NCERT Solutions Class 10Th Social Science Chapter – 8 लोकतंत्र की चुनौतियाँ (नागरिकशास्त्र – लोकतांत्रिक राजनीति – 2)

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NCERT Solutions Class 10Th Social Science Chapter – 8 लोकतंत्र की चुनौतियाँ (नागरिकशास्त्र – लोकतांत्रिक राजनीति – 2)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

लोकतंत्र की चुनौतियाँ

1. दुनिया के लगभग कितने हिस्से में लोकतांत्रिक वायवस्था है ?
उत्तर – लगभग एक चौथाई हिस्से में ।
2. विश्व के किन्हीं तीन लोकतांत्रिक देशों के नाम लिखें l
उत्तर – इंग्लैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत आदि ।
3. विश्व के तीन गैर-लोकतांत्रिक देश कौन-कौन से हैं ?
उत्तर – म्यांमार, पाकिस्तान और नाइजीरिया ।
4. इब्राहम लिंकन के अनुसार लोकतंत्र की क्या परिभाषा है ? 
उत्तर – इब्राहम लिंकन के अनुसर लोकतंत्र ऐसी सरकार को कहते हैं “जो लोगों की हो, लोगों के लिए हो तथा लोगों के द्वारा बनाई गई हो । “
5. एक ऐसे देश का नाम लिखें जहाँ चुनाव के पश्चात् भी सत्ता सैनिक अधिकारियों के पास है।
उत्तर – पाकिस्तान ।
6. एक ऐसे देश का नाम लिखें जहाँ महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं होता।
उत्तर – साउदी अरब जहाँ महिलाओं को वोट का अधिकार नहीं है इसलिए ऐसे देश को लोकतंत्र नहीं माना जा सकता।
7. एक ऐसे देश का नाम लिखे जहाँ के मूल निवासियों के वोट का मूल्य बाहर से आकर बसने वाले लोगों के वोट के मूल्य से अधिक होता है।
उत्तर – फिजी जहाँ के मूल निवासियों के वोट का महत्व भारतीय मूल के फिजी निवासियों के वोट से अधिक है।
8. आप किस प्रकार की सरकार को पसन्द करेंगे- लोकतंत्र को या तानाशाही को ? 
उत्तर – लोकतंत्र को ।
9. लोकतांत्रिक सुधार किसे कहते हैं ?
उत्तर – लोकतंत्र की विभिन्न चुनौतियों के बारे में सभी सुझाव या प्रस्ताव लोकतांत्रिक सुधार कहे जाते हैं ।
10. नेपाल 2005 तक एक लोकतांत्रिक देश क्यों नहीं, कारण बताएँ। 
उत्तर – (क) नेपाल में लोगों के द्वारा चुनी गई सरकार नहीं थी ।
(ख) नेपाल का राजा लोगों द्वारा शासक नहीं चुना गया है बल्कि राज परिवार में जन्म लेने के कारण उसने यह हक पाया है।
11. म्यांमार एक लोकतांत्रिक देश क्यों नहीं है ?
उत्तर – (क) म्यांमार में चुनी हुई सरकार का शासन नहीं है वरन् वहाँ सैनिक अधिकारियों का शासन है जिनका चुनाव लोगों ने नहीं किया है ।
(ख) शासन के फैसलों में लोगों की कोई भागीदारी नहीं है ।
(ग) जो कोई सैनिक अधिकारियों के विरुद्ध बोलता है उसे जेल में डाल दिया जाता है।
12. पाकिस्तान एक लोकतांत्रिक देश क्यों नहीं है ? कारण बताएँ ।
उत्तर – (क) पाकिस्तान में चुनाव अवश्य हुए परन्तु सर्वोच्च सत्ता सेना के अधिकारियों और जनरल मुशर्रफ के हाथ में है।
(ख) लीगल फ्रेमवर्क आर्डर के अनुसार राष्ट्रपति जब चाहे राष्ट्रीय और प्रांतीय एसेम्बलियों को भंग कर सकता है।
13. क्या सऊदी अरब एक प्रजातन्त्रीय देश है ? कारण बताएँ ।
उत्तर – (क) सऊदी अरब के शाह लोगों द्वारा शासक नहीं चुने जाते वरन् राज परिवार में जन्म लेने के कारण ही उन्होंने यह हक पाया है।
(ख) वहाँ महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं है जो सरासर लोकतन्त्रीय नियमों की अवहेलना है।
14. क्या कानून बनाकर राजनीतिक को सुधारना ठीक है ?
उत्तर – नहीं, केवल कानून बनाने से सुधार लाना लाभकारी नहीं रहता। कानून अवश्य सुधार कार्य में सहायता देते हैं, परन्तु इसके साथ-साथ राजनीतिक कार्यकर्ताओं, राजनैतिक दलों, आन्दोलनों और सचेत नागरिकों के प्रयत्न और सहयोग भी आवश्यक है |

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

लोकतंत्र की चुनौतियाँ

1. एक अच्छे लोकतंत्र की मुख्य विशेषताएँ लिखें। 
उत्तर – लोकतंत्र एक ऐसी शासन पद्धति है जहाँ शक्ति का स्रोत जनता है, सरकार जनता के प्रतिनिधियों द्वारा बनाई जाती है और वह जनता की भलाई के लिए ही कार्य करती है। एक अच्छे लोकतंत्र की मुख्य विशेषताएँ निम्नांकित हैं –
(क) लोगों द्वारा चुने गए सदस्य ही देश के शासन की बागडोर सम्भालते हैं और सारे प्रमुख फैसले वे स्वयं करते हैं ।
(ख) लोकतंत्र में चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से होते हैं और चुनाव द्वारा लोग जब चाहे मौजूदा शासकों को बदल सकते हैं।
(ग) लोकतंत्र की तीसरी विशेषता यह है कि इसमें सभी लोगों को सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार के नियमों के अनुसार समान रूप से वोट देने का अधिकार उपलब्ध होता है
(घ) चुनाव द्वारा चुनी गई सरकार संविधान द्वारा निश्चित बुनियादी कानूनों और नागरिक अधिकारों की सीमा में रहते हुए काम करती है।
2. ‘लोकतंत्र सरकार का एक ऐसा स्वरूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं। लोकतंत्र की इस परिभाषा को आप कहाँ तक उचित मानते हैं ?
उत्तर – “लोकतंत्र सरकार का एक ऐसा स्वरूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं” लोकतंत्र की एक सरल-सी परिभाषा है। इस कसौटी पर कसते हुए हम यह आसानी से कह सकते हैं कि साऊदी अरब और म्यांमार की सरकारें लोकतांत्रिक नहीं क्योंकि वहाँ के शासक लोगों द्वारा चुने हुए नहीं होते।
परन्तु लोकतंत्र की उपरोक्त परिभाषा लोकतंत्र के केवल एक पक्ष को ही प्रतिबिम्बित करती है। इसलिए यह पर्याप्त नहीं है। केवल चुनाव कराने से कोई सरकार लोकतांत्रिक सरकार नहीं बन जाती । चुनाव तो पाकिस्तान, चीन और इराक में भी बराबर करवाए जाते हैं क्या इतने में ही वे सरकारें लोकतंत्र बन गईं ? नहीं क्योंकि पाकिस्तान में वास्तविक सत्ता सैनिक अधिकारियों के पास में है, चीन में सत्ता का केन्द्र केवल एक ही राजनीतिक दल और इराक में सत्ता की बागडोर औरों के हाथ में है। केवल सैनिक अधिकारियों, एक ही राजनीतिक दल या विदेशी शक्ति के हाथ में सत्ता किसी भी हालत में लोकतंत्र की स्थापना नहीं कर सकते। इसलिए लोकतंत्र की उपरोक्त परिभाषा पर्याप्त नहीं है ।
3. लोकतंत्र को अर्थपूर्ण बनाने के लिए नागरिकों को भली प्रकार अवगत होना और सामाजिक दृष्टि से उत्तरदायी होना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर – लोकतंत्र को अर्थपूर्ण बनाने के लिए नागरिकों को भली प्रकार अवगत होना और सामाजिक दृष्टि से उत्तरदायी होना बड़ा आवश्यक है। इसके मुख्य कारण निम्नांकित हैं –
(क) नागरिकों की प्रजातंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका – प्रजातंत्र लोगों द्वारा निर्मित और लोगों के लिए सरकार होती है। इसलिए स्पष्ट है कि लोगों या नागरिकों का प्रजातंत्र में बड़ा महत्त्वपूर्ण भाग होता है क्योंकि प्रजातंत्र में सबसे मुख्य उनकी ही भूमिका होती है इसलिए उनका भली प्रकार से अवगत होना तथा सामाजिक दृष्टि से उत्तरदायी होना बड़ा आवश्यक होता है।
(ख) मौलिक अधिकारों का संरक्षण – जैसे प्रजातंत्र के लिए नागरिकों का महत्व है उसी प्रकार नागरिकों के लिए उनके मौलिक अधिकारों का महत्व है। इन मौलिक अधिकारों के बिना नागरिक दास बन कर रह जाएँगे और कुन्द-बुद्धि नागरिक प्रजातंत्र की कैसे रक्षा कर सकेंगे। केवल भली प्रकार अवगत तथा सामाजिक दृष्टि से उत्तरदायी नागरिक ही प्रजातंत्र को अर्थपूर्ण बना सकते हैं।
(ग) एक स्वच्छ समाज का निर्माण- यदि समाज रोगी होगा तो नागरिक अनेक प्रकार की बुराईयों में उलझे रहेंगे। ऐसे में वे लोकतंत्र को कैसे अर्थपूर्ण बनाएँगे। यदि नागरिक भली प्रकार अवगत होंगे ओर सामाजिक दृष्टि से उत्तरदायी होंगे तो समाज की विभिन्न बुराइयों जैसे- दहेज प्रथा, जाति प्रथा, स्त्रियों से दुर्व्यवहार आदि को दूर कर सकेंगे। ऐसे स्वस्थ नागरिक ही प्रजातंत्र को अर्थपूर्ण बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।
4. भारतीय लोकतंत्र के कुशल संचालन में महिलाओं की असमानता किस प्रकार बाधा पहुँचाती है ?
उत्तर – निम्नांकित कारणों से महिलाओं की असमानता लोकतंत्र के लिए बाधक सिद्ध होती है
(क) लोकतंत्र का आधार है समाज में सभी को समानता दिलाना । परन्तु नारियों को पुरुषों के बराबर न समझने से लोकतंत्र विकसित नहीं हो सकता ।
(ख) नारियों को पुरुषों के बराबर स्वतंत्रता भी नहीं है । परन्तु स्वतंत्रता के बिना लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं क्योंकि स्वतंत्रता ही तो लोकतंत्र का मूल आधार है।
(ग) पुरुषों के द्वारा नारियों का शोषण व उत्पीड़न होता है जो कि लोकतंत्र के मार्ग में एक महान बाधा है।
5. अल्पसंख्यकों की चुनौती का भारतीय लोकतंत्र में कैसे हल किया गया है ? 
उत्तर – भारत एक अनेक धर्मों का देश है जिस कारण कभी-कभी प्रजातंत्र के ठीक प्रकार से चलने में समस्याएँ पैदा हो जाती हैं। प्रजातंत्र में बहुमत की सरकार बनती है इसलिए कई बार अल्पसंख्यकों को यह संदेह हो जाता है कि उनसे पूरा न्याय नहीं हो सकेगा और बहुमत के लोग उनके अधिकारों की अवहेलना कर उनको ही पंगु न बना दे। ऐसी धारणा को समाप्त करने के उद्देश्य से भारतीय संविधान ने अल्प-संख्यक लोगों को कुछ अधिकार दे रखे हैं जो अल्पसंख्यकों के अधिकार’ कहलाते हैं ।
भारतीय संविधान ने अनेक धार्मिक तथा भाषाई अल्पसंख्यकों को यह एक मौलिक अधिकार दे रखा है कि वे अपने विद्या संस्थानों को स्थापित कर सकते अल्पसंख्यक लोगों के इस अधिकार को भारतीय संविधान ने पूर्ण संरक्षण दे रखा है। ऐसे संरक्षण ने अल्पसंख्यकों के संदेह को दूर करके उन्हें राष्ट्रीय-धारा में लाने का पूर्ण प्रयत्न किया है ताकि भारत में प्रजातंत्र ठीक ढंग से चल सके ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

लोकतंत्र की चुनौतियाँ

1. लोकतंत्र के सामने आने वाली बड़ी या प्रमुख चुनौतियाँ कौन-कौन सी है ? 
उत्तर – वैसे तो हर देश विशेषकर लोकतांत्रिक देशों के सामने अपनी अपनी अलग-अलग चुनौतियाँ हैं परन्तु कुछ ऐसी बड़ी या प्रमुख चुनौतियाँ भी हैं जिनका सामना सभी लोकतांत्रिक देशों को मिलकर करना चाहिए। ऐसी कुछ बड़ी या प्रमुख चुनौतियाँ निम्नांकित हैं
(क) बुनियादी चुनौती- लोकतंत्र या विश्व के लोकतांत्रिक देशों के सामने एक बड़ी प्रमुख समस्या यह है कि विश्व के एक-चौथाई देशों में जहाँ लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं है वहाँ लोकतंत्र के लिए बुनियादी आधार बनाने की चुनौती है। कैसे वहाँ गैर-लोकतांत्रिक सरकार या सैनिक सरकार को गिराया जाए इसके
स्थान पर वहाँ एक कारगर और संप्रभु शासन व्यवस्था को स्थापित किया जाए इसके लिए गहराई से सोचने और उचित प्रयत्न करने की चुनौती है।
(ख) विस्तार की चुनौती- जिन देशों में लोकतंत्र स्थापित है उन्हें इसके विस्तार करने की चुनौती है। बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धान्तों को कैसे सभी इलाकों, सभी सामाजिक समूहों, सभी प्रशासनिक इकाइयों तक पहुँचाया जाए, कैसे महिला वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग या उपेक्षित वर्ग इस भागीदारी से वंचित न रह जाए इसकी ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
(ग) लोकतंत्र को गहरा और मजबूत करने की चुनौती- सभी लोकतांत्रिक देशों के सामने यह चुनौती है कि कैसे लोकतांत्रिक संस्थाओं और धाराओं को ऐसा मजबूत बनाया जाए ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था का लाभ ऊपर से नीचे तक के वर्गों को पहुँच सके । प्रजातंत्रीय संस्थाओं की कार्यविधि को सुधारने और मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि सभी लोगों की भागीदारी और नियंत्रण में वृद्धि हो और अमीर और प्रभावशाली वर्ग का प्रभुत्व कम हो।
2. भारतीय लोकतंत्र की दो महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का संक्षेप में उल्लेख करें तथा उसके सुधार के उपाय बताएँ।
उत्तर – भारतीय लोकतंत्र की चुनौतियाँ –
राजनीति का अपराधीकरण- आए दिन ऐसा देखा जा रहा है कि संसद या विधान सभाओं में अपराधी प्रवृत्ति के जनप्रतिनिधियों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिससे शासन के सुचारू रूप से संचालन में कठिनाई हो रही है।
उग्रवाद – आज भारत के अधिकांश राज्य उग्रवाद की चपेट में हैं। आज किसी भी रूप में देश के अन्तर्गत कहीं न कहीं उग्रवादी घटनाएँ घटती रहती है। जिससे भारतीय लोकतंत्र के सफल संचालन में व्यवधान उपस्थित हो रहा है।
सुधार के उपाय / सुझाव
(क) राजनीतिक पार्टियों को किसी भी परिस्थिति में अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को टिकट नहीं देना चाहिए ।
(ख) सरकार को भी ऐसा कानून बनाना चाहिए ताकि किसी भी परिस्थिति में अपराधी लोग संसद अथवा विधान सभा या पंचायत समिति के सदस्य नहीं बन सकें।
(ग) जनता को भी ऐसी प्रवृत्ति वाले लोगों को चुनाव में धूल चटानी चाहिए।
(घ) उग्रवाद पर नियंत्रण हेतु सरकार के पास दृढ़ इच्छाशक्ति होनी चाहिए ।
(ड.) आवश्यकता पड़ने पर अति उग्रवाद क्षेत्र को सेना के हवाले कर देना चाहिए।
(च) उग्रवादियों को देश की मुख्य धारा में लाने हेतु सरकार की स्पष्ट एवं उदार नीति होनी चाहिए।
(छ) नेता, अधिकारी एवं उग्रवादियों के बीच गठजोड़ नहीं होना चाहिए ।

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