्हें छोटे-छोटे तंग कमरों में किराए पर रहना पड़ता था। परन्तु ऐसे टेनेमेट्स में पशुओं समान रहना पड़ता था। इसलिए बहुत से कामगार जल्दी ही मृत्यु का शिकार हो जाते थे। जहाँ आम लोग 55 साल तक जीते थे वहाँ वे 29 वर्ष से ऊपर नहीं जीते थे ।
(ख) ऐसी झोपड़पट्टियाँ केवल मजदूरों के स्वास्थ्य के लिए ही हानिकारक नहीं थी वरन् अगर वहाँ कोई महामारी फैल जाती तो लंदन के दूसरे निवासी भी उसकी लपेटे में आ सकते थे। इसलिए धनी लंदनवासियों ने मजदूरों के लिए मकान बनाना ही अच्छा समझा ।
(ग) इन झोपड़ियों में आग लगने का भी खतरा था जो दूसरे लंदनवासियों के लिए भयानक सिद्ध हो सकता था ।
(घ) विशेषकर 1917 की रूसी क्रांति के पश्चात् लंदनवासियों को यह डर सताने लगा था कि मजदूर कहीं कोई आंदोलन न छेड़ दे और मारकाट पर उतारू न हो जाए ।
विवश होकर धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने का समर्थन करना शुरू कर दिया ।
7. बम्बई की बहुत सारी फिल्में शहर में बाहर से आने वालों की जिंदगी पर आधारित क्यों होती थीं ?
उत्तर – फिल्म उद्योग के अधिकांश लोग स्वयं बाहर आए थे । वे लोग लाहौर, कलकत्ता, मद्रास आदि नगरों से आए तथा राष्ट्रीय चरित्र में सहयोग दिया। उन दिनों लाहौर से आए लोगों ने जो पहले पंजाब में था, हिन्दी फिल्म उद्योग के विकास में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था। कई प्रसिद्ध लेखकों जैसे इस्मत चुगताई और सादत हसन मंटो ने हिन्दी सिनेमा के उत्थान में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
8. लंदन में आए उन सामाजिक परिवर्तनों की व्याख्या करें जिनके कारण भूमिगत रेलवे की जरूरत पैदा हुई । भूमिगत रेलवे के निर्माण की आलोचना क्यों हुई ?
उत्तर – दुनिया की सबसे पहली भूमिगत रेल के पहले खंड का उद्घाटन 10 जनवरी 1863 को किया गया । यह लाइन लंदन की पैडिंगटन और फैरिंगटन स्ट्रीट्स के बीच स्थित थी। पहले ही दिन 10,000 यात्रियों ने इस रेल में यात्रा की । इस लाइन पर हर दस मिनट में अगली गाड़ी आ रही थी । 1880 तक भूमिगत रेल नेटवर्क का विस्तार हो चुका था और उसमें सालाना चार करोड़ लोग यात्रा करने लगे थे। शुरू में भूमिगत यात्रा की कल्पना से लोग डर जाते थे। बहुत सारे लोगों का मानना था कि इन ‘लौह दैत्यों’ ने शहर की अफरा-तफरी और अस्वास्थ्यकर माहौल को और बढ़ा दिया है ।
निर्माण की प्रक्रिया में होने वाले बेहिसाब विनाश के बारे में चार्ल्स डिकेंस ने डॉम्बी ऐण्ड सन (1848) में लिखा- मकान गिरा दिए गए, सड़कों को तोड़ कर बंद कर दिया गया, जमीन में गहरे गड्ढे और खाइयाँ खोद दी गई, चारों तरफ बेहिसाब मिट्टी और धूल के अंबार लगा दिए….. अधूरेपन की सौ हजार शक्ल और पदार्थ सामने थे, उलट-पुलट अपनी जगह अदलते-बदलते, जमीन में धँसे हुए …. |
9. शहरों की मुख्य विशेषताएँ लिखें ।
अथवा, शहरों और गाँवों के बीच क्या फर्क होते हैं ?
उत्तर – (क) शहर (जैसे- बंबई और लंदन) आकार में बड़े होते हैं, उनकी आबादी अधिक होती है जबकि गाँव व कस्बे (जैसे- उर, निप्पुर और मोहनजोदड़ो) आदि आकार में छोटे होते हैं और वहाँ की आबादी कम होती है ।
(ख) शहरों में खाद्य उत्पादन करने वाले लोगों की कम संख्या होती है जबकि गाँव और कस्बों में खाद्य उत्पादन करने वाले लोगों की संख्या अधिक होती है । शहर तभी अस्तित्व में आते हैं जब एक बड़ी संख्या के लिए भोजन का प्रबंध किया जा सकता है और अनाज बाहर से आ सकता है, गाँव में अनाज बाहर से मंगवाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
(ग) शहर अनेक राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के केन्द्र होते हैं जबकि गाँव एवं कस्बों में ये गतिविधियाँ एक सीमित पैमाने पर होती है। आमतौर पर शहर ही राजनीतिक सत्ता, प्रशासकीय नेटवर्क, व्यापार और उद्योग धार्मिक संस्थाओं तथा बौद्धिक गतिविधियों के एक साथ मुख्य केन्द्र होते हैं जबकि गाँव में ये गतिविधियाँ बिल्कुल सीमित या नहीं के बराबर होती है।
(घ) शहरों में विभिन्न कंपनियाँ, बैंकों, सरकारी विभागों के मुख्य केन्द्र स्थापित होते हैं, जबकि गाँवों या कस्बों में ऐसा कुछ नहीं होता। कभी-कभी वहाँ इनकी स्थानीय इकाइयाँ देखी जा सकती हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

काम, आराम और जीवन

1. लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इंग्लैंड में उन्नीसवीं सदी में मनोरंजन के कौन-कौन से साधन सामने आए ?
उत्तर – 19 वीं शताब्दी में मनोरंजन के नए-नए साधन- विश्व के अन्य भागों की तरह इंग्लैंड के लोगों ने भी मनोरंजन के नए-नए ढंग खोज निकाले –
(क) अमीर लंदनवासियों के लिए एक वार्षिक उत्सव होता था जिसे लंदन सीजन कहा जाता था जहाँ लोगों के मनोरंजन के लिए आपेरा, रंगमंच और संगीत आदि के कई सांस्कृतिक आयोजन किए जाते थे।
(ख) कामगार श्रेणी के लोग अपना खाली समय पब या शराबखानों में बिताते थे । जहाँ वे गप्पें भी मारते थे और ताजा खबरों पर टीका-टिप्पणी भी करते थे।
(ग) 19 वीं शताब्दी में पहुँचते-पहुँचते उपरोक्त मनोरंजन के साधनों के साथ-साथ लोग नए खुलने वाले पुस्तकालयों, कला केन्द्रों और संग्रहालयों में भी रुचि लेने लगे और आनन्द उठाने लगे।
(घ) बीसवीं शताब्दी तक पहुँचते-पहुँचते सिनेमा भी लोगों के मनोरंजन का एक बड़ा साधन बन गया।
(ङ) लोग छुट्टी के दिन समुद्र किनारे जाकर धूप और स्वच्छ हवा का भी आनन्द उठाने लगे।
(च) घोड़ागाड़ियाँ भी लोगों के मनोरंजन का एक साधन बन गई जब लोग अपने परिवारों सहित उसमें सैर करने लगे ।
2. सरकारी नियमन और नए कानूनों ने प्रदूषण की समस्या को किस हद तक हल किया ? निम्नांकित के स्तर में परिवर्तन के लिए बने कानूनों की सफलता और विफलता का एक-एक उदाहरण दें –
(क) सार्वजनिक जीवन । (ख) निजी जीवन ।
उत्तर – प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए विभिन्न सरकारी नियम और कानून- लंदन में रोटी की तलाश में आने वाले कामगारों और मजदूरों ने वहाँ सफाई और स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेक समस्याएँ पैदा कर दी। विवश होकर सरकार और प्राइवेट फर्मों द्वारा सार्वजनिक जीवन और निजी जीवन को सुधारने हेतु कई कदम उठाए जिनमें से मुख्य निम्नांकित हैं –
(क) सार्वजनिक जीवन में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदम –
(i) भीड़ भरी बस्तियों की भीड़ को कम करने, खुले स्थानों को हरा-भरा बनाने और शहर को योजनानुसार बसाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए।
(ii) प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान मकानों की भारी कमी को पूरा करने के लिए किराया नियंत्रण कानून लागू किया गया।
(iii) विभिन्न वास्तुकारों और योजनाकारों ने जैसे- एबेनेजर हाबर्ड, रेमंड उनविन, बैरी पार्कर ने गार्डन सिटी का डिजाइन तैयार किया जिसमें पेड़-पौधों की भरमार हो, साझा बाग-बगीचे हों और खूबसूरत नजारों की व्यवस्था हो ।
(ख) निजी जीवन में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदम- विश्वयुद्धों के मध्य (1919-1939) मजदूर वर्ग के आवास के लिए सरकार ने कोई 10 लाख मकान बनाए जिनमें अधिकतर एक परिवार के रहने लायक छोटे मकान थे।
इन नए नियमों और कानूनों की सफलता और विफलता- प्रदूषण में सुधार के इन सारे नियमों का अधिकतर लाभ समृद्ध व अमीर वर्ग को ही हुआ। जिनके मकान काफी रोशनी वाले और हवादार होते थे। वे छुट्टी के दिनों में शहर से बाहर छुट्टी-गृहों में भी जाकर रह सकते थे परन्तु निर्धन लोगों को तंग मकानों के अतिरिक्त शहर के प्रदूषण को शहर में ही रहकर बर्दाश्त करना पड़ता था।
3. उन्नीसवीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई ?
उत्तर – 19 वीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि के कारण – 19 वीं सदी में बंबई भारत का एक प्रमुख शहर था । इसकी आबादी जो 1872 में कोई 6,44,405 थी वह 1941 में बढ़कर 15,00,000 तक पहुँच गई।
(क) जब 1819 में बंबई को बंबई प्रेसीडेंसी की राजधानी बना दिया गया तो हर राजधानी की तरह बंबई की आबादी का बढ़ना स्वाभाविक ही था ।
(ख) कपास और अफीम के बढ़ते व्यापार के चलते अनेक व्यापारियों और महाजनों के साथ-साथ अनेक दुकानदार और कारीगर लोग भी एक बड़ी मात्रा में बंबई आकर बसने लगे।
(ग) बंबई में जैसे-जैसे कपड़ा मिलों की गिनती बढ़ती गई वैसे-वैसे आसपास के इलाकों से काम करने वाले मजदूर धड़ाधड़ बंबई आने लगे। पहला कपड़ा मिल 1854 ई० में बंबई में स्थापित की गई थी परन्तु 1915 ई० में उनकी संख्या 85 तक पहुँच गई। हर नई कपड़ा मिल का अर्थ था सैकड़ों नहीं हजारो नए मजदूरों का बंबई आगमन ।
(घ) बंबई की बंदरगाह पश्चिमी तट पर स्थित होने के कारण पश्चिमी देशों अफ्रीका और यूरोप के देशों के सबसे निकट है इसलिए बंबई समुद्री व्यापार का सबसे मुख्य केन्द्र बना रहा। इन सामुद्रिक गतिविधियों के कारण भी बंबई की आबादी में काफी वृद्धि हुई ।
(ङ) बंबई में भारत के सबसे पहले रेलवे का आगमन हुआ इसलिए प्रवासी मजदूरों का इस शहर में आना काफी आसान हो गया, परिणाम हुआ जनसंख्या में वृद्धि ।
(च) 1888-1889 में कच्छ के सूखे इलाके में अकाल पड़ जाने के कारण बहुत से लोग बंबई आ गए।
(छ) जब 20 वीं शताब्दी के शुरू में बंबई फिल्म निर्माण का महत्त्वपूर्ण केन्द्र बन गया तो इस मायानगरी ने बहुत से लेखकों और कलाकारों को अपनी ओर आकर्षित किया ।
4. पेरिस के हॉसमानीकरण का क्या अर्थ है। इस तरह के विकास को आप किस हद तक सही या गलत मानते हैं ?
उत्तर – पेरिस के हॉसमानीकरण का अर्थ- इसका साधारण शब्दों में यह अर्थ है कि पेरिस नगर का पुननिर्माण जैसा कि वैरान हासमान नामक वास्तुकार ने 17 वर्ष (1852-1869) में किया। यह काम हॉसमान पेरिस के शासक नैपोलियन तृतीय के कहने पर किया, जो नैपोलियन बोनापार्ट का भतीजा लगता था। इस वास्तुकार ने शहर को खूबसूरत बनाने और किसी प्रकार के विद्रोह की आशंका को दूर करने के उद्देश्य से पेरिस के मध्य से गरीबों की बस्तियों को साफ करवा दिया। शहर भर में सीधी और चौड़ी सड़कें बनाई गईं, खुले मैदान बनाए गए और बड़े-बड़े पेड़ लगवा दिए गए। पूरे शहर की गश्त शुरू की गई, बस अड्डों का निर्माण किया गया तथा टूटी के पानी का प्रबन्ध किया गया ।
पेरिस के हॉसमानीकरण के विरोध में तर्क- कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने पेरिस के पुननिर्माण को गलत ठहराया।
(क) कुछ ने इस बात का विरोध किया कि पेरिस के पुननिर्माण के कारण कोई 3,50,000 लोगों को उखाड़ फेंका गया ।
(ख) कुछ सम्पन्न लोगों का भी यह मानना था कि पुराने शहर को दानवी ढंग से बदल दिया गया है ।
(ग) जबकि कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने पुरानी शैली के खत्म हो जाने और एक उच्चवर्गीय संस्कृति स्थापित हो जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया ।
(घ) कुछ अन्य के अनुसार हॉसमान ने एक जैसे दिखने वाले बुलेवर्ड्स और छज्जों से भरा सुनसान, उदास शहर बनाने के लिए सड़क के जीवन और सड़कों को मार डाला है।
पेरिस के हॉसमानीकरण के पक्ष में तर्क– परन्तु हॉसमान के विरोध में मचा यह हल्ला शीघ्र ही गर्व के भाव में तब्दील हो गया ।
(क) पेरिस के नए नगर की विश्व भर में प्रशंसा होने लगी। यह नई राजधानी पूरे यूरोप के लिए ईर्ष्या और प्रशंसा का विषय बन गई ।
(ख) पेरिस यूरोप ही नहीं वरन् सारे विश्व पर अपने नवीन वास्तु-शील्पीय, सामाजिक और बौद्धिक प्रयोगों के कारण पूरी सदी तक प्रभाव डालता रहा।

हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..

  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *